Constable Duped of Millions by Acquaintances Fake ID Created एलआईयू में तैनात कांस्टेबल से 18.20 लाख रुपये की ठगी, Pilibhit Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsPilibhit NewsConstable Duped of Millions by Acquaintances Fake ID Created

एलआईयू में तैनात कांस्टेबल से 18.20 लाख रुपये की ठगी

Pilibhit News - एलआईयू में कार्यरत कांस्टेबल नितिन मलिक को उसके परिचित ऋषभ चौधरी और उसके परिवार ने 67 लाख रुपये की ठगी कर दी। आरोपी ने फर्जी पुलिस आईडी कार्ड भी बनाया। कांस्टेबल ने लोन लेकर आरोपियों की मदद की लेकिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतThu, 15 May 2025 05:02 AM
share Share
Follow Us on
एलआईयू में तैनात कांस्टेबल से 18.20 लाख रुपये की ठगी

एलआईयू में कार्यरत कांस्टेबल से एक परिचित परिवार ने लाखों रुपये की ठगी कर ली। कांस्टेबल ने भी लोन लेकर परिचितों की मदद कर दी। इसके बाद रुपये वापस मांगने पर आरोपियों ने आनाकानी करना शुरू कर दी। इतना ही नहीं मुख्य आरोपी ने कांस्टेबल का फर्जी आईडी कार्ड भी बना लिया। कांस्टेबल की तहरीर पर सदर कोतवाली में नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के दनकौर थानाक्षेत्र के ग्राम पारसौल के निवासी नितिन मलिक ने तहरीर में बताया कि वह वर्तमान में स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) में कार्यरत हैं। वह वर्तमान में देवहा चौकी परिसर में रहते हैं।

विनायक बिहार कॉलोनी के निवासी ऋषभ चौधरी व उसके परिवार वालों से उनके अच्छे संबंध थे। ऋषभ चौधरी के पिता आजाद कुमार सिंह विकास भवन में बाबू के पद पर तैनात थे, जोकि मार्च 2024 में सेवानिवृत्त हो गए। ऋषभ की आरके इंटरप्राइजेज के नाम से फर्म थी। उसका भाई दिव्यांशु चौधरी उर्फ यश, मां कुसुम सिंह और पिता आजाद कुमार सिंह ने उसे बुलाया और कहा कि उनकी फर्म के खाते में 67 लाख 98 हजार 927 रुपये हैं। किसी कारणवश खाता फ्रीज हो गया है। यह बात कहकर उन्होंने रुपये उधार मांगे। यह भी कहा कि एक प्लॉट का एग्रीमेंट वह मार्च 2023 में करा चुके हैं, रुपये नहीं दिए तो वह कैंसल हो जाएगा। उसने आरोपियों की बातों में आकर अपने वेतन पर 11 अप्रैल 2023 को एसबीआई बैंक से 8.25 लाख, 17 अक्टूबर 2023 को बीओबी बैंक से 9.90 लाख रुपये लोन लेकर आरोपियों की फर्म के खाते में 13.80 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए और 4.40 लाख रुपये नकद दिए गए। आरोपियों ने कहा कि फर्म का जब तक एकाउंट चालू नहीं होता है, तब तक वह किस्त अदा करते रहेंगे। फिर एकाउंट खुलते ही रकम अदा कर दी जाएगी। काफी समय बाद भी जब खाता चालू नहीं हुआ तो उसने रुपये वापस मांगे। इस पर ऋषभ के पिता ने कहा कि वह मार्च 2024 में सेवानिवृत्त होंगे तो फंड से रकम दे देंगे। इसके बाद भी नहीं दिया गया। इसके बाद प्लॉट बेचकर लोन भरने की बात कही गई, लेकिन अप्रैल 2025 में पता चला कि आरोपियों ने उक्त प्लॉट को तो बेच दिया है। इसके अलावा फर्म के खाते में भी कभी इतने रुपये फ्रीज हुए ही नहीं थे। ये भी आरोप लगाया कि आरोपी ऋषभ ने अपना फोटो लगाकर पीड़ित के नाम से फर्जी पुलिस आईडी कार्ड भी बना रखा है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली राजीव कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना की जा रही है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।