भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी उंगली पर उठाया
Orai News - उरई में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा सुनाई। जब इंद्र की बारिश से गांव जलमग्न हो गया, तब भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी...

उरई, संवाददाता। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में पांचवें दिन कथावाचक ने भगवान के गवर्धन पर्वत उठाने की कथा पर प्रकाश डाला। व्यास देवी माहेश्वरी श्री जी ने कहा कि तब इंद्र के प्रकोप से पूरा गांव जलमग्न होने लगा तो तब भगवान श्रीकृष्ण ने सभी ग्रामीणों को गोवर्धन पर्वत की ओर चलने का कहा और पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर बृज के लोगों की रक्षा की। उरई शहर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास देवी माहेश्वरी श्रीजी ने पांचवें दिन कथा का रसपान कराते हुए बताया कि इन्द्र ने स्वयं को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए वर्षा करके कहर बरपाया। चारों तरफ बारिश के कारण हाहाकार मच गया। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया। इससे गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गए और वहां शरण ली। भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिरिराज पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। श्रोताओं को कहा कि मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन अपने आप हो जाएगा। अंत में कथा परीक्षित बने करन सिंह राजपूत व उनकी पत्नी तारा राजपूत ने आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया गया।
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