इविवि एवं कॉलेजों में पीएचडी की सीटें होंगी कम
Prayagraj News - इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पीएचडी की सीटों की संख्या कम होगी। यूजीसी के नए नियमों के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर अधिकतम चार, एसोसिएट प्रोफेसर छह और प्रोफेसर आठ विद्यार्थियों को शोध करा...

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) और कॉलेजों में पीएचडी की सीटें कम हो जाएंगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नए नियमों के अनुसार पीएचडी की सीटों की संख्या कम की जाएगी। इससे शोध करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या पर असर पड़ेगा। यूजीसी रेगुलेशन-2022 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर अधिकतम चार, एसोसिएट प्रोफेसर छह और प्रोफेसर आठ विद्यार्थियों को शोध करा सकेंगे। इससे पहले इविवि एवं संबद्ध कॉलेजों में असि. प्रो., एसो. प्रो. और प्रो. क्रमश: पांच, आठ और सर्वाधिक दस विद्यार्थियों को पीएचडी कराने का प्रावधान था। प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव के चलते पीएचडी की सीटें घटना लाजिमी है। 2024 में छह वर्षों की तुलना में सर्वाधिक 1182 सीटों पर प्रवेश हुआ था।
इसमें इविवि कैंपस में 764 और कॉलेजों में 418 सीटों के सापेक्ष आवेदन लिए गए थे। प्रवेश प्रकोष्ठ की ओर से पीएचडी में दाखिले के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इविवि के विभागों एवं कॉलेजों से पीएचडी के रिक्त सीटों का ब्योरा मांगा गया है। इविवि एवं कॉलेजों में पीएचडी दाखिले के लिए संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) का आयोजन नहीं किया जाएगा। सीधे इंटरव्यू के माध्यम से नेट-जेएआफ अभ्यर्थियों को ही दाखिले दिए जाएंगे। सीटें खाली रहने की स्थिति में अथवा जिन विषयों में नेट की सुविधा नहीं होगी उन्हीं की लिखित परीक्षा होगी। अब तक पीएचडी में प्रवेश के लिए क्रेट के रूप में लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता रहा था। मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था।
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