बोले प्रयागराज : सड़क पर सज रही सब्जी मंडी से जाम, मोहल्लेवालों की खराब होती हर शाम
Prayagraj News - मधवापुर और तुलारामबाग की मुख्य सड़क पर सब्जी मंडी का अतिक्रमण वर्षों से समस्या बना हुआ है। महाकुम्भ 2025 की तैयारी के दौरान कुछ सुधार हुए, लेकिन अब हालात फिर से खराब हो गए हैं। स्थानीय निवासियों को...

मधवापुर और तुलारामबाग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क वर्षों से सब्जी मंडी के अतिक्रमण की समस्या से जूझ रही है। हालांकि महाकुमभ 2025 की तैयारी के तहत इस सड़क से अतिक्रमण हटाकर सब्जी मंडी को सर्विस लेन पर शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन महाकुम्भ समाप्त होने के बाद हालात जस के तस हो गए। अब स्थिति यह है कि न केवल यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि आसपास के निवासियों का अपने ही घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। इस समस्या पर जिम्मेदार खामोश हैं। तुलारामबाग में रहने वाले लोगों के लिए हर शाम मुश्किलभरी हो जाती है। सड़क के दोनों ओर अवैध रूप से लगी दुकानों, ठेलियों और बाइक से आने वाले ग्राहकों की भीड़ के कारण जाम की स्थिति बन जाती है। रोडवेज की बसें भी इसी रास्ते से गुजरती हैं। ऐसे में समस्या विकट हो जाती है। लोग शाम के समय अपने वाहनों को घरों से बाहर नहीं निकाल पाते। हालात यह हो जाते हैं कि पैदल चलना मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह समस्या कोई नई नहीं है। पांच दशक से अधिक समय से तीनकोनिया क्षेत्र में सब्जी मंडी लग रही है। पहले यह मंडी तिनकोनिया चौराहे से आगे परेड की ओर लगती थी। व्यापारी केवल कुम्भ या माघ मेला के दौरान ही सीएमपी कॉलेज की ओर जाने वाली रोड पर दुकान लगाते थे। लेकिन 1989 के कुम्भ मेले के दौरान परेड क्षेत्र से मंडी को हटाकर वर्तमान स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद से ही यह जगह स्थायी सब्जी मंडी के रूप में विकसित हो गई।
2025 के महाकुम्भ से पहले जब सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ, तो सड़क के दोनों ओर सर्विस लेन बनाई गई। अतिक्रमण हटाने के प्रयास के तहत दुकानदारों को सर्विस लेन पर शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन कुम्भ के बाद यह व्यवस्था केवल कागजों तक ही सीमित रह गई। सड़क पर ठेल, तिपहिया वाहन और बाहर से आए अस्थायी विक्रेता फिर से मंडी लगाने लगे। अतिक्रमण के कारण जाम की समस्या विकराल हो गई है।
गौड़ीय मठ मंदिर के सामने मछली मंडी
चौंकाने वाली बात यह है कि गौड़ीय मठ मंदिर के ठीक सामने शाम होते ही न केवल सब्जी, बल्कि मछली बेचने वालों की भी कतार लग जाती है। इससे न केवल श्रद्धालुओं में रोष है, बल्कि मछली की दुर्गंध के कारण आसपास रहना भी मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुबह मंदिर आने वाले श्रद्धालु और टहलने वाले लोग दुर्गंध और गंदगी से परेशान हो जाते हैं। मछली और सब्जी के अवशेषों से गंदगी फैली रहती है। आवारा जानवर विचरण करते रहते हैं।
स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी सवाल
स्थानीय निवासी बताते हैं कि महाकुम्भ में चौड़ी हुई सड़कें, मंडी के कारण संकरी हो जाती हैं। शाम को चलना भी दूभर हो जाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो यह मंडी किसी खतरे से कम नहीं। सड़क पर पार्क की गई गाड़ियां, ठेले और खरीदारी करने वालों की भीड़ के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। आए दिन छोटे हादसे होते रहते हैं, लेकिन इन पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
आईजीआरएस पर शिकायत, मिला निराशाजनक जवाब
स्थानीय लोगों ने स्थिति से परेशान होकर आईजीआरएस (जनसुनवाई पोर्टल) पर भी शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें मांग की गई कि मंडी को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाए। लेकिन जवाब में केवल इतना कहा गया कि प्रशासनिक निर्णय के तहत सर्विस लेन पर सब्जी मंडी लगाई गई है। इससे लोगों में निराशा फैल गई है। वे पूछते हैं कि जब सड़क और सर्विस लेन दोनों अवरुद्ध हो रही हों, तो क्या यह निर्णय जनहित में है?
प्रशासनिक अधिकारी समस्या पर मौन
स्थानीय लोगों का मानना है कि जिस तरह 1989 के पहले मंडी की व्यवस्था थी, उसी मॉडल को फिर से लागू किया जाए। उनका कहना है कि अगर सब्जी मंडी को परेड जैसे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाए, तो इससे तिनकोनिया क्षेत्र को राहत मिलेगी। दुकानदारों को भी स्थायी दुकानें उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। मंडी को व्यवस्थित रूप से किसी तय क्षेत्र में बसाने से पार्किंग, भीड़, दुर्गंध और गंदगी की समस्या का समाधान हो सकता है। लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी इस पूरे मसले पर मौन हैं। न नगर निगम, न ट्रैफिक पुलिस और न ही स्थानीय प्रशासन ने अब तक कोई स्थायी समाधान पेश किया है। कुम्भ जैसे बड़े आयोजन में अस्थायी तौर पर व्यवस्था कर देना ही काफी नहीं होता, जब तक कि बाद में उसे स्थायी रूप से लागू न किया जाए।
शिकायतें
- तिनकोनिया से जीएमपी डॉट पुल तक सड़क पर ठेलिया वालों का अतिक्रमण।
- सड़क पर अतिक्रमण के कारण शाम से लेकर देर रात तक जाम की स्थिति।
- सर्विस लेन में सब्जी मंडी स्थापित होने से स्थानीय लोगों का जीना हुआ मश्किल।
- सब्जी मंडी और मछली मंडी के कारण गंदगी और दुर्गंध से लोगों की परेशानी बढ़ी।
- पूरे इलाके में कहीं पर पार्किंग स्थल न होने के कारण और बढ़ जाती है समस्या।
समाधान
- एक वैकल्पिक मंडी स्थल तय किया जाए, जहां पक्के शेड, पार्किंग और कचरा निस्तारण हो।
- अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई स्थायी रूप से हो और हर हफ्ते निरीक्षण किया जाए।
- जिला प्रशासन धार्मिक स्थलों के सामने मछली या मांस बेचने पर पूर्ण रोक लगाए।
- सर्विस लेन को केवल स्थानीय वाहनों के उपयोग के लिए खुला रखा जाए।
- सड़कों पर दुकान लगाने वालों के खिलाफ नगर निगम की ओर से कार्रवाई की जाए।
पार्षद बोले
सर्विस लेन पर लग रही सब्जी मंडी से स्थानीय लोगों की मुश्किल बढ़ गई हैं। सड़कों पर अतिक्रमण है। इसके लिए परेड में तिरंगा पार्क के पास सब्जी मंडी बनाने की जगह मिलनी चाहिए। वहां पर पार्किंग की समस्या भी नहीं होगी। व्यापारियों को एक स्थान भी मिल जाएगा।
कृष्ण कुमार पाठक, पार्षद, मधवापुर
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दुकान के आगे ठेला लगा कर सब्जी विक्रेता रास्ता बंद कर देते हैं। दुकानदारों का व्यापार चौपट हो रहा है। कई बार नगर निगम के अधिकारियों से कहा गया, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ।
- दीपू मिश्रा, व्यापारी
शाम होते ही सड़क पर ठेले लग जाते हैं। सर्विस लेन पर तो दुकानें लगी ही रहती हैं, जाली के आगे सड़क पर भी ठेले लग जाते हैं। उसके आगे लोग गाड़ियां खड़ी करके सब्जी लेते हैं, जिससे रास्ता बंद हो जाता है।
- संदीप द्विवेदी
सड़क के दो तिहाई हिस्सें में सब्जी मंडी लगती है। थोड़ी सी जगह बचती है, जिसमें से लोगों को निकलने का रास्ता बचता है। रोज शाम को यही हाल रहता है। जाम से सभी परेशान हैं।
- धर्मेन्द्र जायसवाल
यहां सब्जी मंडी के साथ अतिक्रमण से परेशानी है। शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती। कभी अतिक्रमण हटाने के लिए दस्ता आता भी है तो उसकी पूर्व सूचना मिल जाने के कारण ठेलिया वाले भाग जाते हैं।
- विनय कुमार पांडेय
कुम्भ मेला के दौरान सड़क चौड़ीकरण का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया। फुटपाथ और सर्विस लेन पर कब्जा है ही, सड़क पर भी ठेले और दुकानें लग रही हैं। सड़क के आधे से अधिक हिस्से पर अतिक्रमण रहता है।
- विजय कश्यप, व्यापारी
सब्जी विक्रेता व्यापारियों की दुकान के आगे ठेला लगा लेते हैं, जिससे लोग आ जा नहीं पाते। विरोध करने पर गाली गलौज और मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। इसके कारण सीधे धंधे पर असर पड़ रहा है।
- नितिन अग्रवाल, व्यापारी
दरवाजे पर ठेला और सब्जी की दुकान लगने से घर की महिलाएं परेशान रहती हैं। मना करने पर लड़ाई झगड़े पर दुकानदार आमादा हो जाते हैं। देर शाम तक दरवाजे पर बैठकर शोर शराबा और हल्ला गुल्ला मचाते हैं।
- डेविना अग्रवाल, शिक्षिका
कोई बीमार पड़ जाए या अन्य जरूरी काम हो तो हम लोग गाड़ी नहीं निकाल सकते। घर के आगे फुटपाथ, सर्विस लेन से लेकर सड़क के आधे से अधिक हिस्से पर सब्जी वालों का कब्जा रहता है। सड़क पर ही गाड़ियां भी खड़ी रहती हैं।
- नरेन्द्र मौर्य
कई वर्षों से यह समस्या चली आ रही है। लोगों को लगा था कि महाकुम्भ मेला में सड़क चौड़ीकरण और सब्जी विक्रेताओं को स्थान दे देने के बाद समस्या सुलझ जाएगी, लेकिन हालात वैसे ही बने हुए हैं। रोज जाम लगा रहता है।
- अभिषेक त्रिपाठी
बाहरी सब्जी विक्रेता यहां आकर समस्या पैदा कर रहे हैं। दूर-दूर से सब्जी विक्रेता यहां आकर दुकान लगाते हैं। स्थानीय सब्जी वाले भी इनसे परेशान हैं। दुकान लगाने को लेकर आए दिन लोगों में विवाद होता रहता है।
- मोनू पांडेय, सब्जी विक्रेता
स्थानीय लोग रोज की समस्या से परेशान हो चुके हैं। शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं होती। सब्जी मंडी को यहां से दूसरी जगह स्थानांतरित करने पर ही समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।
- विनोद चौरसिया
मुख्य मार्ग पर लग रही सब्जी मंडी के कारण स्थानीय व्यापार चौपट होता जा रहा है। दुकान के आगे ठेले और सब्जी की दुकान लगने से ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पाते, ग्राहक भी परेशान रहते हैं।
- एमपी अग्रवाल, किराना व्यवसायी
सब्जी वाले देर शाम तक शोर करते रहते हैं। शराब पीकर हंगामा करना, मारपीट, गाली गलौज से माहौल बिगड़ रहा है। लोगों को अपने घर और दरवाजे पर भी बैठने में परेशानी होती है। महिलाएं परेशान रहती हैं।
- अमिता अग्रवाल
सब्जी विक्रेताओं के लिए स्थान सुनिश्चित कर देने के बाद भी लोग सड़क पर दुकान लगा रहे हैं। चौड़ी सड़क कर देने के बाद भी यहां शाम को वाहनों को निकलने में दिक्कत होती है। रोज शाम को जाम लगता है।
- राजकुमार अग्रवाल, व्यापारी
व्यापारियों की दुकानदारी का मुख्य समय शाम पांच से रात नौ बजे तक का होता है। इस समय यहां सब्जी बाजार लगता है। सड़क पर फल एवं सब्जी की दुकान लगी रहती है। व्यापारी इससे परेशान हैं।
-अनुराग अग्रवाल, व्यापारी
सब्जी विक्रेता शाम को जाते समय बची सब्जी सड़क पर फेंक कर चले जाते हैं। सड़न व बदबू के कारण यहां रह रहे लोंगों को काफी परेशानी होती है। लोग बस स्टैंड के आसपास भी सड़ी सब्जी फेक रहे हैं।
- नरेन्द्र कुमार मौर्य
यहां मठ मंदिर के ठीक सामने मछली मार्केट लगता है। शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार लोग मछली मार्केट को यहां से नहीं हटा रहे हैं। मछली बाजार के कारण गंदगी और दुर्गंध बनी रहती है।
- रिंकू तिवारी
कभी अतिक्रमण के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है तो अभियान के तुरंत बाद फिर से सड़क और पटरियों पर सब्जी विक्रेताओं का कब्जा हो जाता है। सब्जी मंडी को दूसरी जगह स्थानांतरित करना जरूरी है।
- रोहित पांडेय
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