बोले प्रयागराज : सात साल से भर्ती नहीं, बताए सरकार कहां जाएं बेरोजगार
Prayagraj News - प्रयागराज में, बेरोजगार युवा जो पिछले सात वर्षों से शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं, उन्होंने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर धरना दिया है। उनकी मांग है कि सरकार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का...
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सात साल से शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे बेरोजगारों का सब्र अब जवाब दे चुका है। डीएलएड और टीईटी/सीटीईटी पास युवाओं ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। उनकी एक ही मांग है कि सरकार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करे। डीएलएड करने वाले पांच लाख से अधिक बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। उत्तर प्रदेश में भर्ती नहीं आने के कारण पड़ोसी राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली आदि की भर्ती में जाने को विवश हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में चार सालों से शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं कराई जा सकी है।
शिक्षक भर्ती परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 1.20 लाख से अधिक पद खाली होने के बावजूद बेसिक शिक्षा मंत्री ने फरवरी में विधानसभा सत्र के दौरान नई भर्ती शुरू करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शिक्षक-छात्र अनुपात पूरा है। यही कारण है कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती में रिक्त 27,713 पदों पर भर्ती शुरू नहीं हो सकी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अगस्त 2024 में बेसिक शिक्षा विभाग को दो महीने में 27,713 पदों पर नए सिरे से भर्ती शुरू करने के आदेश दिए थे। हालांकि स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार बताते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने भर्ती के लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग को रिक्त पदों की सूचना ही नहीं भेजी। नवगठित आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने दो बार सभी अफसरों के साथ बैठक कर रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से रिक्त पदों की कोई जानकारी नहीं दी गई है। आखिरकार भर्ती ही नहीं करनी है तो डीएलएड प्रशिक्षण बंद क्यों नहीं करते हैं। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 79296 पद रिक्त परिषदीय स्कूलों में सीधी भर्ती प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर होती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के स्वीकृत कुल 4,17,886 पदों के सापेक्ष 79,296 रिक्त हैं। इनमें 57,405 पद सीधी भर्ती के और 21,891 पद पदोन्नति के हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत 1,62,198 पदों के सापेक्ष 41,338 पद रिक्त हैं और ये सभी पद पदोन्नति के हैं। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापक 3,38,590 एवं छात्र नामांकन 1,04,93,389 के सापेक्ष छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 एवं 143450 शिक्षामित्र को जोड़ने पर छात्र-शिक्षक अनुपात 22:1 है जो मानक के अनुसार पूर्ण है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापक 1,20,860 एवं छात्र नामांकन 43,14,803 के सापेक्ष छात्र-शिक्षक अनुपात 35:1 है। इसमें 25,223 अनुदेशक की संख्या शामिल कर ली जाए तो छात्र:शिक्षक अनुपात 29:1 है जो मानक के अनुसार पूर्ण है। यूपी में चार साल से नहीं हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा युवाओं का कहना है कि शिक्षक भर्ती को लेकर सरकार की उदासीनता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में चार सालों से शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं कराई जा सकी है। नवंबर 2021 में पेपरलीक के कारण उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 दोबारा 23 जनवरी 2022 को कराई जा सकी थी। प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 12,91,628 अभ्यर्थियों में से 11,47,090 परीक्षा में सम्मिलित हुए और उनमें से 4,43,598 (38.67 या 39 प्रतिशत) पास थे। उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 8,73,553 अभ्यर्थियों में से 7,65,921 परीक्षा में सम्मिलित हुए। इनमें से 2,16,994 (28.33 या 28 प्रतिशत) पास हुए थे। इसका परिणाम आठ अप्रैल 2022 को घोषित किया गया था। जिसमें 660592 अभ्यर्थी पास हुए थे। इन अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती का मौका नहीं मिला और इनके प्रमाणपत्र भी धूल फांक रहे हैं। उधर नवगठित आयोग को टीईटी कराने की जिम्मेदारी मिली है लेकिन परीक्षा के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। बेरोजगारों का दर्द -2018 के बाद से परिषदीय प्राथमिक स्कूल में नहीं आई शिक्षक भर्ती -शिक्षकों के 1.20 लाख पद खाली, फिर भी भर्ती का नहीं आ रहा विज्ञापन प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51112 पदों के रिक्त होने का हलफनाफा लगाया था। डीएलएड 2017, 18 व 19 बैच के लगभग पांच लाख योग्य अभ्यर्थियों को एक बार भी शिक्षक भर्ती का मौका नहीं मिला। हर साल 10 से 15 हजार परिषदीय शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाते हैं। इस हिसाब से सात साल में 70 हजार से अधिक पद खाली हो चुके हैं लेकिन भर्ती का पता नहीं है। --हमारी भी सुनें-- उत्तर प्रदेश में 1.26 लाख पद रिक्त होने के बाद भी सात वर्षों से नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन नहीं आया है। हम सब अब अपनी मांगों को लेकर आयोग में अनवरत धरने पर बैठे हैं, यह निरंतर चलता रहेगा।-रजत सिंह 2018 के बाद से लगभग 10 लाख छात्र डीएलएड कर चुके हैं लेकिन पिछले सात वर्षों से शिक्षा मंत्री अनुपात-समानुपात का पहाड़ा पढ़ा रहे हैं जबकि हजारों अध्यापक रिटायर हो चुके हैं।-मुकेश वर्मा हाईकोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती में रिक्त 27 हजार से अधिक सीटों पर नियुक्ति के आदेश दिए हैं। फिर भी शिक्षा मंत्री का कहना है कि शिक्षक-छात्र अनुपात बराबर है। इसलिए धरना अनवरत जारी रहेगा।-जयशंकर सरोज मैंनें 2017 बैच में डीएलएड किया है। पिछले सात सालों से कोई शिक्षक भर्ती नहीं आई है। हम कोई बड़े घर के लोग नहीं हैं, गरीब घरों से आए हैं। भर्ती न आने की वजह से हम लोग मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं।-दीपक यादव मैं 2019 बैच का प्रशिक्षु हूं। शिक्षक भर्ती न आने के कारण मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो गया हूं। सरकार से यही मांग है कि अनुपात समानुपात का रोना न रोए और शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी करे।-धीरज कुमार मैं 2017 बैच का डीएलएड का विद्यार्थी हूं और जब से हमारा बैच पूरा हुआ है तब से अब तक हमें अपनी योग्यता दिखाने का अवसर ही नहीं मिला। हमें कम से कम एक मौका तो मिले अपनी योग्यता दिखाने का।-अभिषेक गौतम मैं 2017 बैच का डीएलएड का विद्यार्थी हूं। शिक्षक भर्ती नहीं आने के कारण मैं बहुत परेशान हूं। सरकार से हमारा निवेदन है कि जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती निकालने की कृपा करें।-अजय कुमार चौरसिया जब से हमारा कोर्स पूरा हुआ तब से शिक्षक भर्ती नहीं आई है। सरकार से निवेदन है कि हमारी पीड़ा को समझे और जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती जारी करें। प्राथमिक शिक्षक भर्ती बहुत दिनों से नहीं आई है।-सतीश प्रजापति मैं सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि शिक्षक भर्ती के लिए युवाओं को सात वर्षों से आश्वासन दिया जा रहा है पर अब तक भर्ती आई नहीं आई है। गरीब-किसान के बच्चों की मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।-मारूफ मैं गाजीपुर का रहने वाला हूं। शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग पर चल रहे धरने का हम समर्थन करते हैं। जब तक विज्ञापन जारी नहीं हो जाता हम लोग इस धरना को जारी रखेंगे।-विनय कुमार मैं पिछले सात सालों से प्रयागराज में शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहा हूं लेकिन 2018 के बाद से कोई शिक्षक भर्ती नहीं आई है। सरकार शिक्षा के निजीकरण की रणनीति बनाने की तैयारी में है।-राहुल पांडेय मैं औरैया का रहने वाला डीएलएड छात्र हूं। जब तक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हो जाता, हम लोग इस धरने से नहीं हटेंगे। सरकार सो रही है छात्रों के हित में कोई फैसला नहीं हो रहा है।-सनीस सिंह तोमर मैं डीएलएड 2018 बैच का विद्यार्थी हूं। भर्ती ना आने से पीड़ित और दुखी हूं। हम धरने पर डटे हैं और जब तक भर्ती नहीं आती यह लड़ाई लड़ता रहूंगा, चाहे हम लोगों को कुछ भी हो जाए। हम किसी से डरने वाले नहीं हैं।-विकास सिंह उत्तर प्रदेश में 2018 के बाद से कोई शिक्षक भर्ती नहीं आई है। प्रदेश सरकार, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सेवा चयन आयोग से विनम्र निवेदन है कि सूबे में शिक्षकों के जो पद रिक्त हैं उसे जल्द से जल्द भरा जाए।-राहुल कुमार वर्मा मैं 2019 बैच का डीएलएड प्रशिक्षु हूं और प्रयागराज में 2021 से प्राथमिक शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहा हूं। आए दिन सरकार की जुमलेबाजी से परेशान होकर आयोग पर धरना देने आया हूं।-अमूल यादव मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहना चाहता हूं कि जल्द से जल्द नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती शुरू की जाए। जब भर्ती नहीं करनी है तो डीएलएड का प्रशिक्षण बंद क्यों नहीं कर दिया जाता।-राधेश्याम यादव मैं आजमगढ़ से धरने में आया हूं। 2019 से प्रयागराज में रहकर तैयारी कर रहा हूं। योगी सरकार से विनम्र निवेदन है कि भर्ती शुरू करने की कृपा करें अन्यथा यह धरना और विशाल रूप में परिवर्तित हो जाएगा।-अर्जुन यादव मैं अमेठी केएक गरीब किसान का बेटा हूं और सालोरी में रहकर शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहा हूं। मैंने 2017 बैच में डीएलएड किया है और टीईटी-सीटीईटी दोनों पास हूं। सरकार से मांग है कि शिक्षक भर्ती शुरू करें।-कृष्ण कुमार क्या बोले जिम्मेदार बच्चों को समझाया गया है। हमें अधियाचन मिले तो ही भर्ती शुरू कर सकते हैं। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से वार्ता हुई है। छात्रहित में मैं स्वयं दौड़कर लखनऊ गई थी। मुख्यमंत्री के समक्ष भी यह मुद्दा रखा है। उम्मीद है कि जल्द कोई सकारात्मक पहल होगी।-प्रो. कीर्ति पांडेय, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग
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