अतीत की यादों में खो गए हवलदार प्रीतम सिंह के परिजन
Pilibhit News - सरदार प्रीतम सिंह, जो सेना की सिग्नल कोर में हवलदार थे, का हाल ही में निधन हुआ। उनका परिवार बताता है कि उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की कहानियाँ साझा कीं। उनके पुत्र और पौत्र उन्हें याद करते...

सरदार प्रीतम सिंह सेना की सिग्नल कोर में हवलदार थे। पहलगाम में पर्यटकों पर किए गए निर्मम हमले से चार माह पूर्व इनका देहावसान हो गया। परिवार के लोग बताते हैं कि सरदार प्रीतम सिंह के मन में देश के प्रति ऐसा जज्बा था कि वे भारत पाकिस्तान के बीच 1971 में जब युद्ध का हिस्सा रहे तो वहां की यादों को परिवार के लोगों को बताते रहते थे। भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव और खींचतान से पहले हवलदार रहे दहगला निवासी प्रीतम सिंह का निधन हो चुका है। पर उनके पुत्र कुलवंत और पौत्र ईशान सिंह बताते हैं कि पिता/ दादा जी होते तो जंग की कहानियां सुना रहे होते।
ईशान ने बताया कि दादाजी प्रीतम सिंह ने बताया था कि पाकिस्तान से युद्ध के दौरान कंधे पर वायरलेस लेकर सिग्नल ढूंढते थे। इसके बाद जब मौका मिलता था तो अपने अपड़ेट को अधिकारियों को बताया करते थे। पिछले दिनों उनके निधन के बाद पाकिस्तान से युद्ध के साक्षी रहे प्रीतम के परिजन उनकों याद करते हुए खुद को रोमांचित महसूस कर रहे हैं। ईशान सिंह ने बताया कि हमें फख्र है कि हम एक ऐस फौजी के घर से हैं जिसने पाकिस्तान के दांत खट्टे कि थे।
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