सायरन बजा और छाया अंधेरा, धमाकों के साथ लगी आग
Prayagraj News - प्रयागराज में सिविल डिफेंस ने मॉकड्रिल का आयोजन किया। शाम को अचानक सायरन बजा और धमाके होने लगे, जिससे लोग घायल हो गए। फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन टीम ने घायलों को बचाने का कार्य किया। यह रिहर्सल...
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। शाम लगभग साढ़े सात बजे रहे थे। अचानक सायरन बजा और अगले ही क्षण अंधेरा छा गया। देखते ही देखते धमाके होने लगे, आग लगी और दर्जनों लोग घायल होकर गिर पड़े। धमाकों से लगी बड़ी आग पर काबू पाने को फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची तो घायलों को आपदा से निकालने के लिए दूसरी टीम पहुंची। लगभग 15 मिनट बाद एक बार फिर सायरन बजा और इसी के साथ उजाला हुआ और जहां तबाही मची थी, वहां सबकुछ सामान्य था। कैंट हाईस्कूल में मॉकड्रिल के एक दिन पहले मंगलवार रात सिविल डिफेंस ने कुछ इसी अंदाज में रिर्हसल किया।
सिविल डिफेंस के डिप्टी कमांडेंट नीरज मिश्र ने अलग-अलग 10 टीमों का गठन किया। यह टीमें अपनी-अपनी जगह पहुंचीं। कुछ लोग घायल थे तो उन्हें निकालने के एक ही व्यक्ति था। उसने पीछे से जाकर हाथ बांधा और फिर पांव आगे कर घायल को कांधे पर उठाया और बाहर निकाला। अगर घायल का एक पांव घायल है तो उसे बाहर निकालने वाला एक व्यक्ति कांधे का सहारा देकर पांव के नीचे अपना पांव लगाकर साथ चलाकर बाहर निकाल रहा था। इसके साथ ही दोनों हाथ बांधकर कैसे निकालना है, गंभीर घायल होने पर दो लोगों का हाथ लगाकर उठाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी मो. समीर इस्लाम, सिविल डिफेंस के एडीसी राकेश कुमार तिवारी, चीफ वार्डेन अनिल गुप्ता ‘अन्नू भइया, मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. आरके पांडेय, एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद रही। डिप्टी कंट्रोलर ने बताईं प्रमुख बातें - सूचना एयरफोर्स स्टेशन से या फिर सिविल डिफेंस के क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ से मिलेगी। - रेड संकेत का सायरन बजते ही वालंटियर लाल झंडी दिखाएंगे और ब्लैक आउट (बिल्कुल अंधेरा) हो जाएगा। - हमला हो सकता है, आग लग सकती है या फिर बवाल भी हो सकता है। - इसी बीच अग्निशमन की टीम बड़ी आग पर काबू पाएगी। - छोटी आग पर सिविल डिफेंस के वॉलेंटियर्स काबू पाएंगे। - फायर फाइटर्स घायल लोगों को बाहर की ओर ले जाएंगे। - फायर फाइटर्स बेहद कम रोशनी में राहत बचाव कार्य करेंगे। एसडीआरएम उठाएगी जिम्मेदारी एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर लाल चंद्र यादव ने बताया कि आग लगने के दौरान दरवाजा या दीवार काटकर अंदर फंसे लोगों को वो निकालते हैं। इसके साथ ही जहां पर सिविल डिफेंस की टीम नहीं पहुंच पाती है वहां पर इनकी टीम दीवार काटकर रास्ता तैयार करती है।
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