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बोले बेल्हा : कोहंडौर-चंदौका मार्ग पर हर कदम गिट्टी-गड्ढे, पैदल चलना मुश्किल

Pratapgarh-kunda News - अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर चार साल से खस्ताहाल सड़क के कारण हजारों लोगों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। स्कूली बच्चे और बुजुर्ग इस सड़क से चलने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। बारिश में गड्ढों में पानी...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रतापगढ़ - कुंडाThu, 17 April 2025 03:26 PM
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बोले बेल्हा : कोहंडौर-चंदौका मार्ग पर हर कदम गिट्टी-गड्ढे, पैदल चलना मुश्किल

अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के बड़े बाजार से निकलकर ब्लॉक कार्यालय और सीएचसी के सामने से अमेठी जाने वाली सड़क चार साल से खस्ताहाल है। हर रोज स्कूली बच्चों संग हजारों लोगों का आवागमन इस सड़क से हो रहा है। लोग आए दिन गिरकर घायल हो रहे हैं। बीमार बुजुर्ग, महिलाओं के लिए सड़क पर एक कदम चलना भी मुश्किल हो रहा है। इसके बाद भी लोगों को मजबूरी में इस पर चलना पड़ रहा है। सड़क पर इलाके के जनप्रतिनिधि के साथ अधिकारियों का भी आवागमन हो रहा है लेकिन लोगों की समस्या के समाधान के लिए कारगर प्रयास नहीं हो रहा है। इससे इलाके के लोगों में भारी निराशा है। इलाकाई पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही आम लोगों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से जर्जर सड़क पर आवागमन का दर्द साझा किया। कहा कि चार साल से सड़क बदहाल है, यह आने वाली बारिश में मुसीबत को और बढ़ाएगी।

मंगरौरा विकासखंड का कांधरपुर बाजार दशकों से सनई उत्पादन के लिए मशहूर था। अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर कोहंडौर से कांधरपुर होते हुए करीब चार दशक पहले सड़क चंदौका होते हुए अमेठी तक जाने के लिए बनने लगी तो इलाके के लोग खुश हो गए। अब देश भर में बड़े पैमाने पर बन रही सड़कें देख इलाके के लोग व्यथित हैं। इनका कहना है कि यहां चार साल से इस सड़क की मरम्मत नहीं हो पा रही है और महिलाओं, बच्चों संग बुजुर्गों के लिए यह आफत बन गई है। ग्रामीणों ने बताया कि 2018 में सड़क का पुर्ननिर्माण हो रहा था तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका निरीक्षण करने पहुंच गए। उनके सामने अधिकारियों ने सड़क खोदकर गहराई तक चेक किया तो कार्य संतोषजनक पाया गया। इसके बाद तो निर्माण में बेहद लापरवाही की गई। यही कारण था कि सड़क तय अवधि 2023 से दो साल पहले ही टूट गई। इसके बाद फिर इसकी मरम्मत नहीं हो सकी। ग्रामीणों बताया कि कोहंडौर बाजार से सीधे अमेठी तक जाने के लिए यह शार्टकट और भीड़ न होने के चलते पट्टी, मदाफरपुर, किशुनगंज, रामगंज और कोहंडौर इलाके के गांव के लोग इससे जाना पसंद करते थे लेकिन अब सब बंद कर दिए। सबसे अधिक दिक्कत तो बारिश में होती है। पूरी सड़क पर गड्ढे होने की दशा में पानी भर जाता है। चार पहिया वाले कीचड़ से निकल जाते हैं लेकिन बाइक सवारों का निकलना मुश्किल हो जाता है। लोग गिरकर घायल हो जाते हैं। कई बार तो इसमें गिरने से स्कूली बच्चों के कपड़े खराब हो जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन दिनों सड़क पर कीचड़ या पानी नहीं है लेकिन हर कदम पर उखड़ी गिट्टी और धूल कम मुसीबत नहीं है। दिनभर वाहनों के चलने से लगातार धूल उड़ती रहती है। बच्चे घर पहुंचते हैं तो कई बार वे धूल में सने दिखते हैं।

बाइक सवारों ने बदल दिया है रास्ता

कोहंडौर से चंदौका तक करीब तीन दर्जन गांव के लोगों का इस सड़क से आवागमन होता है। ग्रामीणों ने बताया कि चार साल से जर्जर सड़क पर चलना संभव न होने पर नियमित रूप से शहर जाने वाले लोगों ने अपना रास्ता बदल दिया है। लोग कांधरपुर के पास से लिंक मार्ग से होते हुए अंतू के जगेसरगंज के पास पहुंच जाते हैं। रेलवे अंडरपास से जाने वाला यह रास्ता नियमित शहर आने जाने वालों के लिए सुगम दिख रहा है। हालांकि रात में लोगों को इस सुनसान वैकल्पिक मार्ग पर डर लगता है।

फीकी हो गई कांधरपुर बाजार की रंगत

कोहंडौर-चंदौका मार्ग जर्जर होने के कारण इलाके के पुराने बाजार कांधरपुर की रंगत फीकी हो गई। ग्राम प्रधान परमेंद्र सिंह साजू बताते हैं कि सन का कारोबार जौनपुर, वाराणसी तक होता था वह कई साल पहले बंद हो गया था। अपने जिले के साथ अमेठी के भी दर्जनों गांव के लोग कांधरपुर बाजार में ही खरीदारी करने आते थे। अब सड़क खराब होने के कारण दिन भर बाजार सन्नाटे में रहता है। साढ़े 14 बीघा जमीन पर मंगलवार और शुक्रवार को साप्ताहिक बाजार लगती है। इसमें दूर तक के सब्जी, किराना और अन्य सामान के व्यापारियों ने अपना छप्पर, टिनशेड बनाया है। उन लोगों ने साप्ताहिक बाजार में भी दुकान लगाना बंद कर दिया है। कहते हैं कि सड़क खराब होने के कारण ऑटो, लोडर वाले सामान लादकर आने को तैयार ही नहीं होते।

हाईवे से 200 मीटर सीएचसी मार्ग भी जर्जर

अयोध्या-प्रयागराज हाईवे से कोहंडौर में ही स्थित सीएचसी तक जाने वाले 200 मीटर के मार्ग की भी मरम्मत नहीं कराई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि हाईवे से सीएचसी तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। कांधरपुर मार्ग के अलावा एक सड़क पश्चिम ओर से भी वहां तक जाती है लेकिन वह भी जर्जर होने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। सड़क जर्जर होने के कारण एंबुलेंस में भी मरीजों को धक्का लगता है।

जरा हमारी भी सुनिए...

ग्रामीण इलाके की इस सड़क से रोज 10 हजार से अधिक लोगों का आवागमन होता है। कांधरपुर बड़ा बाजार है। अमेठी को जोड़ने वाली इस सड़क पर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए। ताकि राहगीरों की समस्या दूर हो सके।

अंशू तिवारी

कोहंडौर-चंदौका सड़क पर कई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, ब्लाक मुख्यालय, विद्युत उपकेंद्र, रेलवे स्टेशन स्थित है। फिर भी सड़क का निर्माण अधूरा पड़ा है। इससे आए दिन स्कूली बच्चों सहित साइकिल सवार बुजुर्ग गिरकर घायल हो रहे हैं।

एसपी वर्मा

दो महीने पहले सदर विधायक ने सवा छह करोड़ रुपये सड़क के पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृत होने का दावा किया था। अब तक काम शुरू नहीं हो सका। अब जल्दी उम्मीद भी नहीं है। ऐसे में इस बार भी बारिश में लोगों को कीचड़ से जूझना होगा।

कौशलेंद्र तिवारी

सड़क से काली गिट्टी दो साल पहले ही गायब हो गई थी। लोड ट्रकों के आने जाने से सड़क की गिट्टियां किनारे पर जगह-जगह इकट्ठी हो गई हैं। इससे वाहनों के आवागमन में समस्या और भी गंभीर हो गई है।

प्रहलाद तिवारी

इस सड़क पर रात को चलना बेहद खतरनाक हो गया है। गड्ढे में असंतुलित होकर लोग गिट्टी पर गिरकर घायल हो रहे हैं। आसपास के लोगों को अगर कोहंडौर जाना है तो वैकल्पिक रास्ता भी नहीं है। मजबूरी में इस पर चलना पड़ता है।

गोपाल तिवारी

कोहंडौर में ब्लॉक मुख्यालय के साथ ही थाना, सीएचसी और विद्युत उपकेंद्र है। हर रोज इलाके के लोगों को यहां जाना पड़ता है। चार साल से जर्जर सड़क पर चलने में बहुत असुविधा हो रही है। जिम्मेदार समस्या पर गंभीर नहीं हो रहे हैं।

विष्णुमणि तिवारी

अमेठी जिले के भादर इलाके के लोगों का पहले इस ओर बड़ी संख्या में आवागमन होता था। अब चार साल से सड़क खराब होने से पूरी तरह से बंद हो गया है। इलाके के ही लोग मजबूरी में इस सड़क से आते जाते हैं।

राजू वर्मा

सड़क खराब होने के कारण इस पर चलने वाले ऑटो की संख्या कम हो गई है। जिनके पास बाइक नहीं है वे मजबूरी में इस पर साइकिल से आते जाते हैं। जर्जर सड़क पर जगह-जगह गिट्टी का ढेर होने से साइकिल से चलना मुश्किल हो जाता है।

शिवचरण

सड़क खराब होने के कारण इलाके के लोगों के घर रिश्तेदारों का भी आना कम हो गया है। वे घर आने में बहाने बनाते हैं। अगर कहीं साथ जाना होता है तो कहते हैं कि कोहंडौर तक कैसे भी चले आओ।

बसंत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कोहंडौर-चंदौका मार्ग के निर्माण के दौरान गुणवत्ता की जांच के लिए आए थे। सड़क बनी और समय से पहले टूट गई। आज चार साल से अधिक समय से इलाके लोग इसकी मरम्मत की बाट जोह रहे हैं।

मैसाद अहमद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य

सड़क कई साल से खराब है। आम लोगों के साथ ही स्कूली बच्चों को भी परेशानी हो रही है। अब तक इसकी मरम्मत के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं हो सका।

महेंद्र पांडेय, प्रधान प्रतिनिधि

रोज नौकरी, काम, धंधे पर जाने वालों के लिए भारी मुसीबत है। कई बार रात को घर लौटने में देर हो जाती है तो सड़क के गड्ढे अंधेरे में दिखते ही नहीं। ऐसे में लोग गिरकर घायल हो जाते हैं।

विनोद पांडेय

बोले जिम्मेदार

कोहंडौर से कांधरपुर तक सड़क के पुनर्निर्माण के लिए 6.22 करोड़ रुपये पास हो गए हैं। आठ महीने में इसका काम पूरा किया जाना है लेकिन अब बारिश का मौसम करीब है। ऐसे में बारिश से पहले सड़क का निर्माण संभव मुश्किल होगा। बारिश खत्म होने के बाद इसका निर्माण कम समय में पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।

राजेंद्र मौर्य, विधायक सदर

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