सनस्क्रीन विज्ञापन विवाद में मामाअर्थ की बड़ी जीत, HUL को कोर्ट से झटका
- दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया कि लैक्मे सनस्क्रीन विज्ञापन भ्रामक है और प्रतिद्वंद्वी ब्रांडों को खारिज करता है। न्यायालय ने HUL को 24 घंटे के भीतर अपने ऑनलाइन विज्ञापन और 48 घंटे के भीतर होर्डिंग हटाने का निर्देश दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट में मामाअर्थ ब्रांड की पैरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, कोर्ट ने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) से लैक्मे सनस्क्रीन विज्ञापन हटाने को कहा है। होनासा कंज्यूमर की शिकायत के बाद कोर्ट ने यह आदेश गुरुवार (17 अप्रैल) को दिया।
क्या कहा कोर्ट ने
दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया कि लैक्मे सनस्क्रीन विज्ञापन भ्रामक है और प्रतिद्वंद्वी ब्रांडों को खारिज करता है। न्यायालय ने HUL को 24 घंटे के भीतर अपने ऑनलाइन विज्ञापन और 48 घंटे के भीतर होर्डिंग हटाने का निर्देश दिया। इस पर HUL ने कहा कि वह अपने वर्तमान सनस्क्रीन एड कैंपेन को हटा देगा और इसे संशोधित करने वाला है। संशोधन में कम से कम "ऑनलाइन बेस्टसेलर" वाक्यांश को हटाना और वर्तमान में दर्शाए गए पैकेजिंग रंग को बदलना शामिल होगा।
क्या है मामला
होनासा और HUL ने इस सप्ताह एक दूसरे के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। होनासा ने आरोप लगाया कि हाल ही में "एसपीएफ लाई डिटेक्टर टेस्ट" नामक लैक्मे सनस्क्रीन एड कैंपेन ने प्रतिद्वंद्वी उत्पादों को अनुचित रूप से बदनाम किया है। होनासा का आरोप है कि यह विज्ञापन उसके एक उत्पाद डर्मा कंपनी के सनस्क्रीन की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए है।
दरअसल, लैक्मे के विज्ञापन में कहा गया था कि प्रतिद्वंद्वी सनस्क्रीन उत्पाद दावे के अनुसार पर्याप्त एसपीएफ सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहते हैं। इसने दावा किया कि कुछ ऑनलाइन बेस्टसेलर सनस्क्रीन, जो एसपीएफ 50 का दावा करते हैं, वास्तव में लगभग एसपीएफ 20 के बहुत कम सुरक्षा स्तर प्रदान करते हैं। यहां एसपीएफ से मतलब सन प्रोटेक्शन फैक्टर है।
होनासा की को-फाउंडर ने उठाए थे सवाल
इस पर विवाद तब शुरू हुआ जब होनासा की को-फाउंडर गजल अलघ ने लिंक्डइन पोस्ट में बड़े ब्रांडों पर उत्पादों की खुलेआम नकल करने का आरोप लगाया। जवाब में एचयूएल ने एक सार्वजनिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वे पिछले 10 वर्षों से अपने सनस्क्रीन का इन-विवो परीक्षण कर रहे हैं। इसके बाद विवाद को अदालत के समक्ष लाया गया, जिसमें होनासा ने राहत की मांग करते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू की। अब होनासा को बड़ी जीत मिली है।