Taxi Drivers in Sant Kabir Nagar Face Tough Conditions Amid Lack of Facilities जिले में स्टैंड बने नहीं , सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारी बैठाने की मजबूरी, Padrauna Hindi News - Hindustan
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जिले में स्टैंड बने नहीं , सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारी बैठाने की मजबूरी

Padrauna News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में 3500 से अधिक ऑटो, टैक्सी का संचालन

Newswrap हिन्दुस्तान, पडरौनाFri, 28 March 2025 03:06 PM
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जिले में स्टैंड बने नहीं , सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारी बैठाने की मजबूरी

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में 3500 से अधिक ऑटो, टैक्सी का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के चालक भी शहर में अपनी गाड़ियां लेकर हर रोज आते हैं। इस टैक्सी चालकों को कोई भी सुविधा नहीं मिलती है। इनका कोई संगठन भी जिले में नहीं है जो उनकी लड़ाई लड़ सके। शहर में आज तक टैक्सी स्टैंड व्यवस्थित नहीं हो पाया है, लेकिन टैक्सी स्टैंड के नाम पर नगर पालिका के ठेकेदार हर रोज वसूली करते हैं।

शहर में न तो टैक्सी स्टैंड हैं और न ही पार्किंग की कोई व्यवस्था की गई है, जिसकी वजह से आए दिन गाड़ियों का चालान कर दिया जा रहा है। एक बार चालान होने पर 500 से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ता है। कई दिन की कमाई जुर्माने में चली जाती है। शाम के समय परिवार में खाली हाथ लौटना बेहद पीड़ादायक होता है। टैक्सी चालक भोला यादव ने बताया कि जिस तरह से तेल का दाम व महंगाई बढ़ती जा रही है, उस अनुपात में किराया नहीं बढ़ाया जा रहा है। एक दिन में 500 रुपये बचाना मुश्किल है। चालक के पास बचत नहीं हो पाती है। अगर अचानक कोई बड़ा खर्च निकल आए तो उसे दूसरों से उधार लेने या घर का जेवर गिरवी रखने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। चालक बेचन ने बताया कि सरकार बेरोजगारी दूर करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन टैक्सी चालकों के कल्याण के लिए कोई योजना नहीं है। ज्यादातर टैक्सी चालकों ने बैंक से कर्ज लेकर गाड़ियां निकाली हैं। कमाई कम होने के कारण किस्त अदा करना मुश्किल हो जाता है। समय के साथ गाड़ी पुरानी होने पर उसमें मरम्मत का काम निकलने लगता है। काफी संख्या में युवा बैंक के लोन के जाल में फंसते जा रहे हैं। यह स्थिति काफी भयावह होती जा रही है, सरकार को इस ओर गंभीरता से सोचना होगा।

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किस्त जमा करने में चूके तो जब्त हो जाता है वाहन

टैक्सी और टेंपो चलाने के रोजगार से जुड़े ज्यादातर लोग बैंक से लोन लेकर ही गाड़ी खरीदे हैं। बैंक की ओर से उनकी हर माह की किस्त बांध दी गई है। आमतौर से यह किस्त 6000 से 10 हजार तक होती है। चालक अगर किसी वजह से दो या तीन किस्त जमा नहीं कर पाता है तो बैंक की ओर से रखे गए लोग सड़क पर से ही गाड़ी को खींच ले जाते हैं। गाड़ी को ले जाकर यार्ड में खड़ा कर दिया जाता है। यार्ड में गाड़ी खड़ा करवाने के नाम पर वाहन स्वामी से 200 रुपये प्रतिदिन की वसूली की जाती है। चालक अनिल ने बताया कि वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, इस कारण कमाई कम हो गई है। किस्त भरने में ही सारी कमाई निकल जाती है।

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क्षतिग्रस्त सड़क से जल्द जर्जर हो जा रहे वाहन

शहर से लेकर गांव तक टूटी सड़कें टैक्सी व ऑटो की दुश्मन हैं। टूटी सड़कों व जगह-जगह बने अनधिकृत स्पीड ब्रेकर के कारण वाहन खराब हो रहे हैं। एक बार वाहन में बड़ी खराबी आने के बाद उसमें लगातार काम निकलता रहता है। इससे कमाई घट जाती है। वाहन स्वामी बेचन प्रसाद का कहना है कि टेंपो आदि हल्के वाहन खराब सड़क पर जल्दी खराब हो रहे हैं। पहले सड़क पर बने गड्ढों से जूझना पड़ता है। इसके बाद अगर सड़क की पैचिंग करा दी गई तो पैचिंग भी इतनी खराब होती है कि वाहन में झटका लगता है। हर हाल में वाहन के खराब होने की आशंका रहती है। एक बार वाहन खराब होने पर कई दिन की कमाई इसकी मरम्मत में चली जाती है।

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किराए पर चलाने वालों को जेब से भरनी पड़ती है रकम

काफी संख्या में ऐसे टैक्सी चालक हैं, जो किराए पर गाड़ी लेकर चलाते हैं। आमतौर से गाड़ी मालिक प्रतिदिन का किराया गाड़ी निकालते समय या शाम को गाड़ी खड़ी करते समय वसूल लेते हैं। ऑटो चालक कामरान का कहना है कि उसे अपने मालिक को 300 रुपये किराया देना होता है।

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शहर में कहीं भी नहीं है टैक्सी स्टैंड

शहर में कहीं भी टैक्सी स्टैंड नहीं है। दूरदराज के चालकों को अपना वाहन खड़ा करने में समस्या हो रही है। दुकान वाले अपनी दुकान के सामने एक मिनट के लिए भी गाड़ी खड़ी करने नहीं देते हैं। ऐसे में हर रोज बड़ी संख्या होती है। वाहन लेकर इधर-उधर भटकना पड़ता है।

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ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर भी होता है दोहन

ऑटो चालकों का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर चालकों का शोषण होता है। विभाग में ज्यादा रुपये की मांग के कारण कई चालक अपना डीएल नहीं बनवा पा रहे हैं। बिना डीएल के वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर भारी जुर्माना लगा दिया जाता है। टैक्सी चालक अवधेश ने कहा कि लर्निंग डीएल बनवाने के नाम पर अधिक पैसा लिया जाता है। साथ ही तमाम प्रमाण पत्र आदि बनवाने के लिए भी परेशान होना पड़ता है। लाइसेंस बनने की प्रक्रिया थोड़ी आसान होनी चाहिए।

नगरपालिका अध्यक्ष जगत जायसवाल ने कहा कि खलीलाबाद नगर पालिका में संचालित सभी रोड के टैक्सी स्टैंड पर सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कार्य शुरू कर दिए गए हैं। जहां की जमीन चिन्हित हो गई है, वहां नपा के द्वारा कार्य कराया जा रहा है। टैक्सी स्टैंड पर यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए लगातार प्रयासरत हूं।

जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि जिला मुख्यालय पर टैक्सी स्टैंड के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है। जल्द ही वहां पर टैक्सी स्टैंड को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके अलावा तहसील मुख्यालय पर भी टैक्सी स्टैंड सुव्यवस्थित करने के लिए निर्देश दिया गया है। रोड पर टैक्सी गाड़ी किसी चौराहे पर नहीं खड़ी होंगी।

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