अदालत पर है भरोसा, पुलिस पर नहीं; संभल हिंसा मामले में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए सांसद बर्क
संभल हिंसा की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष बुधवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पेश हुए। इस मामले में कहा कि उन्हें पुलिस प्रशासन और सरकार पर नहीं बल्कि अदालत पर भरोसा है।

उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले वर्ष नवंबर में हुई हिंसा की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष बुधवार को पेश हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि उन्हें पुलिस प्रशासन और सरकार पर नहीं बल्कि अदालत पर भरोसा है। पिछले वर्ष नवंबर में अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हुए थे।
लखनऊ स्थित आयेाग के कार्यालय में करीब तीन घंटे तक इनके बयान हुए। आयोग के सदस्यों ने इनसे 24 नवम्बर को हुए बवाल का पूरा घटनाक्रम जाना। फिर उनसे कई लोगों की भूमिका और पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी को लेकर भी सवाल किए। सूत्रों के मुताबिक सांसद ने आयोग को बताया कि जिस जगह हिंसा शुरू हुई, वहां सर्वे के दौरान कुछ नहीं हुआ था। तब वह संभल में ही मौजूद थे। जिस दिन हिंसा होने की बात कही जा रही है, उस दिन वह शहर में ही नहीं थे। सांसद ने कहा कि न्यायिक आयोग की जांच में वह पूरा सहयोग करेंगे। उन्हें जांच पर पूरा भरोसा है पर पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। सांसद ने बयान में खुद को निर्दोष बताया है। आयोग के दफ्तर में सुहेल के विधायक पिता इकबाल भी मौजूद रहे। हालांकि उनके बयान नहीं लिए गए थे।
मामले की जांच कर रहे आयोग ने सांसद बर्क को बुधवार को लखनऊ में हाजिर होने के लिए समन जारी किया था। सांसद बर्क ने आयोग के समक्ष पेश होने से पहले संवाददाताओं से कहा, “मैंने पुलिस जांच के दौरान पूरी तरह से सहयोग किया और सवालों का सटीक जवाब दिया। आज (बुधवार को) न्यायिक आयोग ने मुझे बुलाया था और मैं यहां आकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं। मैं पूछे जाने वाले सभी सवालों का जवाब दूंगा।”
बर्क ने इस मामले में फंसाए जाने की संभावना के बारे में पूछने पर दोहराया, “हम पुलिस प्रशासन और सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। हमारा अदालतों में पूरा भरोसा है। मैं उम्मीद करता हूं कि जनता को अदालत से न्याय मिलेगा।” उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा, सेवानिवृत्त पुलिस प्रमुख अरविंद कुमार जैन और पूर्व अपर मुख्य सचिव अमित मोहन का तीन सदस्यीय आयोग संभल का कई बार दौरा कर साक्ष्य एकत्रित कर रहा है।