Fire Department Struggles with Shortage of Fire Tenders and Staff in Muzaffarnagar बोले मुजफ्फरनगर: संसाधनों की कमी से जूझ रहे फायर फाइटर्स, Muzaffar-nagar Hindi News - Hindustan
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बोले मुजफ्फरनगर: संसाधनों की कमी से जूझ रहे फायर फाइटर्स

Muzaffar-nagar News - बोले मुजफ्फरनगर --- संसाधनों की कमी से जूझ रहे फायर फाइटर्स

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरMon, 5 May 2025 05:36 PM
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बोले मुजफ्फरनगर:  संसाधनों की कमी से जूझ रहे फायर फाइटर्स

जिला मुख्यालय पर झांसी रानी चौक के निकट स्थित जिला अग्निशमन विभाग पानी भरने के लिए हाइड्रेंट पंप के साथ ही फायर टेंडर व स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। यहां नियनत से दस पुलिसकर्मी कम हैं, वहीं पानी भरने के लिए पूर्व समय के हाइड्रेंट पंप जमीन में दबकर नष्ट हो चुके हैं। इस स्थिति के चलते आगजनी की बड़ी घटना होने पर फैक्ट्री एरिया व आसपास के जिलों से फायर टेंडर मंगाकर काम चलाना पड़ रहा है। वहीं, शहर की तंग सड़कों के साथ ही हर समय रहने वाला जाम भी दमकल विभाग के कोई घटना होने पर घटनास्थल पर समय से पहुंचने में बड़ी बाधा बनता है।

---------- फायर फाइटर मुजफ्फरनगर। लोगों को आगजनी जैसी आपदाओं से बचाने वाला जिला अग्निशमन विभाग खुद की समस्याओं के समाधान के लिए जूझ रहा है। सीएफओ अनुराग कुमार ने बताया कि वर्तमान में जिला मुख्यालय पर पांच हजाार लीटर के दो व ढाई हजार लीटर का एक फायर टेंडर है। इसके साथ ही एक फायर रेस्पॉसेबल व्हीकल, एक योद्धा व्हीकल व एक बाइक टेंडर भी है। जिला मुख्यालय पर एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म व दो फायर टेंडर की कमी है, जिसके लिए शासन को पत्र लिखा गया है। फायर टेंडर की कमी के चलते आगजनी की बड़ी घटना होने पर आपातकालीन स्थिति में जनपद के फैक्ट्री एरिया में मौजूद आठ फायर टेंडरों व आसपास के जिलों से फायर टेंडर व पुलिसकर्मी मंगाने पड़ते हैं। इसके साथ ही विभाग के पास प्रशिक्षित ड्राइवरों की भी कमी है। नियमानुसार, फायर स्टेशन पर जितने फायर टेंडर होते हैं, उतने ही चालक भी होने चाहिए। वहीं, आपात स्थिति के लिए एक-एक अतिरिक्त चालक भी होना चाहिए, जो जनपद में नियुक्त नहीं है। इससे किसी अवसर पर चालक अवकाश पर होने या कोई अन्य कारण से ड्यूटी पर नहीं होने से सभी फायर टेंडर निकालने संभव नहीं हो पाते, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, एफएसओ रामकिशोर यादव ने बताया कि जिला मुख्यालय पर पूर्व समय के पानी भरने वाले लगभग सभी हाइड्रेंट पंप सड़कों के नीचे दबकर या संकरे एरिया में आने के कारण नष्ट हो चुके हैं। वर्तमान में विभाग के पास केवल झांसी रानी व रुड़की रोड पर ही फायर टेंडर में पानी भरने के लिए हाइड्रेंट पंप मौजूद हैं। वहीं, नगरपालिका प्रशासन से वार्ता कर उनकी ट्यूबवेल पर ने के लिए वार्ता की जा रही है, जिसके बाद विभाग के पास पानी भरने की समस्या खत्म हो जाएगी। वर्तमान में जिला अग्निशमन विभाग शहर के अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र झांसी रानी चौक पर स्थित है, जहां हर समय जाम की समस्या रहती है। ऐसे में कहीं भी आग लगने पर शहर की तंग सड़कों व जाम के बीच से निकलकर घटनास्थल पर पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पपड़ती है, जिससे कई बार घटनास्थल पर समय से पहुंचना संभव ही नहीं हो पाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए शहर के जानसठ रोड स्थित गांव सहावली में नए फायर स्टेशन की स्थापना का प्रस्ताव है, जिसके लिए प्रशासन से जमीन का आवंटन होने के साथ ही शासन से इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। बहुत जल्द टेंडर होने व बजट पास होते ही नए फायर स्टेशन के निर्माण का काम चालू करा दिया जाएगा। ------------ जनपद में इन स्थानों पर मौजूद है फायर स्टेशन जनपद में जिला अग्निशमन विभाग का मुख्यालय शहर के झांसी रानी चौक के निकट स्थित है, जबकि जानसठ व बुढ़ाना में दमकल विभाग के सब स्टेशन स्थित हैं। सीएफओ अनुराग कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय पर विभाग के पास नियतन के अनुसार 40 पुलिसकर्मियों का स्टाफ होना चाहिए, जबकि वर्तमान नियुक्तियां 30 ही हैं। वहीं, जानसठ सब स्टेशन पर दो फायर टेंडर व 17 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जबकि बुढ़ाना सब स्टेशन पर एक फायर टेंडर व 15 पुलिसकर्मी नियुक्त हैं। इसके साथ ही खतौली के अस्थायी सब स्टेशन पर भी सीजन के लिए एक फायर टेंडर तैनात किया गया है। ------------ एक साल में हुई आगजनी की 626 घटनाएं मुजफ्फरनगर। जनपद में गत वर्ष 2024 में आगजनी की कुल 626 घटनाएं हुई थीं। इनमें जिला मुख्यालय क्षेत्र में आगजनी की 359 घटनाएं हुईं, जबकि बुढ़ाना सब स्टेशन क्षेत्र में 87 और जानसठ सब स्टेशन क्षेत्र में आगजनी की 180 घटनाएं हुईं। वर्तमान वर्ष 2025 में अब तक आगजनी की 150 से अधिक घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं, जिन पर फायर फाइटर ने अपनी जान जोखिम में डालकर काबू पाते हुए करोड़ों रुपये का नुकसान भी होने से बचाया है। ------------ मई-जून में आग से बचाव के करें उपाय मुजफ्फरनगर। प्रतिवर्ष मई और जून माह में जनपद में आग लगने से सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। तेज गर्मी के साथ ही चलने वाली गर्म हवाओं के कारण आग बहुत तेजी से फैलती है, जिस पर एक समय के बाद काबू पाना काफी दुश्कर हो जाता है। सीएफओ अनुराग कुमार ने इसके लिए जिले के नागरिकों से कई उपायों को ध्यान में रखते हुए काम करने को कहा, ताकि आगजनी की घटनाएं न हों। सीएफओ का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं खेतों में होती हैं। इसके लिए किसानों को अपने खेतों के चारों ओर तीन से चार मीटर चौड़ा फायर ब्रेक बनाना चाहिए, ताकि आग लगने पर दमकल की गाड़ियां तेजी से घटनास्थल पर पहुंच सकें। इसके साथ ही जिन खेतों में या आसपास ट्रांसफॉर्मर रखे हुए हैं, वहां भी तीन से चार मीटर का फायर ब्रेक बनाते हुए जगह खाली छोड़नी चाहिए, ताकि ट्रांसफॉर्मर से उठने वाली चिंगारियां खेतों में न पहुंच सकें। खेतों में या उसके आसपास बीड़ी-सिगरेट नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में कई बार जलती हुई बीड़ी-सिगरेट के साथ ही इन्हें जलाकर फेंकने वाली माचिस की तीली से भी आग लगती है। इसके साथ ही शहर क्षेत्र में जिन घर-दफ्तरों में एसी लगे हैं, वहां एसी को कभी भी लगातार नहीं चलाना चाहिए। एसी लगातार चलाए जाने पर इसका कम्प्रेशर ट्रिप कर जाता है, जिससे शॉर्ट सर्किट होता है और आग लग जाती है। इससे बचने के लिए एसी या तो केवल पांच से छह घंटे लगातार चलाने के बाद कुछ देर के लिए बंद कर देना चााहिए, या फिर इसी समयावधि के लिए एसी में टाइमर सेट करके चलाना चाहिए। वहीं, एसी वाले घर-दफ्तरों की वायरिंग लगातार चेक कराते रहना चाहिए। ------------- --- शिकायतें और सुझाव --- शिकायतें --- 1. आग लगने की सूचना पर यदि चालक अवकाश पर हो तो फायर टेंडर निकालने मे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 2. फायर टेंडर में पानी भरने के लिए हाइड्रेंट पंपो की कमी होने के कारण आपातकालीन स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 3. जिले में आगजनी की कोई भी बड़ी घटना होने की स्थिति में फैक्ट्री एरिया व आसपास के जिलों से फायर टेंडर मंगाने पड़ते है। 4. शहर में जाम और जर्जर सड़कों से निकलकर घटनास्थल पर पहुंचने मे देरी के साथ ही काफी समस्याएं का सामना करना पड़ता है। ------ सुझाव --- 1. फायर टेंडर में पानी भरने के लिए हाइड्रेंट पंपो का निर्माण कराया जाना चाहिए, जिससे आपातकालीन स्थिति में पानी की किल्लत से बचा जा सके। 2. आग की सूचना मिनले पर किसी तरफ से देरी का सामना नही करना पड़े, इसके लिए अग्निशमन विभाग में अतिरिक्त चालकों की तैनाती की जानी चाहिए। 3. किसी भी आपातकालीन स्थिति में आग पर काबू पाया जा सके, इसके लिए फायर स्टेशनों पर फायर टेंडर की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। 4. शहर में जाम और जर्जर सड़कों के कारण घटनास्थल पर पहुंचने मे देरी हो जाती है, जिले में अन्य फायर स्टेशनो का निर्माण कराया जाना चाहिए। ------------- इन्होंने कहां -- गर्मी और तेज हवा के समय आग लगने की सूचना अधिक आती है, ऐसे में खेतों या उसके आसपास किसी भी तरह से आग का प्रयोग करने से बचना चाहिए। आग लगने की घटनाओं पर अंकुश लग सके, इसके लिए अग्निशमन विभाग द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है। अनुराग कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी ----------- वर्तमान में विभाग के पास केवल झांसी रानी व रुड़की रोड पर ही फायर टेंडर में पानी भरने के लिए हाइड्रेंट पंप मौजूद हैं। नगरपालिका प्रशासन से वार्ता कर उनकी ट्यूबवेल पर हाइड्रेंट पंप लगाने के लिए वार्ता की जा रही है, जिसके पानी भरने की समस्या खत्म हो सके। आर के यादव, अग्निशमन अधिकारी ----------- आग और आपात स्थिति में काम के दौरान कई बार जोखिम का सामना करना पड़ता है। जिस कारण आग बुझाते समय घायल तक हो जाते है। मोहित तोमर ----------- आग लगने की सूचना पर यदि चालक अवकाश पर हो तो फायर टेंडर निकालने मे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, चालको की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। सुधीर राणा ----------- अधिक गर्मी के समय आग बहुत तेजी से फैलती है, जिस कारण कई बार आग पर काबू पाना काफी दुश्कर हो जाता है। ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए लोगो जागरूक होने की जरूरत है। रविन्द्र कुमार ----------- फायर टेंडर में पानी भरने के लिए अतिरिक्त हाइड्रेंट पंपो का निर्माण कराया जाना चाहिए। जिससे जरूरत पड़ने पर आसानी के साथ पानी उपलब्ध हो सके। मनोज कुमार ----------- जिले में आगजनी की कोई भी बड़ी घटना होने की स्थिति में फैक्ट्री एरिया व आसपास के जिलों से फायर टेंडर मंगाने पड़ते है, अतिरिक्त फायर टेंडर उपलब्ध कराये जाने चाहिए। अमित पाल ----------- फायर स्टेशन पर जितने फायर टेंडर हैं, उतने ही प्रशिक्षित चालक भी होने चाहिए। वहीं, आपात स्थिति के लिए एक-एक अतिरिक्त चालकों की भी तैनाती होनी चाहिए। मोहम्मद यासीन ----------- शहर में जाम की समस्या और जर्जर सड़कों से निकलकर घटनास्थल पर पहुंचने मे कई बार देरी हो जाती है, जिले में फायर स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। राजीव कुमार ----------- आग लगने की सूचना पर मिलने पर यदि चालक अवकाश पर हो तो फायर टेंडर निकालने मे काफी दिक्कतें आती है, अतिरिक्त चालकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। तीरथ सिंह ----------- गर्मी के मौसम में आगजनी की अधिक घटनाएं सामने आती है, जिस कारण आग पर काबू पाने के लिए फायर पुलिसकर्मियों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए। अंकुर कोहली ----------- आग लगने की सूचना मिलने पर कई बार पर्याप्त पुलिसकर्मी नही होने के कारण काफी समस्याएं सामने आती है, फायर स्टेशनों पर पुलिसकर्मीयों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। भानु प्रताप ----------- कई बार आग लगने की घटना होने पर पुलिसकर्मी आग बुझाते समय खुद भी घायल हो जाते है, पुलिसकर्मीयों को आधुनिक सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जानी चाहिए। प्रवेश कुमार ----------- फायर टेंडर की कमी के कारण आगजनी की बड़ी घटना होने पर आपातकालीन स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, फायर स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। दीपक राठी

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