महिलाओं को डिजिटली जागरुक करेगा यशोदा एआई : विजया
Moradabad News - यशोदा एआई अभियान महिलाओं को आत्मविश्वास और डिजिटल सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में आयोजित किया गया, जहाँ महिलाओं को एआई,...

सही बदलाव तब आता है, जब महिलाएं भविष्य के टूल की मास्टर बनती है। यशोदा एआई अभियान केवल एक टेक्नोलॉजी की सीख नहीं बल्की आत्मविश्वास पैदा करने और महिलाओं की डिजिटल सुरक्षा को लेकर कल के लिए तैयारी करना है। यशोदा एआई अभियान महिलाओं को डिजिटली जागरूक करेगा। ये बातें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने महिलाओं के डिजिटल जागरुकता पर जोर दिया। डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद में शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग(एनसीडब्ल्यू) और फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (एफएसएल) के संयुक्त प्रयास से डिजिटल जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षुओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष विजया किशन रहाटकर और डीआईजी अकादमी विकास कुमार वैद्य ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इसके बाद एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने फ्यूचर शिफ्ट लैब के सहयोग से ‘यशोदा एआआई अभियान को लॉंच किया। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एआई सखी पहल शुरू की गई। यह पहल महिलाओं को टेक्नोलॉजी और समावेशन से विकसित भारत में सार्थक योगदान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। इस यशोदा एआअई अभियान मुख्य उद्देश्य गामीण और छोटे कस्बों की महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात एआई, साइबर और डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराना है। यशोदा एआई अभियान में एआई से जुड़े अपराध, डिजिटल प्राइवेसी और सुरक्षा रणनीति जैसे जटिल मुद्दों पर चर्चा की हुई। कार्यक्रम में एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष विजया किशन रहाटकर ने कहा कि यशोदा एआई एक प्रशिक्षण कार्यक्रम से बढ़कर महिलाओं को आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने के साथ डिजिटल दुनिया में उन्नति के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि सही बदलाव तब आता है, जब महिलाएं भविष्य के टूल की मास्टर बनती है। यशोदा एआई अभियान केवल एक टेक्नोलॉजी की सीख नहीं है, वरन आत्मविश्वास पैदा करने, जानकारी रखने, महिला की डिजिटल सुरक्षा को लेकर कल के लिए तैयार करना है। यह भी कहा कि यशोदा एआई मातृत्व का अहम हिस्सा है। यह सभी टेक्नोलॉजी की जननी है, जो महिलाओं को सुरक्षा उपाय प्रदान करके सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने सभी राज्यों में एआई टेक्नोलॉजी में महिलाओं की जागरूकता के लिए अभियान चलाने पर जोर दिया। इस दौरान फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (एफएसएल) के संस्थापक नितिन नारंग ने कहा कि यह केवल एआई साक्षरता के बारे में नहीं है, यह भारत की महिलाओं के लिए सम्मान और डिजिटल सशक्तिकरण के समान अवसर प्रदान करने के बारे में है, जो एक विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रमुख स्तंभ हैं। एफएसएल के सह संस्थाक और निदेशक सागर विश्नोई, यशोदा एआअई के संयोजक प्रणव द्विवेदी ने भी विचार व्यक्त किए। सभी ने भारत के एआई सफर में डिजिटल साक्षरता और महिलाों के लीडरशिप पर जोर दिया। राष्ट्रीय महिला आयोग के रामावतार सिंह, शिवानी डे, संतोष कुलकर्णी, अकादमी के एएसपी महेंद्र सिंह, डीएसपी अंगना शर्मा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में 36 ट्रेनी डीएसपी और करीब 140 अन्य प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। टूल किट भी बांटी गई कार्यक्रम के दौरान याशोदा एआई अभियान के तहत टूल किट भी बांटा गया। यह किट दो बुक के रूप में हैं। छोटी पाकेट बुक को एआआई डिजिटल पासपोर्ट नाम दिया गया है, जो कामगाज, घर और दैनिक उपयोग के एआई टूल्स की एक सरल गाइड है। इसमें ओपन एआई चैटजीपीटी, मेटा एआई, गूगल जेमिनी, ओला द्वारा विकसित कुट्रिम, एक्स के ग्रोक, पेरप्लेक्सिटी एआई, भारत सरकार द्वारा विकसित भाषिणी, अनुवादिनी, गूगल ट्रांसलेटर, कैनवा एआई, माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट, फायरफाइल्स डॉट एआई आदि एआई टूल्स की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा और एआई सुरक्षा के टिप्स भी दिए गए हैं। इसके अलावा एक दूसरी बुक है, जिसमें राष्ट्रीय महिला आयोग के विभिन्न कानून, उससे मदद लेने के तरीके और डिजिटल जागरुकता के बारे में जानकारी दी गई है।
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