Vat Savitri vrat Muhurat: आज वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त, जानें स्नान और दान अमावस्या कब मनेगी
amavasya kab hai: वट वृक्ष को धागे से बांधकर पति की लंबी आयु के लिए वरदान मांगेंगी। यह पर्व उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम, आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है

अखंड सुहाग के लिए सुहागिन महिलाएं आज वट सावित्री की पूजा करेंगी। वट वृक्ष को धागे से बांधकर पति की लंबी आयु के लिए वरदान मांगेंगी। यह पर्व उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम, आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है। वट सावित्री का प्रसिद्ध व्रत 26 में दिन सोमवार को होगा । इसे बरगदाई भी कहा जाता है। इस दिन स्त्रियां बड़े ही श्रद्धा भाव एवं भक्ति के साथ व्रत करती हैं। स्नान दान के लिए अमावस्या का मान 27 मई दिन मंगलवार को होगा। इस दौरान महिलाएं त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) की पूजा करती हैं। मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) बरगद के पेड़ में निवास करते हैं। सोमवार सुबह 11.20 बजे से 12.14 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में पूजा का सबसे बेहतर समय है।
अमावस्या कब है
ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या को शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन शनि देव की विधिवत पूजा अर्चन किया जाता है । उदयकालिक अमावस्या तिथि 27 मई को होगा। इस दिन मंगलवार पड़ रहा है। इस कारण से इस अमावस्या को भौमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। भौमवती अमावस्या के दिन पूजा पाठ जब तक अनुष्ठान करने से तथा हनुमान जी महाराज की विशेष आराधना करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस दिन गंगा स्नान करके पितरों का तर्पण करने से तथा शनि देव की विशेष आराधना करने से व्यक्ति के कर्म का फल उत्तम प्राप्त होता है तथा सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही साथ भौमवती अमावस्या के प्रभाव से जीवन में किसी भी प्रकार का कर्ज़ होता है तो उसे कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस दिन शनि देव की आराधना करना, हनुमान जी महाराज की उपासना करना, आराधना करना, भगवान शिव की उपासना के साथ-साथ भगवान कृष्ण की उपासना करने से भी लाभ की प्राप्ति होती है।
वट सावित्री व्रत के दिन आज भरणी व कृतिका नक्षत्र और शोभना व अतिगंड योग रहेगा। इस व्रत को करने से सुहागिनों के पतियों के अशुभ और हानिकारक ग्रह शांत होते हैं।