बोले रायबरेली: पॉश कॉलोनी
Raebareli News - बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रही इंदिरा नगर कालोनी शहरों में पाश कॉलोनियों
बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रही इंदिरा नगर कालोनी शहरों में पाश कॉलोनियों में शुमार वार्ड नंबर 26 की की इंदिरा नगर कालोनी के आवास-विकास मोहल्ले में लोग कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। कॉलोनी में जल निकासी, साफ-सफाई, बुनियादी ढांचे की कमी और प्रदूषण की समस्याएं प्रमुख हैं। जल निगम की ओर से मोहल्ले वासियों की सुविधा के लिए कई साल पहले अमृत योजना के तहत नई वाटर लाइन बिछाई गई, लेकिन अभी तक उसमें पानी नहीं पहुंच पाया है। इसी तरह सीवर लाइन बिछाने के नाम पर जल्द ही बनीं सड़कों और इंटरलाकिंग को खोद डाला गया। इसके बाद इनका ठीक ढंग से पुनर्निर्माण नहीं कराया गया। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना कागजों पर बहुत अच्छी चल रही है, परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यही नहीं पार्कों के हालात तो बहुत ही खराब हैं। यहां न तो कभी साफ-सफाई होती है और न ही इनका कोई उचित रख-रखाव। ऐसे में एक-दो पार्कों को छोड़ दिया जाए तो बाकी में बड़ी-बड़ी घास उग आई है या फिर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। मोहल्लेवासियों ने बाकायदा टीनशेड डालकर इन्हें स्थाई या अस्थाई रूप से वाहन स्टैण्डों में तब्दील कर दिया है। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट...
रायबरेली, संवाददाता। बुनियादी ढांचे की कमी से इंदिरा नगर की आवास विकास कालोनी के लोग जूझ रहा है। सफाई, खराब सड़कों, जलनिकासी, सीवरेज जैसी समस्याओं से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है। मोहल्ले में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था तो है लेकिन कूड़ा उठाने वाले आए दिन गायब हो जाते हैं। इससे परेशान होकर कई मोहल्लेवासियों ने तो इससे अपना पल्ला झाड़ लिया है और वह खुद ही घर का कूड़ा-कचरा कूड़ेदान में फेंकने लगे हैं। सरकार की ओर से लाखों रुपए प्रतिमाह पालिका को दिए जाने के बाद भी घरों से कूड़ा कलेक्शन के लिए हाथ रिक्शा का प्रयोग हो रहा है। सुपरवाइजर भी केवल महीना पूरा होते ही शुरुआत में पैसा वसूलने आता है। घर का कूड़ा न उठाने की शिकायत पर वह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। यही नहीं यहां सीवर लाइन तो काफी पहले से पड़ी है, लेकिन सीवर पंप हाउस से घरों से निकलने वाले सीवरेज का गंदा पानी रोजाना सीधे नाले में छोड़ा जा रहा है। इससे नाले के दोनों तरफ बने घरों में लोगों का दुर्गंध से सांस लेना मुश्किल हो गया है। जबकि कुछ साल पहले सीवरेज को नाली में न छोड़े जाने के लिए लाखों खर्च कर सीमेंटेड पाइप लाइन डलवाई गई थी। कुछ दिन तो गंदा पानी इसमें छोड़ा गया लेकिन फिर स्थिति जस की तस हो गई। मोहल्लेवासियों का कहना है कि पाइप लाइन मानकों को दरकिनार कर डलवा दी गई, शिकायत के बाद भी अधिकारियों की अनदेखी से अब इसका खामियाजा मोहल्लेवासी उठा रहे हैं। हालात यह हैं कि पालिका का कोई अधिकारी या कर्मचारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि इंदिरा नगर पावर हाउस के पास मुख्य सड़क पर ही सीवर का चैंबर पूरी तरह से धंस चुका है। आए दिन हल्के चार पहिया वाहन इसमें फंस जाते हैं, जबकि पास में ही एक निजी नर्सिंग होम भी है। जिसमें इलाज के लिए दूर दराज क्षेत्रों से मरीज को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस भी रात-दिन आती जाती रहती हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी इसे ठीक नहीं करा रहे हैं। मोहल्ले वासियों का कहना है कि यदि चैंबर धंस गया तो मोहल्ले के दर्जनों घरों के सीवर चोक हो जाएंगे। वहीं होलिका दहन चौराहा से पावर हाउस तक बनी मुख्य सड़क के दो वार्डों के बीच में होने की वजह से सफाई कर्मी यहां हफ्ते में एक-दो बार ही आते हैं। इतना ही नहीं मोहल्ले के नाले और नालियों की सफाई कई सालों से नहीं हुई। इससे हल्की बरसात में ही नालियां उफनाने लगती हैं और गंदा पानी सड़कों व घरों में भर जाता है। आवास विकास की ओर से यहां पार्क तो कई बनवाए गए हैं, लेकिन साफ सफाई न होने से इनमें कूड़े के ढेर लगे हैं। बच्चे इन बदहाल पार्कों में खेलना तो दूर जाना तक नहीं पसंद करते हैं। मक्खियों और मच्छरों की पसंदीदा जगह बन गए हैं। फागिंग और कीट नाशक दवाओं का छिककाव न होने से उनका कुनबा यहां खूब बढ़ रहा है, बस परेशान हो रहे हैं तो मोहल्लेवासी। इन पार्कों का उपयोग लोगों ने अपने वाहनों को खड़ा करने के लिए शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने टीनशेड डालकर अस्थाई या स्थाई रूप से गैराज बना लिया है।
न मिला पानी और न सीवरेज की दुर्गध से निजात
रायबरेली संवाददाता। आवास विकास मोहल्ले में अमृत योजना के तहत कराए गए कार्यों से मोहल्लेवासियों को लगा था कि जल्द ही उन्हें 24 घंटे जलापूर्ति और सीवरेज से उठने वाली दुर्गंध से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, उल्टा उनकी समस्याएं और भी बढ़ गईं। जल निगम की ओर कई साल पहले नई वाटर लाइन बिछाई गई और बाकायदा वाटर मीटर भी लगा दिया गया, लेकिन अभी तक इससे पानी आना शुरू नहीं हुआ। वह भी तब जब कि विभाग का कार्यालय और इसके आलाधिकारी का आवास इसी मोहल्ले में है। वाटर लाइन डालने के लिए सड़कों और इंटरलॉकिंग को खोद तो दिया गया, लेकिन फिर इसे या तो ऐसे ही छोड़ दिया गया या फिर जैसे-तैसे इसका पुनर्निर्माण कराने के नाम पर खाना पूरी कर दी गई। वर्तमान में अभी ऐसे ही हालात हैं। अभी मोहल्लेवासियों को कई बार शिकायत करने के बाद इस समस्या से मुक्ति भी नहीं मिली थी कि सीवर लाइन डालने का काम शुरू कर दिया गया। हालात यह हैं कि नेहरू नगर रेलवे क्रासिंग होकर होलिका दहन चौराहा से पावर हाउस तक मोहल्ले की कई फीट चौड़ी मुख्य सड़क के बुरे दिन एक बार फिर शुरू हो गए। इसे कई माह पहले खोद दिया गया सीवर लाइन भी बिछ गई, लेकिन अभी तक इसका पुननिर्माण नहीं कराया जा सका है। मोहल्लावासियों के शहर जाने के लिए दूसरी सड़क जेल रोड, जो कि कानपुर, फतेहपुर, बांदा, प्रयागराज, प्रतापगढ़, अमेठी, सुल्तानपुर, लखनऊ सहित कई जिलों को जोड़ने वाले राजमार्गों की लिंक रोड है, काफी समय से बदहाल पड़ी है। हाल ही में आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बोले रायबरेली के तहत इसका मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। इसे संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने इसके पुननिर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है। अब आवास विकास मोहल्ले के लोगों को आशा है कि जिलाधिकारी उनकी समस्याओं पर भी नजरे इनायत करेंगी।
सुझाव-
-जल निकासी की समस्या के हल के लिए नाले-नालियों की नियमित सफाई हो।
-जलनिगम की ओर से वाटर और सीवर लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों का पुनर्निर्माण कराया जाए।
-सफाई कर्मचारी रोज मोहल्ले में आकर सफाई करें यह सुनिश्चित किया जाए।
-डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को और बेहतर बनाया जाए।
-अमृत योजना के तहत कराए गए कार्यों से लोगों को सुविधा हो रही है या असुविधा इसको परखा जाए।
शिकायतें-
-नाले नालियों की नियमित सफाई न होने से बरसात में सड़कों और घरों में आने लगता है गंदा पानी।
-जल निगम की ओर से वाटर और सीवर लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों से चलना हुआ मुश्किल।
-सफाई और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही है।
-अमृत योजना के तहत कराए गए कार्यों से लोगों को सुविधा की जगह हो रही है असुविधा।
-अधिकारी नियमित दफ्तरों से निकलकर कराए जा रहे कार्यों का नहीं लेते हैं जायजा।
इनकी भी सुनें
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कालोनी में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था तो है, लेकिन कूड़ा उठाने वाले आए दिन नहीं आते हैं। वहीं घरों से कूड़ा कलेक्शन के लिए हाथ रिक्शा का प्रयोग हो रहा है। सुपरवाइजर भी केवल महीना पूरा होते ही शुरुआत में पैसा वसूलने आता है।
ओम प्रकाश अग्निहोत्री
सीवर लाइन तो पड़ी है,लेकिन सीवर पंप हाउस से घरों से निकलने वाले सीवरेज का गंदा पानी रोजाना सीधे नाले में छोड़ा जा रहा है। इससे नाले के दोनों तरफ बने घरों में लोगों का दुर्गंध के साथ सांस लेना मुश्किल हो गया है। जबकि कुछ साल पहले सीवरेज को नाली में न छोड़े जाने के लिए लाखों खर्च कर सीमेंटेड पाइप लाइन डलवाई गई थी।
हरिश्चंद्र शर्मा
सीवर के लिए सीमेंट पाइप लाइन डलवाई गई, कुछ दिन तो गंदा पानी इसमें छोड़ा गया, लेकिन फिर स्थिति जस की तस हो गई। पाइप लाइन मानकों को दरकिनार कर डलवाई जाने से अब यह निष्प्रयोज्य पड़ी है। इस पर ध्यान दिया जाए।इससे लोग परेशान होते रहते हैं।
अनिमेष दीक्षित
कालोनी में सफाई कर्मियों के रोजाना ना आने से हफ्ते में एक दो बार ही झाड़ू लगती है। वही नाले और नालियों की सफाई कई सालों से नहीं हुई इससे हल्की बरसात में ही नल नालियां उफनाने लगते हैं और गंदा पानी सड़कों व घरों में भर जाता है। इसे ठीक कराया जाए।
राहुल गुप्ता
कालोनी में पार्क तो कई हैं, लेकिन साफ सफाई न होने से इनमें कूड़े के ढेर लगे हैं या बड़ी-बड़ी घास उग आई है। बच्चे इन बदहाल पार्कों में खेलना तो दूर जन तक नहीं पसंद करते हैं। लोग अब इन पार्कों का उपयोग अपने वाहनों को खड़ा करने में कर रहे हैं।
आलोक त्रिपाठी
कालोनी के पार्कों को लोगों ने अपने वाहन खड़ा करने का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने टीनसेड डालकर अस्थाई या स्थाई रूप से गैराज बना लिया है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे लोगों को परेशानी होती है।
सीबी सिंह
अमृत योजना के तहत कई साल पहले नई वाटर लाइन बिछाई तो गई, लेकिन अभी तक इससे पानी आना शुरू नहीं हुआ है। वाटर लाइन डालने के लिए सड़कों और इंटरलॉकिंग को खोद तो दिया गया, लेकिन फिर इसे या तो ऐसे ही छोड़ दिया गया या फिर जैसे तैसे खाना पूरी कर दी गई।
प्रमोद श्रीवास्तव
बिजली सप्लाई के लिए लगाए गए लोहे के पोलों पर तारों का ऐसा मकड़ जाल फैला है कि पोल पूरी तरह से झुक गए हैं। उनके आसपास से निकलने वाले लोग बस यही सोचते हैं कि कहीं यह गिर ना जाएं। इससे हमेशा डर सा बना रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए।
मनोज शुक्ला
अब ज्यादातर लोग अपने मकान का उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों के लिए कर रहे है। यह जबकि नगर पालिका में टैक्स आवासीय दिया जा रहा है। इससे सरकार को काफी नुकसान हो रहा है। नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी यह देखने की जहमत तक नहीं उठाते हैं।
आकांक्षा शुक्ल
इंदिरा नगर पावर हाउस के पास मुख्य रोड पर ही सीवर का चैंबर पूरी तरह से धंस चुका है आए दिन हल्के चार पहिया वाहन इसमें फंस जाते हैं। जबकि पास में ही एक निजी नर्सिंग होम भी है जिसमें दूर दराज क्षेत्रों से मरीज को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस आती जाती रहती हैं।
शशिकांत शुक्ल
मुख्य सड़क पर सीवर चैंबर धंसने की कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी इसे ठीक नहीं कर रहे हैं।मोहल्ले वासियों का कहना है कि यदि चेंबर चोक हुआ तो सैकड़ो घरों के सीवर जाम हो जाएंगे। इस को जल्द ठीक कराया जाए।
श्रेयश मिश्रा
कालोनी में मुख्य नाली में गंदगी का जमाव हो रहा है। कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे लोगों को दिक्कत हो रही है। आए दिन सफाई कर्मी कचरा नाली के बाहर कर देते है वह फिर उसी में चला जाता है।इससे लोग परेशान हो रहे हैं। इस समस्या पर ध्यान दिया जाए।
विधू सिंह
कालोनी में बिजली विभाग के बेतरतीब लटके तार लोगो के लिए मुसीबत बने हुए हैं।इसके लिए विभाग को चाहिए कि वह इन तारों की सुव्यवस्थित व्यवस्था करे जिससे दिक्कत न हो।इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जिससे इस समस्या का हल हो सके।
सुनील सिंह
कालोनी में जो पार्क है उनमें साफ सफाई और खेल कूद के इंतजाम नहीं है। इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।जिससे बच्चों को खेलने की सुविधा मिल सके। इसके लिए नगर पालिका को ध्यान देना चाहिए। जिससे इसका लाभ सभी को मिल सके और इससे बच्चों के साथ सभी को राहत मिलेगी।
सियाराम मौर्य
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बोले अधिकारी
नगर पालिका क्षेत्र के किसी भी वार्ड के किसी भी मोहल्ले से जो भी समस्याएं संज्ञान में आती हैं, उनका तत्काल निस्तारण करने का प्रयास किया जाता है। वाटर और सीवर लाइन डलवाने के बाद सड़कें ठीक कराने का जिम्मा कार्यदाई संस्था का है, फिर भी यदि कहीं से भी कोई जानकारी मिलती है तो संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया जाता है। इसके बाद भी यदि किसी को कोई समस्या है तो वह कार्यालय आकर अवगत करा सकता है। जहां तक संभव होगा उनका निस्तारण कराने का प्रयास किया जाएगा। साफ सफाई के विषय में कहीं कोई कमी है तो इस संबंध में सफाई कर्मियों को बुला कर निर्देशित किया जाएगा।
स्वर्ण सिंह, अधिशाषी अधिकारी
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