बोले मथुरा-दीपनगर वालों के साथ हो रहा छल जाने कब घर आएगा गंगाजल
Mathura News - दीपनगर नगर निगम के वार्ड नंबर 37 में निवासियों को पानी और नालियों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गंगाजल पाइपलाइन का कार्य केवल कागजों तक सीमित है, जिससे लोगों को खारे और गंदे पानी का...

दीपनगर नगर निगम के वार्ड नंबर 37 के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र में करीब एक हजार मकान हैं, जिसमें पांच हजार से अधिक लोग रहते हैं। यहां के लोगों को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उनका कहना है कि नगर पालिका परिषद से नगर निगम बन गई लेकिन व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है। गंगाजल पाइपलाइन का कार्य केवल खानापूर्ति साबित हो रहा है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि केवल कागजों में ही दीपनगर में गंगाजल पाइपलाइन का कार्य हुआ है। बताया कि जब गंगाजल पाइपलाइन डाली गई थी तो तब लोगों को अनेकों समस्याओं से जूझना पड़ा था।
अब जब गंगाजल पाइपलाइन डल गई है तब भी लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बताया कि अभी भी लोग खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। गंगाजल पाइपलाइन में या तो सप्लाई नहीं आती है या फिर पाइपलाइन में जगह-जगह लीकेज होने के कारण उसमें कीचड़ वाला पानी आता है। गंगाजल पाइपलाइन डाले जाने के कारण गलियां ऊंची नीची हो गई हैं। नालियां सकरी हो गई हैं और चोक हो गई हैं। जिसके कारण आए दिन जल भराव की स्थिति भी बनी रहती है। बरसात के समय दीपनगर पूरा जलमग्न हो जाता है और नालो का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। स्थानीय निवासी डलाबघर से बेहद परेशान हैं। बताया कि पूरे दिन डलाबघर से बदबू आती रहती है। क्षेत्र में मच्छरों का आतंक बना रहता है। स्थानीय निवासियों में संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। लोगों के लिए मुसीबत बना डलाबघर डलाबघर से स्थानीय निवासी बेहद परेशान हैं। पूरे क्षेत्र का कूड़ा डलाबघर में डलता है। लेकिन नगर निगम द्वारा ना तो इसकी नियमित सफाई नहीं की जाती है और ना ही इसको कवर्ड किया गया है। जिसके कारण पूरे दिन डलाबघर से बदबू आती रहती है। गालियां हो गई हैं ऊंची-नीची स्थानीय निवासियों ने बताया कि बार-बार निर्माण कार्य कराने के नाम पर गलियों को खोद दिया जाता है। गंगाजल पाइपलाइन डाले जाने के कारण गलियां ऊंची नीची हो गई है। नालियां सकरी हो गई हैं। जिसके कारण आए दिन जल भराव की स्थिति भी बनी रहती है। दीप नगर कॉलोनी में खारे पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है। लोगों को पीने योग्य पानी नहीं मिल पा रहा है। मीठे पानी के लिए स्थानीय लोग तरस रहे हैं। लेकिन इस और किसी का ध्यान नहीं है। -सतीश चंद शर्मा गंगाजल पाइपलाइन डालने से गलियां नरक हो गई है। पूरी गली ऊंची नीची हो गई है। जिसके कारण कई जगह गड्ढे भी हो गए हैं तो उनमें जलभराव भी हो जाता है। इसके कारण नालियां भी सकरी हो गई है। -रणवीर भरंगर दीपनगर में गंगाजल पाइपलाइन केवल नाम के लिए डाली गई है। उसका लोगों को सही लाभ नहीं मिल रहा। पानी जब आता है तो लीकेज से गंदगी चली जाती है और दूषित आपूर्ति होती है। -अभिषेक अग्रवाल गंगाजल पाइपलाइन डाले जाने से कोई लाभ तो हुआ नहीं बल्कि स्थानीय लोगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। कभी सप्लाई नहीं होती तो कभी पाइपलाइन में कीचड़ का पानी आता है। -गया प्रसाद शर्मा निगम द्वारा कई महीनो में एक बार नालों की सफाई की जाती है। कर्मचारियों द्वारा नाले से सिल्ट तो निकाल दी जाती है लेकिन कई कई दिन तक उसको वहां से हटाया नहीं जाता है,बदबू का माहौल बना रहता है। -धर्मेंद्र कुमार शर्मा
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