Preparations underway to run metro on elevated road in Lucknow too a big step to deal with traffic jam लखनऊ में भी एलिवेटेड रोड पर मेट्रो दौड़ने की तैयारी, ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बड़ा कदम, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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लखनऊ में भी एलिवेटेड रोड पर मेट्रो दौड़ने की तैयारी, ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बड़ा कदम

लखनऊ में भी एलिवेटेड रोड पर मेट्रो दौड़ने की तैयारी है। जाम से निपटने के लिए पॉलिटेक्निक चौराहे से अयोध्या रोड होते हुए किसान पथ तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड पर यानि नीचे सड़क होगी और ऊपर मेट्रो दौड़ेगी की तैयारी है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानMon, 12 May 2025 07:44 AM
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लखनऊ में भी एलिवेटेड रोड पर मेट्रो दौड़ने की तैयारी, ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बड़ा कदम

लखनऊ में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए शासन ने बड़ा कदम उठाया है। नागपुर मॉडल पर अब राजधानी लखनऊ में भी एलिवेटेड रोड के ऊपर मेट्रो चलाने की योजना पर मंथन शुरू हुआ है। पॉलिटेक्निक चौराहे से अयोध्या रोड होते हुए किसान पथ तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड पर यानि नीचे सड़क होगी और ऊपर मेट्रो दौड़ेगी की तैयारी है।

एलडीए, लोक निर्माण विभाग और यूपी मेट्रो कर रहे संयुक्त प्लानिंग

लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के तकनीकी विशेषज्ञ इस योजना को व्यवहारिक मानते हैं। 16 अप्रैल 2025 को जारी एलडीए के पत्र के मुताबिक, एलिवेटेड रोड और मेट्रो दोनों के लिए एक ही ढांचा बनाने पर गंभीर मंथन हुआ है। इस पर लोक निर्माण विभाग और आवास विभाग ने भी अपनी सहमति दे दी है।

प्रस्ताव का दायरा और मार्ग

-- लंबाई: प्रस्तावित एलिवेटेड रोड की लंबाई लगभग 12 किमी होगी।

-- मार्ग: पॉलिटेक्निक, अयोध्या रोड से किसान पथ तक होगा।

-- प्रणाली: टू टायर सिस्टम होगा। नीचे एलिवेटेड रोड, ऊपर मेट्रो ट्रैक होगा।

क्या है : टू टायर सिस्टम एलिवेटेड रोड

यह प्रणाली ऐसी होती है जिसमें एक ही पिलर पर दो स्तर की संरचनाएं बनती हैं। निचले स्तर पर सड़क और ऊपरी स्तर पर मेट्रो ट्रैक। यह मॉडल पहले नागपुर में सफलतापूर्वक लागू हो चुका है। इससे ज़मीन का कुशल उपयोग होता है और निर्माण की लागत व समय दोनों की बचत होती है।

योजना से जुड़े तथ्य और फायदे:

इसके एक साथ निर्माण से 25-30% लागत की बचत होती है। न्यूनतम ज़मीन की आवश्यकता होती है। विवाद की संभावना कम रहती है।

जनता को क्या मिलेगा लाभ

-- मेट्रो और एलिवेटेड रोड के एक साथ संचालन से ट्रैफिक का दबाव कम होगा।

-- प्रमुख मार्गों पर समय की बचत, ईंधन की खपत में कमी।

-- प्रदूषण में गिरावट, सुगम और सुरक्षित यात्रा विकल्प।

-- भविष्य के लिए टिकाऊ और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर।

ये भी पढ़ें:लखनऊ और संभल में भूमि रिकॉर्ड गायब होने को लेकर सीएम योगी सख्त, दिया ये आदेश

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लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

लखनऊ में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए शासन ने बड़ा कदम उठाया है। नागपुर मॉडल पर अब राजधानी लखनऊ में भी एलिवेटेड रोड के ऊपर मेट्रो चलाने की योजना पर मंथन शुरू हुआ है। पॉलिटेक्निक चौराहे से अयोध्या रोड होते हुए किसान पथ तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड पर यानि नीचे सड़क होगी और ऊपर मेट्रो दौड़ेगी की तैयारी है।

एलडीए, लोक निर्माण विभाग और यूपी मेट्रो कर रहे संयुक्त प्लानिंग

लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के तकनीकी विशेषज्ञ इस योजना को व्यवहारिक मानते हैं। 16 अप्रैल 2025 को जारी एलडीए के पत्र के मुताबिक, एलिवेटेड रोड और मेट्रो दोनों के लिए एक ही ढांचा बनाने पर गंभीर मंथन हुआ है। इस पर लोक निर्माण विभाग और आवास विभाग ने भी अपनी सहमति दे दी है।

प्रस्ताव का दायरा और मार्ग

-- लंबाई: प्रस्तावित एलिवेटेड रोड की लंबाई लगभग 12 किमी होगी।

-- मार्ग: पॉलिटेक्निक, अयोध्या रोड से किसान पथ तक होगा।

-- प्रणाली: टू टायर सिस्टम होगा। नीचे एलिवेटेड रोड, ऊपर मेट्रो ट्रैक होगा।

क्या है : टू टायर सिस्टम एलिवेटेड रोड

यह प्रणाली ऐसी होती है जिसमें एक ही पिलर पर दो स्तर की संरचनाएं बनती हैं। निचले स्तर पर सड़क और ऊपरी स्तर पर मेट्रो ट्रैक। यह मॉडल पहले नागपुर में सफलतापूर्वक लागू हो चुका है। इससे ज़मीन का कुशल उपयोग होता है और निर्माण की लागत व समय दोनों की बचत होती है।

योजना से जुड़े तथ्य और फायदे:

इसके एक साथ निर्माण से 25-30% लागत की बचत होती है। न्यूनतम ज़मीन की आवश्यकता होती है। विवाद की संभावना कम रहती है।

जनता को क्या मिलेगा लाभ

-- मेट्रो और एलिवेटेड रोड के एक साथ संचालन से ट्रैफिक का दबाव कम होगा।

-- प्रमुख मार्गों पर समय की बचत, ईंधन की खपत में कमी।

-- प्रदूषण में गिरावट, सुगम और सुरक्षित यात्रा विकल्प।

-- भविष्य के लिए टिकाऊ और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर।

यूपी मेट्रो ने एलडीए को पत्र लिखकर कहा एक साथ निर्माण होने पर ही संभव

यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार को 22 अप्रैल को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है की टू टायर सिस्टम के अनुसार एलिवेटेड रोड के ऊपर मेट्रो का निर्माण एक साथ ही करना होगा। एलिवेटेड रोड के निर्माण हेतु अनुमोदन तथा मेट्रो निर्माण हेतु अनुमोदन की प्रक्रिया भिन्न-भिन्न होने के कारण एलिवेटेड रोड के साथ मेट्रो रेल कॉरिडोर का निर्माण संभव नहीं हो सकेगा। दोनों की प्रक्रिया एक साथ होने पर ही इसका निर्माण हो पाएगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने यह भी कहा है की पॉलिटेक्निक से किसान पथ तक एलिवेटेड रोड के निर्माण के बाद अगर मेट्रो निर्माण होता है तो जो भी फीजिबिलिटी रिपोर्ट आएगी उसके अनुसार परियोजना का निर्माण होगा। एलिवेटेड या भूमिगत मेट्रो का निर्माण भविष्य में यूपी मेट्रो द्वारा किया जाएगा। इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा एलिवेटेड रोड के निर्माण की प्लानिंग के दौरान यूपी मेट्रो के साथ समन्वय बना के रखना जरूरी होगा।