Raja Bhaiya s both sons entered politics became members of Jansatta Dal in presence of Akshay Pratap राजा भैया के दोनों बेटों की राजनीति में एंट्री, अक्षय प्रताप की मौजूदगी में जनसत्ता दल के सदस्य बने, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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राजा भैया के दोनों बेटों की राजनीति में एंट्री, अक्षय प्रताप की मौजूदगी में जनसत्ता दल के सदस्य बने

राजा भैया के दोनों बेटों की भी राजनीति में एंट्री हो गई है। एमएलसी और राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह की मौजूदगी में दोनों बेटों को पिता की पार्टी जनसत्ता दल की सदस्यता दिलाई गई।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 25 April 2025 04:22 PM
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राजा भैया के दोनों बेटों की राजनीति में एंट्री, अक्षय प्रताप की मौजूदगी में जनसत्ता दल के सदस्य बने

यूपी बाहुबली कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को दोनों बेटों की भी राजनीति में एंट्री हो गई है। राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह की मौजूदगी में दोनों बेटों शिवराज प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा और बृजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा को जनसत्ता दल की सदस्यता दिलाई गई। कुंडा के बाबूगंज स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर केएन ओझा और प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज की उपस्थिति में जिलाध्यक्ष राम अचल वर्मा ने बड़े और छोटे राजा को पार्टी की सदस्यता का कूपन भरवाने के बाद प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कराई।

राजा भैया के दो बेटियां और दो बेटे हैं। दोनों बेटियां और दोनों बेटे जुड़वा हैं। पत्नी भानवी सिंह से विवाद के बाद दोनों बेटियां मां के साथ रहती हैं। दोनों बेटे राजा भैया के साथ रहते हैं। जनसत्ता दल में शामिल होने से पहले भी राजनीति आयोजनों में दोनों बेटे राजा भैया के साथ अक्सर दिखाई देते रहते थे। कुंडा से लखनऊ भी राजा भैया के साथ आना जाना लगा रहता था। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तो दोनों पिता के प्रचार के लिए काफी सक्रिय भी दिखाई दिए थे।

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दोनों बेटों शिवराज प्रताप और बृजराज प्रताप का जन्म 2003 में तब हुआ था जब राजा भैया को मायावती ने पोटा के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाला था। राजा भैया तब दस महीने तक जेल में रहे और दोनों बेटों का लंबे समय तक मुंह नहीं देख सके थे। तब मायावती भाजपा के सहयोग से प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। उसी समय अचानक ही प्रदेश की राजनीति बदली थी और भाजपा ने मायावती से समर्थन हटाया तो मुलायम सिंह ने कई निर्दलीय और बसपा के बागियों के सहयोग से अपनी सरकार बनाई थी। मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के आधे घंटे के अंदर ही राजा भैयासे पोटा के तहत लगे सभी मुकदमे खारिज करने का आदेश दिया था। बाद में राजा भैया को मुलायम सिंह ने मंत्री भी बनाया था।