महाकुम्भ के विकास कार्यों के लिए मिले 1200 करोड़ वापस
Prayagraj News - महाकुम्भ 2025 के दौरान विभागों ने बिना अनुमान के बजट की मांग की। प्रदेश सरकार ने भी मुंहमांगा बजट जारी किया। निर्माण कार्य की वास्तविक लागत का सत्यापन होने पर लगभग 1200 करोड़ रुपये का अतिरेक पाया गया,...

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। महाकुम्भ 2025 के दौरान विभागों ने प्रदेश सरकार से बिना अनुमान ही बजट की मांग की। इस महा आयोजन को भव्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने भी खजाना खोल दिया और मुंहमांगा बजट जारी किया। मेले के बाद जब यहां हुए निर्माण कार्य की वास्तविक लागत का सत्यापन हुआ तो लगभग 1200 करोड़ रुपये का अतिरेक विभागों के खाते में पाया गया। जिसे सरकार को वापस कर दिया गया। यह राशि आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए दिए गए 4700 करोड़ रुपये का लगभग 20 फीसदी है। महाकुम्भ 2025 के लिए तमाम निर्माण कार्य हुए। जिले में 15 नए आरओबी व आरयूबी का निर्माण हुआ, जबकि 400 से अधिक सड़कों का निर्माण कराया गया था।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गेस्ट हाउस, घाट आदि का निर्माण कराया गया था। प्रतिशत के हिसाब से सर्वाधिक हिस्सा प्रयागराज मेला प्राधिकरण का वापस किया गया है। रविवार को जब मेलाधिकारी विजय किरन आनंद प्रयागराज आए तो उनके सामने विभागों के खाते में अवशेष राशि का ब्योरा रखा गया। इसमें अनुमानित बजट अधिक था, जिसके तहत बजट आवंटन हुआ। टेंडर कम कीमतों पर खुला और विभागों के खाते में राशि बची हुई थी। वर्जन महाकुम्भ के दौरान कराए गए काम की जब जांच की गई तो लगभग सभी विभागों के काम की टेंडर लागत अधिक थी और वास्तविक लागत कम थी। जिसके कारण लगभग 1200 करोड़ रुपये का बजट विभागों के खाते में अवशेष था। प्रतिशत के हिसाब से प्रयागराज मेला प्राधिकरण के खाते में सर्वाधिक अवशेष पाया गया। इस राशि को विभागों से लेकर सरकार को भेजने का काम किया जा रहा है। विजय किरन आनंद, कुम्भ मेलाधिकारी
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