Shreemad Bhagwat Katha Day 4 Highlights Life Lessons and Divine Narratives मुसीबत में केवल परमात्मा ही आते हैं काम: शिव शंकर, Moradabad Hindi News - Hindustan
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मुसीबत में केवल परमात्मा ही आते हैं काम: शिव शंकर

Moradabad News - नगर के शिव मंदिर बच्चा बाग में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने गज, ग्राह, समुद्र मंथन, राम और कृष्ण के जन्म की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि जीवन एक नाटक है और परमात्मा ही...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादFri, 13 June 2025 07:51 PM
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मुसीबत में केवल परमात्मा ही आते हैं काम: शिव शंकर

नगर के शिव मंदिर बच्चा बाग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने गज और ग्राह, समुद्र मंथन, राम और कृष्ण जन्म का प्रसंग बड़े ही मार्मिक ढंग से सुनाया। शुक्रवार को आचार्य पंकज शंखधार में व्यास पीठ का पूजन कराया। जिसमें साहू राजीव सहाय, मोहनलाल शर्मा, मुन्ना श्रोत्रिय, अखिलेश श्रीवास्तव, ताराचंद शर्मा आदि शामिल रहे। ढोलक पर संगत बनवारी लाल शास्त्री कर रहे हैं। कथा प्रसंग की चर्चा में कथा व्यास ने कहा की जीवन एक नाटक के समान है और हम सभी लोग उसमें अपनी अपनी भूमिका कर रहे हैं।

कहा कि मुसीबत में केवल परमात्मा ही काम आते हैं। वह भी सच्चे मन से याद करने पर, अन्यथा कुटुंबी, मिलने वाले, मित्र भी साथ छोड़ जाते हैं। इसलिए सांसारिक झमेले में नहीं पड़ते हुए एक मजबूत नाता परमात्मा से ही जोड़ना श्रेयस्कर है। इसके बाद उन्होंने समुद्र मंथन का प्रसंग सुनाया। कथा व्यास ने कहा कि भोले शंकर ने पृथ्वी को बचाने के लिए अपने जीवन की परवाह ना करते हुए विष पी गए जबकि आज उन्हीं के भक्त कुछ कांवडिये मार्ग बाधित कर लोगों की परेशानी की वजह बन जाते है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास की शिवरात्रि को भगवान शिव ने हलाहल विषपान किया था और फाल्गुन मास की शिवरात्रि को शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। कथा के दौरान अयोध्या धाम में श्री राम के साथ चारों भाइयों के प्रकट होने की कथा बड़े मार्मिक ढंग से सुनाई इसके उपरांत कंस जैसे आतताइयों का वध करके धर्म की रक्षा के लिए श्री कृष्णा के जन्म लेने का प्रसंग भी सुनाया। दोनों के जन्म पर बधाइयां गाई गईं। पंडाल को सजाया गया, जयकारे लगे। कथा में चारू शर्मा, कमल कुमार शर्मा ,शिवांगी कौशिक, आशुतोष कौशिक, अशोक कुमार शर्मा, प्रीति शर्मा, सर्वेश कुमार शर्मा, ललिता शर्मा, जगत नारायण शर्मा, रामस्वरूप शर्मा, सुभाष चंद्र शर्मा आदि शामिल रहे।

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