सीबीआई जांच के बीच एपीएस के प्रमोशन की तैयारी
Prayagraj News - प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों ने 2010 की अपर निजी सचिव भर्ती की वरिष्ठता सूची पर आपत्ति जताई है। छात्रों का कहना है कि सीबीआई जांच के दौरान चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति संदिग्ध है। वे प्रमोशन...

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिव (उत्तर प्रदेश सचिवालय) भर्ती 2010 के माध्यम से चयनित होकर उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत अपर निजी सचिवों की वरिष्ठता सूची जारी करके निजी सचिव पर प्रमोशन की तैयारियों पर प्रतियोगी छात्रों ने आपत्ति की है। प्रमोशन दिए जाने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को तीन बजे सचिवालय प्रशासन विभाग, कार्मिक विभाग, न्याय विभाग और गृह विभाग के अधिकारियों की बुलाई गई बैठक का विरोध भी हो रहा है। प्रतियोगियों का कहना है कि लोक सेवा आयोग की पांच साल की भर्तियों की सीबीआई जांच के दौरान सचिवालय प्रशासन विभाग ने इस भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ शपथ पत्र लेकर सशर्त कार्यभार ग्रहण कराया था कि उनके चयन की जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी जाएगी।
चयनित अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण करने के बाद सीबीआई ने चार अगस्त 2021 को दर्ज कराई गई एफआईआर में साफ तौर से कहा था कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक तथा अन्य अधिकारियों ने आपराधिक साजिश करके चयन सूची में शामिल कतिपय योग्य अभ्यर्थियों को सलेक्शन से वंचित करके अयोग्य एवं अपात्र अभ्यर्थियों के सलेक्शन किए हैं। ऐसी स्थिति में सचिवालय प्रशासन विभाग को सीबीआई से जांच के निष्कर्ष प्राप्त करके अवैधानिक तरीके से नौकरी हासिल करने वाले अपर निजी सचिवों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन सचिवालय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने दागी अपर निजी सचिवों से मिलीभगत करके उनकी वरिष्ठता सूची जारी कर दी और अब उनको निजी सचिवों के पदों पर प्रमोशन देने की नियम विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। प्रतियोगियों का यह भी कहना है कि सीबीआई से मामला संबंधित होने के बावजूद प्रस्तावित बैठक में सीबीआई के अधिकारियों को भी नहीं बुलाया गया है। छात्रों ने सीबीआई जांच पूरी होने तक वरिष्ठता सूची जारी करके निजी सचिवों के पदों पर प्रमोशन देने की प्रचलित प्रक्रिया को तत्काल रोकने और तथ्यों को छिपाकर नियम विरुद्ध प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले सचिवालय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।
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