कवियों को समय की चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए : नरेश सक्सेना
Prayagraj News - प्रगतिशील लेखक संघ इलाहाबाद इकाई ने युवा कवि सुनील कुमार की पहली कविता संग्रह 'उनसे सवाल पूछो' का लोकार्पण किया। वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना ने समय की चुनौतियों को स्वीकार करने की बात की। विशिष्ट वक्ता...

प्रगतिशील लेखक संघ इलाहाबाद इकाई की ओर से सोमवार को युवा कवि सुनील कुमार की पहली कविता संग्रह ‘उनसे सवाल पूछो का लोकार्पण व उस पर परिचर्चा का आयोजन बृजहरि अपार्टमेंट में किया गया। वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना ने कहा कि कवियों को समय की चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए। कविता की शुरुआत अच्छी और प्रभावशाली पंक्ति से करनी चाहिए। विशिष्ट वक्ता वर्तमान भारतीय साहित्य के संपादक बलराम प्रेमनारायण ने कहा कि सुनील कुमार की कविताएं बहुत मार्मिक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बड़ा लिखने के लिए बड़े रचनाकारों को पढ़ना जरूरी है। लेखक प्रियदर्शन ने कहा कि यह कविता पूंजीवाद व बाजारवाद के प्रतिरोध की कविता है।
जयपुर से आए वरिष्ठ कथाकार ज्ञानचंद बागड़ी ने कहा कि युवा कवि ने शीर्षक के अनुरूप पूरे संग्रह में व्यवस्था से सवाल पूछे हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवंश मणि, कवि स्वप्निल श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र राही, प्रो. अनीता गोपेश, कवयित्री संध्या नवोदिता, विशाल श्रीवास्तव आदि ने अपनी बातें रखीं। इसके पहले युवा कवि ने महिलाओं की सीट, मेरा गांव बदल गया, वीडियो कॉल से अंतिम संस्कार आदि कविताओं का पाठ किया। संचालन प्रकर्ष मालवीय ने किया। इस मौके पर संघ के राज्य महासचिव संजय श्रीवास्तव, कॉमरेड आनंद मालवीय, डॉ. आनंद शुक्ल, डॉ. रमेश यादव आदि मौजूद रहे।
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