आसानी से घाव भरेगा ट्रिपलआईटी का नया फार्मूला
Prayagraj News - प्रयागराज में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक फार्मूला खोजा है जो बैक्टीरियल संक्रमणों को रोकने और जख्म भरने में मददगार होगा। यह फार्मूला एंटीबायोटिक दवाओं की प्रभावशीलता को भी...
प्रयागराज। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे फार्मूले की खोज की है जो बैक्टीरियल संक्रमणों को रोकने और जख्म भरने में कारगर साबित होगा। इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करते हुए एंटीबायोटिक दवाओं को और प्रभावी बनाएगा। यह फार्मूला भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। ट्रिपलआईटी के अप्लाइड साइंस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सिंतु कुमार सामंता का यह शोध ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ पेप्टाइड रिसर्च एंड थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हुआ है। इस प्रोजेक्ट के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. सिंतु कुमार सामंता ने बताया कि हमारी रिसर्च टीम ने एक खास तरह का छोटा प्रोटीन (जिसे केआर रिपीट्स पेप्टाइड कहते हैं) बनाया है।
इसका काम एक ऐसे एंजाइम को रोकना है जिसे कुछ बैक्टीरिया बनाते हैं। ये बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं (जैसे पेनिसिलिन और अमॉक्सिसिलिन) को बेअसर कर देते हैं, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। अब डॉ. सामंता व उनकी टीम इस पेप्टाइड को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए वे इसे उन अच्छे बैक्टीरिया से मिलने वाले तत्वों (पेपटाइड्स) के साथ जोड़ रहे हैं जो हमारे पेट (गट) में प्राकृ़तिक रूप से पाए जाते हैं। इससे यह पेप्टाइड हमारे शरीर के लिए ज्यादा सुरक्षित (जैविक रूप से संगत) और असरदार बन सकेगा। संक्षेप में यह शोध टीम एक ऐसा प्रोटीन बनाने पर काम कर रही है जो खराब बैक्टीरिया के बचाव तंत्र को तोड़ सके और एंटीबायोटिक दवाओं को ज्यादा असरदार बना सके। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के इस प्रोजेक्ट पर अनन्या अनुराग आनंद, आयुष आमोद ने मिलकर काम किया है। इसके साथ ही केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान लखनऊ (सीडीआरआई) और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के विशेषज्ञों का योगदान भी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।