इस अक्षय तृतीया पर गोल्ड की खरीदारी में कितनी है समझदारी, एक्सपर्ट्स से समझें
- Gold Price And Akshaya Tritiya: पिछली बार अक्षय तृतीया पर सोने का भाव 88075 रुपये प्रति 10 ग्राम था और इस बार अगर तेजी ऐसी रही तो 1 लाख के पार चला जाएगा। ऐसे में इस अक्षय तृतीया पर क्या सोना खरीदना शुभ तो रहेगा पर लाभ कितना देगा, एक्सपर्ट्स से समझें?

अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल को है। इस दिन लोग सोने की खरीदारी को काफी शुभ मानते हैं। हालांकि, इस बार अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना सबके बस की बात नहीं है। पिछली बार अक्षय तृतीया पर सोने का भाव 88075 रुपये प्रति 10 ग्राम था और इस बार अगर ट्रंप टैरिफ की वजह से तेजी ऐसी ही जारी रही तो एक लाख रुपये के पार चला जाएगा। ऐसे में अक्षय तृतीया पर क्या सोना खरीदना शुभ तो रहेगा पर लाभ कितना देगा, एक्सपर्ट्स से समझें?
शुभ के लिए सोना खरीदें और अच्छे रिटर्न के लिए चांदी
केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया ने बताया कि पिछले कई साल से अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना शानदार रिटर्न देता रहा है। पिछले दो साल से डबल डिजिट में रिटर्न दिया है। अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी को लेकर केडिया कहते हैं कि शुभ-लाभ के लिए सोना लीजिए और अच्छे रिटर्न के लिए चांदी। उन्होंने बताया कि एक साल में सोना लगभग 40 प्रतिशत का रिटर्न ऑलरेडी दे चुका है। अब बहुत अधिक बढ़ने की उम्मीद नहीं है। दूसरी ओर गोल्ड-सिल्वर रेशियो दूसरी बार 100 से ऊपर है। इसका मतलब यह है कि सोने के मुकाबले चांदी काफी सस्ती है। इसमें अच्छे रिटर्न की संभावनाएं हैं।
सोने में तेजी के कारण
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे की वजह पर क्रिसिल के सीनियर डायरेक्टर राहुल गुहा ने हिन्दुस्तान को बताया, "पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतें काफी बढ़ी हैं और हाल ही में ये 3300 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। इसके चार मुख्य कारण हैं। मांग में वृद्धि, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं, व्यापार तनाव और महंगाई व आर्थिक मंदी की आशंकाएं।
सुरक्षित निवेश के रूप में सोना: रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष जैसी घटनाओं ने दुनिया भर में अनिश्चितता बढ़ा दी है। इस वजह से निवेशक और केंद्रीय बैंक सोने को सुरक्षित संपत्ति मानकर खरीद रहे हैं।
अमेरिका के व्यापार नियम: अमेरिका ने हाल ही में आयात शुल्क बढ़ाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ा है और आर्थिक मंदी व महंगाई की आशंका बढ़ी है। इससे भी सोने की मांग बढ़ी है।
भारत में सोने के दाम: भारत में सोना पहले से ही 2024-25 में 25% महंगा हो चुका था, और अप्रैल 2025 के पहले 15 दिनों में ही 20% और बढ़ गया है। इसकी एक वजह रुपये का कमजोर होना भी है, क्योंकि भारत ज्यादातर सोना आयात करता है।
क्या सोने की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है? अगर हां, तो कब?
इस सवाल के जवाब में गुहा कहते है, "सोने की कीमतें लंबे समय में हमेशा बढ़ती रही हैं, लेकिन कभी-कभी मध्यम अवधि में उनमें गिरावट भी आती है। " उन्होंने उदाहरण के साथ कहा कि कोविड के दौरान (मई-अगस्त 2020) सोना तेजी से बढ़ा, लेकिन सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक गिरावट देखी गई। फिर दिसंबर 2022 में ही वह स्तर फिर से हासिल हुआ।
उन्होंने बताया, “ अगर अमेरिका के व्यापार नियमों में स्पष्टता आती है या भू-राजनीतिक तनाव कम होता है, तो कीमतों में कुछ समय के लिए गिरावट आ सकती है। लंबी अवधि में सोना एक सुरक्षित संपत्ति है, इसलिए भविष्य में भी इसकी कीमतें बढ़ने की संभावना है। छोटे समय में गिरावट हो सकती है, लेकिन लंबे समय में सोना महंगा ही होगा।”