मॉक ड्रिल: धमाके के बाद जमीन पर लेटे रेलकर्मी, घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल
Prayagraj News - उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक कार्यालय में मंगलवार को एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी की गई। सायरन की आवाज के बाद सभी कर्मचारियों ने जमीन पर लेटकर एयर...

उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक कार्यालय में मंगलवार को एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जैसे युद्ध के हालात हों। अचानक सायरन गूंजा, फिर एक जोरदार धमाके की आवाज, और इसके तुरंत बाद रेलकर्मी जमीन पर लेट गए। यह न कोई हमला था और न ही कोई दुर्घटना, बल्कि मॉक ड्रिल थी, जिसमें युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी की गई। महाप्रबंधक कार्यालय परिसर में आयोजित इस मॉक ड्रिल का नेतृत्व किया उप महाप्रबंधक (सामान्य) रजत पुरवार एवं नागरिक सुरक्षा संगठन के नियंत्रक ने। लगभग 200 अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही सभी कर्मचारियों को एयर अटैक के सिग्नल का पालन करते हुए जमीन पर लेटने और दोनों कानों को हाथों से बंद करने का अभ्यास कराया गया।
विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रक्रिया से बम धमाके के दौरान घायल होने की संभावना 50 प्रतिशत तक घट जाती है। इसके बाद मॉक सिचुएशन के तहत घायल कर्मचारियों को मौके से निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। पिक एंड बैंक, फायरमैन लिफ्ट, टू हैंड सिट और फोर हैंड सिट जैसे तरीकों से कर्मचारियों को उठाकर सुरक्षित स्थान और अस्थायी अस्पताल तक पहुंचाया गया। इस मॉक ड्रिल का संचालन नागरिक सुरक्षा संगठन के उप प्रभारी सतपाल सिंह ने किया। इस अवसर पर जीएम उपेंद्र चंद्र जोशी ने कर्मचारियों के उत्साह और अनुशासन की सराहना की।
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