निजीकरण का बिजली कर्मियों ने किया विरोध
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ धरना दिया। उन्होंने आरएफपी दस्तावेजों को मंजूरी न देने और निजीकरण की प्रक्रिया रोकने की मांग की। इंजीनियर मनोज कुमार ने विद्युत नियामक आयोग को...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में धरना दिया। सभी ने निजीकरण के लिए दिए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न देने और निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाए जान की मांग की। इं. मनोज कुमार ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के नाम दिए गए ज्ञापन में मांग की है कि वह पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु दिए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न दें। निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाए।
सभी ने यह भी मांग की है कि निजीकरण के मामले में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति को भी नियामक आयोग के सामने अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया जाय। विद्युत नियामक आयोग को अवैध ढंग से नियुक्त किए गए, झूठा शपथ पत्र देने वाले और फर्जीवाड़ा स्वीकार कर लेने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा बनाए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट पर पॉवर कॉरपोरेशन से कोई बात नहीं करनी चाहिए थी। न ही इस पर कोई अभिमत देना चाहिए।अरविंद कुमार ने प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन के पद पर रहते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ 6 अक्टूबर 2020 को एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की उपस्थिति में हुआ था। जिसमें निजीकरण न करने की बात कही गई थी।
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