मंचन देख भाव विभोर हो गए श्रद्धालु
Siddhart-nagar News - 21 एसआईडीडी 08: भनवापुर क्षेत्र के बभनी गांव में चल रहे रामलीला में कलाकारों ने मंगलवार की रात सजीव मंचन किया।

सोहना, हिन्दुस्तान संवाद। भनवापुर क्षेत्र के बभनी गांव के समय माता मंदिर पर चल रहे रामलीला में मंगलवार की रात कलाकारों ने ताड़का वध, मारीच सुबाहु वध और अहिल्या उद्धार का मंचन किया। मंचन देख श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कलाकारों ने दिखाया कि महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को वन ले जाते हैं। रास्ते में राक्षसी ताड़का मिलती है। विश्वामित्र राम से उसका वध करने को कहते हैं। राम कहते हैं कि ताड़का नारी है उसका वध अधर्म होगा। तब गुरुदेव समझाते हैं कि जो नर का भक्षण करें वह नारी नहीं होती। उसका वध करना पाप नहीं है। इसके बाद राम ताड़का का वध करते हैं।
आश्रम पहुंचकर यज्ञ शुरू होता है मरीच सुबाहु यज्ञ में विध्न डालने आते हैं। राम उनका भी वध कर देते हैं। यज्ञ पूर्ण होने पर विश्वामित्र राम और लक्ष्मण से कहते हैं कि जनकपुर से निमंत्रण आया है। राजा जनक अपनी पुत्री सीता का स्वंयवर कर रहे हैं। यदि इच्छा हो तो साथ चलो। राम और लक्ष्मण गुरुदेव के साथ जनकपुर के लिए रवाना होते हैं। रास्ते में गौतम ऋषि का आश्रम आता है। राम पूछते हैं कि यह आश्रम उजड़ा क्यों है। एक पत्थर की नारी की मूर्ति और हरा भरा तुलसी का वृक्ष दिखाई देता है। विश्वामित्र बताते हैं कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या हैं। ऋषि के श्राप से पत्थर बन गई हैं। तुलसी का वृक्ष उनकी जीवित आत्मा है। वह अब तक राम की प्रतीक्षा कर रही हैं। गुरुदेव राम से कहते हैं कि चरण स्पर्श कर अहिल्या का उद्धार करें। राम कहते है की ब्राह्मण नारी को चरण रखना अधर्म होगा। गुरुदेव समझाते हैं कि नर नहीं नारायण बनकर उद्धार करें। इसमें कोई पाप नहीं है। तब राम अहिल्या का उद्धार करते हैं। कलाकारों की प्रस्तुति को लोगों ने खूब सराहा। इस अवसरप र हीरालाल दास साहू, विनोद कुमार यादव, मोनू श्रीवास्तव, प्रकाश प्रजापति, हरीराम गुप्त, ब्रह्मानंद सोनी, पप्पू गुप्त, शम्भू विश्वकर्मा, रामदेव यादव, अंकित गुप्त आदि मौजूद रहे।
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