Surge in Watermelon Demand in Prayagraj Amid Rising Temperatures महाकुम्भ के पुआल से 15 फीसदी बढ़ी तरबूज की पैदावार, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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महाकुम्भ के पुआल से 15 फीसदी बढ़ी तरबूज की पैदावार

Prayagraj News - प्रयागराज में तापमान बढ़ने के साथ तरबूज और खरबूजे की मांग में वृद्धि हुई है। गंगा और यमुना के किनारे 1500 बीघा में तरबूज की पैदावार हो रही है। महाकुम्भ के दौरान रेतीले कछार का लाभ उठाकर किसानों ने नई...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजThu, 8 May 2025 10:52 AM
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महाकुम्भ के पुआल से 15 फीसदी बढ़ी तरबूज की पैदावार

प्रयागराज। जैसे-जैसे उत्तर भारत में तापमान बढ़ रहा है, बाजार में तरबूज और खरबूजे की मांग बढ़ गईं है। प्रयागराज में गंगा और यमुना के किनारे लगभग 1500 बीघा जमीन पर इस वक्त तरबूज की पैदावार हो रही है। महाकुम्भ के दौरान घाट बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के कारण रेतीले कछार मिले और इसका फायदा किसानों को मिल रहा है। किनारे की रेतीली जमीन पर लगभग 15 फीसदी तक तरबूज की पैदावार बढ़ी है। जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि इस बार सिल्वर मल्चिंग का इस्तेमाल किया गया है। इस विधि में तरबूज के छोटे पौधे निकलने के साथ ही उनके चारों तरफ धान का पुआल बिछा देते हैं।

इससे तरबूज के पौधे के आसपास अधिक नमी रहती है और उस पर कीट पतंगों का भी असर नहीं होता। नतीजतन फल बड़े और चमकीले होते हैं। इस बार महाकुम्भ के कारण रेतीली जमीन मिली। इसके साथ ही पुआल भी मिला। जिससे इस तकनीक का इस्तेमाल करने में आसानी हुई। फाफामऊ के किसान बच्चा निषाद का कहना है कि तरबूज में सिंचाई के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है, लेकिन रेतीली मिट्टी में पानी की नमी को रोक पाना मुश्किल होता है। उद्यान विभाग की तरफ से इसके लिए मल्चिंग तकनीकी अपनाने के लिए सलाह दी गई। महाकुम्भ के समय घाटों में बिछाया गया धान का पुआल इसके लिए सहज उपलब्ध हो गया जिसे खेतों में बिछा कर पैदावार की गई। इससे खेतों में देर तक नमी भी मौजूद रही और खरपतवार भी कम हो गया।

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