13.45 लाख कुंतल गन्ना पेराई के बाद बंद हो गई चीनी मिल
Mau News - घोसी के बड़ागांव स्थित दि किसान सहकारी चीनी मिल का पेराई सत्र 14 दिसम्बर 2025 को शुरू हुआ। 16 मार्च तक मिल ने 13 लाख 45 हजार कुंतल गन्ने की तौल की, जो लक्ष्य से काफी कम है। किसानों को गन्ना मूल्य के...

घोसी। तहसील अंतर्गत नगर के बड़ागांव में स्थित दि किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड के पेराई सत्र का विगत 14 दिसम्बर 2025 को शुभारम्भ हुआ था। घोसी चीनी मिल में 20 लाख कुंतल लक्ष्य के सापेक्ष 16 मार्च को मिल बंद होने तक 11319 किसानों से 13 लाख 45 हजार कुंतल गन्ने की तौल की गई है। जो लक्ष्य से काफी दूर है। वर्तमान सत्र 2024-2025 के 20 लाख कुंतल पेराई लक्ष्य से काफी कम है। तीन नोटिस जारी करने के बाद गन्ना नहीं उपलब्ध होने पर मिल को बंद किया गया है। चीनी मिल प्रशासन जहां एक ओर पेराई का लक्ष्य हासिल करने का दावा हर साल करता है, लेकिन लक्ष्य हासिल नहीं कर पाता है। लक्ष्य से कम तौल का प्रमुख कारण हर साल किसानों से गन्ने की तौल कराने के बाद गन्ना मूल्य भुगतान के लिये उन्हें लम्बा इंतजार करना पड़ता है। वर्तमान सत्र में जैसे-जैसे सत्र बीतता रहा, चीनी मिल में गन्ने की पेराई की रफ्तार धीमी पड़ती चली गई और मिल बंद होने के बाद कम किए गए लक्ष्य के बावजूद भी निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष करीब साढ़े 6 लाख कुंतल कम गन्ने की पेराई हो सकी।
नवीन पेराई सत्र में 19 करोड़ 25 लाख का हुआ भुगतान
घोसी। तहसील अन्तर्गत नगर क्षेत्र के बड़ागांव में स्थित दि किसान सहकारी चीनी मिल में वर्तमान सत्र 2024-25 के पेराई सत्र के दौरान मिल बंद होने तक किसानों से कुल 13 लाख 45 हजार कुंतल गन्ने की खरीद की गई। वर्तमान सत्र में 29 जनवरी तक हुई गन्ने की तौल का गन्ना किसानों के खाते में 19 करोड़ 25 लाख रुपये गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है। चीनी मिल प्रशासन गन्ना किसानों को उनकी उपज का गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिन के अंदर कराने का दावा करता रहा है, लेकिन इसके बावजूद गन्ना किसानों को मूल्य भुगतान के लिये महीनों का इंतजार करना पड़ता है। इसी क्रम में वर्तमान पेराई सत्र के दौरान 29 जनवरी तक तौले गए गन्ने का 19 करोड़ 25 लाख रुपये भुगतान किसानों के खाते में किया जा चुका है। विगत 29 जनवरी के बाद हुई गन्ना तौल के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।
नो केन में नहीं बंद हुई मिल
घोसी। नगर के बड़ागांव में स्थित दि किसान सहकारी चीनी मिल विगत 14 दिसम्बर को चालू की गई थी। लक्ष्य के सापेक्ष गन्ना की तौल भले ही पीछे रही हो, लेकिन पेराई सत्र के दौरान मेंटेनेंस और अन्य तकनीकी कारणों को छोड़ दे तो चीनी मिल नो केन यानि गन्ने की कमी के कारण एक बार भी बंद नहीं हुई है।
12 मार्च की तिथि नियत
चीनी मिल को बंद करने के लिये 12 मार्च की तिथि नियत की गई थी। जिसके लिये नियमानुसार तीन नोटिस जारी की गई थी। गन्ने की आवक को देखते हुए नोटिस के विपरीत 16 मार्च तक गन्ने की तौल की गई।
डा.विनय प्रताप सिंह, मुख्य गन्ना अधिकारी, चीनी मिल-घोसी।
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