टांडा, स्वार, मसवासी और शाहबाद में बनेगा बाईपास
Rampur News - टांडा, स्वार, मसवासी और शाहबाद में बाइपास का निर्माण होगा, जिससे जाम की समस्या में कमी आएगी। पीडब्ल्यूडी ने 22.350 किलोमीटर बाइपास के लिए 247.500 करोड़ रुपये का एस्टीमेट शासन को भेजा है। इसके अलावा,...

टांडा, स्वार, मसवासी और शाहबाद में बाइपास का निर्माण होगा। बाइपास बन जाने के बाद लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। इन उप नगरों में आए दिन जाम की समस्या लगी रहती थी। जनप्रतनिधियों के सुझाव पर लोक निर्माण विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेज दी है। स्वार, टांडा, मसवासी उत्तराखंड की सीमावर्ती है। यहां जगह-जगह लगभग 52 स्टोन क्रशर हैं। कोसी का तट, खनन का क्षेत्र है। जहां बेलास्ट एवं ग्रिड आदि डस्ट आदि का खनन डंपरों स बरेली, अमरोहा, संभल, बदायूं आदि को होता है। ये डंपर जब घनी आबादी के बीच से गुजरते हैं तो आए दिन जाम की नौबत आ जाती है।
साथ ही हादसे भी होते रहते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए क्षेत्रीय विधायक शफीक अहमद अंसारी ने पीडब्ल्यूडी के माध्यम से शासन को पत्राचार किया था और बाइपास की मांग की थी। इसके अलावा शाहबाद में भी आए दिन जाम की समस्या ने लोगों को हलकान कर दिया है। इससे निपटने के लिए क्षेत्रीय विधायक राजबाला ने बाइपास मांगा था। पीडब्ल्यूडी की इस कार्ययोजना पर डीएम ने जन प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद सहमति जताई है। इसके बाद योजना का एस्टीमेट और प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। --22.350 किमी दूर पर 247.500 करोड़ होंगे खर्च चारों उप नगरों में बाइपास की दूरी 22.350 किलोमीटर रहेगी। जिस पर पीडब्ल्यूडी 247.500 करोड़ रुपये खर्च करेगा। लोक निर्माण विभाग ने चारों स्थानों पर बाइपास के लिए चिह्नित जगह का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद कार्ययोजना तैयार कर इसको शासन को भेजा है। -159.936 करोड़ से बनेंगे 31 पुल, 33 करोड़ से 92 मार्गों की होगी विशेष मरम्मत लोक निर्माण विभाग चालू वित्तीय वर्ष में 31 स्थानों पर नए पुल भी बनाने जा रहा है। 159.936 करोड़ रुपये से काम होगा। इसके लिए निर्माण खंड की ओर से कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके अलावा 33 करोड़ से ग्रामीण क्षेत्रों में 92 मार्गों की विशेष मरम्मत भी कराई जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय कामों की कार्ययोजना को तैयार कर भेजा जा चुका है। इसमें स्वार, टांडा, मसवासी और शाहबाद में बाइपास निर्माण भी शामिल है। योजना का एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है। -इंजी.गौरव सिंह, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड।
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