नकल माफियाओं ने बर्बाद किया छात्रों का डेढ़ साल
Prayagraj News - प्रयागराज में नकल माफियाओं ने प्रतियोगी छात्रों का डेढ़ साल बर्बाद किया। आरओ/एआरओ 2023 की परीक्षा 27 जुलाई 2025 को होगी। पहले 2016 की परीक्षा भी पेपर लीक के कारण रद्द हुई थी। सीबीसीआईडी की जांच में...
प्रयागराज। नकल माफियाओं ने दस लाख से अधिक प्रतियोगी छात्रों का डेढ़ साल का कीमती समय बर्बाद कर दिया। 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा का पेपरलीक होने के तकरीबन डेढ़ साल बाद अब 27 जुलाई 2025 को दोबारा से प्रारंभिक परीक्षा कराई जाएगी। इससे पहले आरओ/एआरओ 2016 परीक्षा भी पेपरलीक के कारण निरस्त करनी पड़ी थी और भर्ती पूरी होने में पांच साल का समय लग गया था। पांच अप्रैल 2021 को अंतिम परिणाम घोषित होने के साथ उस विवाद का अंत हुआ था। 27 नवंबर 2016 को 21 जिलों के 827 केंद्रों पर आयोजित आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा में 3,85,191 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। लखनऊ के एक केंद्र से व्हाट्सएप पर पेपर वायरल होने पर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। एजेंसी ने जांच पूरी होने के बाद 21 सितंबर 2018 को न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।
जिसमें परीक्षा में पेपर आउट होने के कोई ठोस साक्ष्य नहीं होने की बात कही गई थी। जिसके बाद अमिताभ ठाकुर ने सीबीसीआईडी की अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल की थी। विशेष न्यायाधीश सीसीबीआईडी, लखनऊ ने एक जनवरी 2020 को जारी आदेश में सीबीसीआईडी की अंतिम रिपोर्ट निरस्त कर दी और मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए। मामले में देरी होता देख लोक सेवा आयोग ने 14 जनवरी 2020 को प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने हुए दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।
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