Change in Criteria for Out of School Students in Siddharthnagar Schools बच्चों के आउट ऑफ स्कूल परखने के तरीके में बदलाव, Siddhart-nagar Hindi News - Hindustan
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बच्चों के आउट ऑफ स्कूल परखने के तरीके में बदलाव

Siddhart-nagar News - हाल-ए-परिषदीय विद्यालय द्धार्थनगर, निज संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों में छह से 14 वर्ष आयु के विद्यार्थियों के आउट ऑफ स्कूल परखने के तरीके में बदलाव

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थFri, 6 June 2025 05:27 AM
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बच्चों के आउट ऑफ स्कूल परखने के तरीके में बदलाव

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों में छह से 14 वर्ष आयु के विद्यार्थियों के आउट ऑफ स्कूल परखने के तरीके में बदलाव हुआ है। अब एक शैक्षिक सत्र में 30 दिनों से अधिक अनुपस्थित होने और वार्षिक परीक्षा या निपुण असेसमेंट टेस्ट (नैट) में 35 फीसदी से कम अंक लाने पर विद्यार्थी को आउट ऑफ स्कूल माना जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों के नियमित विद्यालय लाने के लिए अभियान चलेगा। परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थी की उपस्थिति बढ़ाने और ड्रॉप आउट को कम करने के उद्देश्य से बड़े बदलाव होंगे। अभी तक आउट ऑफ स्कूल 45 दिनों तक नियमित विद्यालय न आने वाले या फिर किसी विद्यालय में नामांकित न होने वाले विद्यार्थी को ही माना जाता है।

अब ऐसा नहीं होगा, परीक्षाओं के अंक से भी पता चल सकेगा कि विद्यार्थी विद्यालय आते हैं या नहीं। इसके साथ ही चिह्नित विद्यार्थियों को विद्यालय लाने की विशेष पहल होगी। अब विद्यार्थी बिना कारण तीन दिन अनुपस्थित रहता है तो बुलावा टोली घर जाकर संपर्क करेगी। परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने व ड्रॉप आउट कम करने के साथ ही बच्चे के लिए उपचारात्मक कक्षाएं भी चलेंगी। कोई विद्यार्थी छह या छह दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है तो प्रधानाध्यापक उसके घर जाकर संपर्क करेंगे। स्कूल वापस आने तक लगातार फॉलोअप करेंगे। साथ ही बच्चे के अभिभावक की काउंसलिंग भी की जाएगी। अभिभावकों की भी होगी काउंसलिंग यदि विद्यार्थी 10 दिन से अधिक अनुपस्थित रहता है, तो शिक्षक-अभिभावक बैठक में माता-पिता की काउंसलिंग होगी। इसी तरह नौ महीने में 21 दिन से अधिक अनुपस्थित पर कारणों की जांच होगी। 30 दिन से अधिक अनुपस्थित और नैट मूल्यांकन में 35 से कम अंक पर भी विद्यार्थी के अभिभावकों की काउंसलिंग की जाएगी। ऐसे बच्चे को ड्रॉप आउट मानते हुए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। छात्राओं को दी जाएगी सुरक्षा की जानकारी जिले के 13 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की छात्राओं को मिशन समाधान अभियान से जागरूक किया जाएगा। इससे वह सबल बनेंगी और सुरक्षा के लिए सजग रहेंगी। विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं को उन व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाएगी, जिनका उपयोग वह विपरीत परिस्थितियों में कर सकें। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विद्यालय की छात्राओं को मिशन शक्ति, महिला हेल्पलाइन 1090, महिला पीएसी, पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साइबर सुरक्षा के साथ ही गुड टच बैड टच, पॉक्सो, कानूनी जागरूकता व हेल्पलाइन के प्रावधानों पर विशेषज्ञों के माध्यम से जागरूकता सत्र संचालित किया जा रहा है। अब एक शैक्षिक सत्र में 30 दिनों से अधिक अनुपस्थित होने और वार्षिक परीक्षा या निपुण असेसमेंट टेस्ट (नैट) में 35 फीसदी से कम अंक लाने पर विद्यार्थी को आउट ऑफ स्कूल माना जाएगा। जबकि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 1300 छात्राएं पढ़ रहीं हैं। उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही सशक्त बनाने की पहल हो रही है। गर्मी की छुट्टी के बाद अभियान को गति दिया जाएगा। - शैलेश कुमार, बीएसए

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