मेरे बेटे MP, MLA नहीं बनेंगे तो क्या रिक्शा चलाएंगे? संजय निषाद ने परिवारवाद पर दिया बड़ा बयान
यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने राजनीति में परिवारवाद को लेकर कहा कि उनके बेटे विधायक, सांसद नहीं बनेंगे तो क्या रिक्शा चलाएंगे। उनके इस बयान के बाद एक बार फिर राजनीति में परिवारवाद की बहस तेज हो गई है।

निषाद पार्टी के मुखिया और यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने राजनीति में परिवारवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे विधायक, सांसद नहीं बनेंगे तो क्या रिक्शा चलाएंगे। अगर हम अपने घर में नहीं बना पाएंगे तो दूसरों को क्या विधायक और मंत्री बना पाएंगे। संजय निषाद के इस बयान के बाद एक बार फिर राजनीति में परिवारवाद की बहस तेज हो गई है।
योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने एक न्यूज़ चैनल के पॉडकास्ट में कहा, "मेरे घर में विधायक नहीं रहेगा तो हमारे घर के लोग रिक्शा चलाएंगे क्या, हम अपने बच्चों को नहीं बना पाएंगे विधायक, एमपी, मंत्री तो दूसरों के बच्चों को क्या बना पाएंगे। अपने बेटे से रिक्शा चलवाएंगे और खेती करवाएंगे तो कैसे राजनीति करवा पाएंगे। पहले अपने घर के लोगों प्रैक्टिकल रूप से देखेंगे और उनको लाएंगे।"
हालांकि डॉ. संजय निषाद ने अपने परिवारवाद और सपा के परिवारवाद में अंतर बताया। उन्होंने कहा कि सपा का परिवारवाद केवल अपने सुख सत्ता के लिए है। जबकि उनका परिवारवाद राजनीतिक मिशन को आगे बढ़ाने के लिए है। जिसे उनके बेटे आगे बढ़ाएंगे और समाज को बिखरने नहीं देंगे। संजय निषाद ने आगे ने कई प्रमुख पिछड़े वर्ग नेताओं जैसे फूलन देवी और मनोहर लाल निषाद का ज़िक्र करते हुए कहा कि यदि इन नेताओं ने अपने पीछे परिवार को राजनीतिक रूप से तैयार किया होता, तो मछुआ समुदाय और मजबूत होता।
संजय निषाद ने यह भी कहा कि जब तक फूलन देवी ने मछुआरा समाज से सपा को वोट दिलवाया, तब तक वह नेता रहीं, लेकिन जब उन्होंने अपनी पार्टी बनाकर राजनीति करने की कोशिश की तो उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि वे इस गलती को नहीं दोहराएंगे। अपने बेटों को राजनीति में लाने के पीछे उन्होंने समाज के भविष्य की चिंता और नेतृत्व की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा मेरे बाद मेरे परिवार के लोग कफन बांधकर मिशन को आगे बढ़ाएंगे।