खरीफ फसल की खेती के लिए 2600 टन आएगी डीएपी
Mau News - किसानों की खेती के लिए शासन ने 2600 टन डीएपी की व्यवस्था की है, जिससे किसानों को खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सहकारी समितियों पर पहले से डीएपी उपलब्ध है। धान की खेती की तैयारियां शुरू हो गई...

मऊ। किसानों की खेती-किसानी को लेकर शासन पूरी तरह से अलर्ट है। जल्द ही 2600 टन डीएपी आने वाली है। इसके बाद किसानों को खाद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें आसानी से खाद उपलब्ध हो जाएगी। अभी सहकारी समितियों पर पूर्व की ही डीएपी मौजूद है। यह एडवांस के रूप में विभाग के पास मौजूद रहेगी। जैसे ही जरूरत पड़ेगी, सहकारी समितियों पर भेज कर किसानों को वितरित कर दिया जाएगा। जनपद में कुल 92 सहकारी समितियां हैं। इन समितियों से किसानों को खाद की सप्लाई की जाती है। खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती की तैयारियां किसानों ने शुरू कर दी है।
खेत की जोताई के साथ धान की नर्सरी डाली जा रही है। इसके बाद जून माह से ही धान की रोपाई भी शुरू हो जाएगी। इसे देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से 2600 टन डीएपी की डिमांड शासन से की गई है। इसमें 1300 टन डीएपी और 1300 टन एनपीके शामिल है। विभाग की मानें तो धान की रोपाई के लिए किसानों को डीएपी की सख्त जरूरत पड़ेगी। ऐसे में पहले से ही खाद मंगाई जा रही है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। अभी पीसीएफ के गोदाम में चार टन डीएपी पहले से मौजूद हैं। इसके अलावा समितियों पर भी डीएपी का स्टाक रखा गया है। अभी किसानों को थोड़ी बहुत डीएपी की आवश्यकता है। इस बार मानसून भी जल्द आने की संभावना है। इससे धान को नर्सरी डालने के बाद किसान धान की रोपाई करना भी शुरू कर देंगे, जिसके बाद डीएपी की डिमांड तेज हो जाएगी। इसे देखते हुए डीएपी मंगाई जा रही है। पहले से विभाग सतर्क किसानों के धान की खेती के लिए पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है। 2600 एमटी का स्टाक रहने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो और खाद मंगाई जाएगी। किसान डीएपी के साथ एनपीके का प्रयोग करें। किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो वह विभाग से सीधे संपर्क कर सकते हैं। -जगदीश प्रसाद वर्मा, एजार को-आपरेटिव मऊ।
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