बोले सीतापुर-क्रासिंग का जाम कर रहा परेशान
Sitapur News - सीतापुर में पुलिस लाइन और फायर स्टेशन के पास रेलवे क्रॉसिंग पर लंबे समय से जाम की समस्या बनी हुई है। मालगोदाम की उपस्थिति इसे और गंभीर बनाती है। ओवरब्रिज के निर्माण की धीमी प्रगति से लोग निराश हैं।...

सीतापुर। शहर में पुलिस लाइन और फायर स्टेशन रेलवे क्रॉसिंग पर जाम की समस्या लंबे समय से लोगों के लिए एक गंभीर समस्या है। इस क्रासिंग पर लगने वाले जाम से लोगों को घंटों परेशान होना प़़ड़ता है। मालगोदाम की उपस्थिति इस समस्या को और भी विकराल बना देती है। हालांकि पुलिस लाइन पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज एक बड़ी उम्मीद की किरण है। इसके शीघ्र पूरा होने से निश्चित रूप से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा जिले की बिसवां और हरगांव सहित कई जगहों पर रेलवे क्रासिंगों पर लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। हालात यह हैं कि शहर में यातायात की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने में रेलवे क्रॉसिंग एक बड़ी बाधा साबित हो रही हैं।
पुलिस लाइन के ठीक पास स्थित रेलवे क्रॉसिंग शहर के एक महत्वपूर्ण हिस्से को दूसरे से जोड़ती है। इन क्रॉसिंगों पर सुबह से शाम तक जहां जाम की समस्या नजर आत है वहीं कई बार रात में भी वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। स्कूली बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी, व्यापारी और आम नागरिक सभी इस जाम के शिकार होते हैं। इसी तरह फायर स्टेशन के पास की क्रॉसिंग पर भी कमोबेश लोग इसी तरह की समस्या से जूझ रहे है। शहर की यह दोनों क्रॉसिंग यातायात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके बार-बार बंद होने से पूरे शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो जाती है। पुलिस लाइन रेलवे क्रॉसिंग पर जाम की समस्या को और गंभीर बनाने की प्रमुख वजह पास में स्थित मालगोदाम है। मालगाड़ियों का लगातार आवागमन और उनके लोडिंग-अनलोडिंग के लिए क्रॉसिंग पर देर तक खड़ा रहना आम बात हो गई है। जब कोई मालगाड़ी मालगोदाम में जाती है या वहां से निकलती है तो क्रॉसिंग को एक-एक घंटे तक बंद रखा जाता है। इस दौरान वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं और लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए घंटों इस भीषण गर्मी में पसीना बहाते नजर आते हैं। आपातकालीन स्थिति में भी यह जाम जानलेवा साबित हो सकता है। एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं को भी इस जाम में फंसने की वजह से देरी का सामना करना पड़ता है, जिससे कई बार गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। हालांकि पुलिस लाइन वाली रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। जिस ओवर ब्रिज के बनने के बाद लोगों को जाम की परेशानी से निजात की उम्मीद थी, मगर उसी ओवर ब्रिज के निर्माण की इतनी धीमी है कि लोगों को मायूसी हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और संबंधित विभागों को इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए इसके शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निर्माण को सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि सीतापुर के नागरिक जाम मुक्त यातायात का अनुभव कर सकें। यह न केवल उनकी दिनचर्या को सुगम बनाएगा बल्कि शहर के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देने में अहम भूमिका अदा करेगा। रेलवे मालगोदाम है जाम की प्रमुख वजह स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस लाइन क्रॉसिंग अक्सर एक घंटे से भी अधिक समय तक बंद रहती है। यह स्थिति तब और भी खराब हो जाती है जब एक के बाद एक कई ट्रेनें गुजरती हैं। इसके अलावा मालगाड़ी मालगोदाम में आकर खड़ी हो जाती है। इस दौरान पैदल यात्री भी मुश्किल से ही क्रॉसिंग पार कर पाते हैं। भीषण गर्मी, धूल और प्रदूषण के बीच लोगों को घंटों क्रासिंग पर खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। वाहनों के खड़े रहने से जहां ईंधन की बर्बादी होती है वहीं वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। इस जाम का न केवल व्यक्तिगत बल्कि आर्थिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। व्यापारियों ने कहा कि इससे व्यवसायिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। क्योंकि समय पर दुकान में सामानों की आवाजाही नहीं हो पाती है। लोगों का समय बर्बाद होता है, जिससे उनकी बिक्री व उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। स्कूली बच्चों की शिक्षा पर भी इसका असर पड़ता है, क्योंकि वह अक्सर स्कूल देर से पहुंचते हैं। इस जाम में फंसकर एम्बुलेंस पर सवार मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते है। जिससे उनको समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। अधूरे ओवरब्रिज पर जाम से जूझ रहे राहगीर हरगांव क्षेत्र में मुख्य रूप से तीन रेलवे क्रासिंग पड़ती है। जिसमें सीतापुर से लखीमपुर जाने वाले फोरलेन राजमार्ग पर पिपरा रेलवे क्रॉसिंग गेट नंबर 99 ए है। यह क्रासिंग कई वर्षों से जाम के लिए बदनाम है। फोरलेन राजमार्ग होने की वजह से इस मार्ग पर रोज 12 हजार अधिक वाहन गुजरते हैं। ट्रेनों के लिहाज से यह क्रासिंग अत्यधिक व्यस्त है। रोजाना इस क्रासिंग से 10 से 12 मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों की आवाजाही होती है। जिनके चलते क्रासिंग कई बार बन्द होती है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि एक बार क्रासिंग बंद होने पर 10-15 मिनट और एक साथ दो या ज्यादा ट्रेनों के निकलने की स्थिति में 20 से 30 मिनट तक यह बंद हो जाती है। ऐसी स्थिति में क्रासिंग में आधा से एक किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है। क्रासिंग के चलते इस मार्ग पर हर एक घण्टे में जाम की समस्या बरकरार रहती है। 10 साल से नहीं बन पाया ओवरब्रिज क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज निर्माणाधीन है। लेकिन ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग और रेलवे के विवाद के चलते 10 वर्ष बीतने के बाद भी इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिसका खामियाजा राजमार्ग से गुजरने वाले वाहनों को उठाना पड़ता है। जाम के लिए बदनाम हरगांव क्षेत्र की पिपरा क्रासिंग पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज करीब एक दशक से सीतापुर लखीमपुर हाइवे पर गुजरने वाले यात्रियों के लिए मुसीबत बना है। हालांकि उक्त रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ने अपना काम पूर्ण करा लिया है। अब पुल निर्माण अंतिम चरण में है। क्रॉसिंग बंद होने से लगता भीषण जाम हरगांव कस्बे में ही हरगांव से महोली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाले मार्ग पर महोली मार्ग पर क्रासिंग (95 बी वन) और हरगांव को दतेली सहित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले दतेली मार्ग पर क्रासिंग (97 आपरेटिंग) हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने की वजह से महोली जाने वाल मार्ग भी काफी व्यस्त है। इस मार्ग पर भी प्रतिदिन पांच हजार से अधिक वाहनों की आवाजाही है। चूंकि पिपरा क्रासिंग और हरगांव कस्बे में महोली मार्ग की कॉसिंग एक ही रेल लाइन पर हैं। इसलिए ट्रेनों के लिहाज से यह क्रासिंग भी काफी व्यस्त है। यही नहीं इस पर पड़ने वाले एक सैकड़ा से अधिक गांवो के लोगों का भी प्रतिदिन इसी मार्ग से आना जाना होता है। यहां से भी प्रतिदिन 10 से 12 ट्रेनें गुजरती हैं। जिसकी वजह से हर एक घण्टे बाद क्रासिंग बन्द होने के चलते जाम लगता है। सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। क्रासिंग के जाम से कराह रहा बिसवां बिसवां। चहलारी घाट का पुल बनने के बाद बहराइच से होकर असोम जाने वाली व दो जिलों को जोड़ने वाले चहलारी घाट पुल के बनने से बिसवां सीतापुर रेलवे क्रासिंग पर जबरदस्त तरीके से जाम की समस्या पैदा हो गई है। यहां राहगीरों को घण्टों जाम से जूझना पड़ता है। चहलारी घाट पर पुल बन जाने से रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर एवं सीतापुर आदि जिलों से बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर एवं गोंडा जाने वाले वाहन कम समय लगने और कम दूरी तय करने के चलते असोम की राह आसान तो हुई। लेकिन बिसवां सीतापुर रेलवे क्रासिंग पर जाम की एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। इससे किसान, व्यापारी और विद्यार्थियों सहित आम जनमानस को घण्टों जाम झेलना पड़ता है। घण्टों लोगों को जाम से छुटकारा नहीं मिल पाता है। इसके अलावा बिसवां से सिधौली जाने वाले मार्ग की क्रासिंग एवं बिसवां से सीतापुर मुख्यालय जाने वाले मार्ग पर पड़ने वाली क्रासिंगों पर पड़ोसी जिलों बाराबंकी जिले से महमूदाबाद, बिसवां लहरपुर से लखीमपुर होते हुए पीलीभीत तक मार्ग का चौड़ीकरण व उच्चीकरण हो जाने से पीलीभीत से लहरपुर होते हुए बिसवां महमूदाबाद से बाराबंकी के बीच दोनों ओर से आने जाने वाले वाहनों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। वहीं लखनऊ के सारे वाहन अब लखनऊ से सिधौली बिसवां से होते हुए बहराइच जाते हैं। यही नहीं बरेली और शाहजहांपुर के वाहन भी लखनऊ न जाकर सीतापुर से बिसवां होते हुए बहराइच के लिए गुजरते हैं। इससे रेलवे क्रासिंगों पर जाम की दुश्वारियों से लोगों को जूझना पड़ रहा है। जाम के झाम से रोजाना फंसते हैं बच्चे और आमजनमानस। कस्बे में व्याप्त अतिक्रमण के चलते आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। आए दिन एम्बुलेंस, बच्चों के स्कूली वाहन या अन्य निजी और सरकारी वाहन घंटों जाम में फंसे रहते हैं। इसके अलावा कई जिलों से ताजिया खरीदने वालों को रेलवे क्रासिंगों पर लगने वाली जाम से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां कई मोहल्लों में घर घर ताजिए बनाए जाते हैं। प्रदेश के कई जिलों से अकीदतमंद यहां से ताजिया खरीद कर ले जाते हैं। कस्बे में थवई टोला, दायरा, कमंगरी टोला, छोटा चौराहा, पुराना किला, मियागंज, हजीरा रोड और पठानी टोले में ताजिए का निर्माण और बिक्री बड़े पैमाने पर की जाती है। बिसवां से नेपाल, गोंडा, उतरौला, गोरखपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती सहित प्रदेश के अनेकों शहरों के लोग ताजिए खरीद कर ले जाते हैं। चार दर्जन से ज्यादा सवारी और मालगाड़ी बिसवां की इन दोनों रेलवे क्रासिंगों बिसवां सीतापुर और बिसवां सिधौली पर चार दर्जन से भी ज्यादा सवारी गाड़ी एवं मालगाड़ियों का आवागमन रहता है। इन रेलवे क्रासिंगों पर लगने वाली भीषण जाम से निजात दिलाने के लिए बिसवां सिधौली रेलवे ओवरब्रिज राज्य सेतु निगम द्वारा करीब करीब कार्य पूर्ण किया जा चुका है। लेकिन अभी रेलवे के हिस्से का ओवरब्रिज न बनने के चलते लखनऊ, बख्शी का तालाब, इटौंजा, सिधौली से आने जाने वाले हजारों वाहनों एवं राहगीरों को वहीं बहराइच, नानपारा, रेउसा, जहांगीराबाद, बिसवां से जाने वाले बड़ी संख्या में वाहनों को जाम का झाम झेलना पड़ रहा है। वहीं बिसवां से सीतापुर मुख्यालय को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। इससे क्रासिंगों पर भीषण जाम लगती है। स्टेशन मास्टर केएन मौर्य ने बताया कि 24 घंटे में 50 से ज्यादा मालगाड़ी एवं सवारी गाड़ी निकलती हैं। शिकायतें पुलिस लाइन क्रासिंग पर बन रहे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य की गति काफी धीमी है। जाम वाले क्षेत्रों के लिए कुछ वैकल्पिक रास्तों की कमी है। जाम वाली क्रासिंग यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या ना के बराबर है। क्रॉसिंग के आसपास और मुख्य सड़कों पर ही लोग अपने वाहन पार्क कर देते हैं। क्रॉसिंग के पास सड़कों के किनारे अतिक्रमण पर प्रभावी कार्रवाई का अभाव है। शहर के अंदर भारी वाहनों के प्रवेश के लिए समय निर्धारित नहीं है। सुझाव क्रॉसिंग के आसपास और मुख्य सड़कों पर नो-पार्किंग ज़ोन को सख्ती से लागू किया जाए। लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन हो। क्रासिंगों के ऊपर बन रहे ओवरब्रिज को जल्दी पूरा किया जाए। सभी क्रासिंगों पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं, जिससे जाम की स्थिति न बने। पब्लिक की मांग का सर्वे कराकर क्रासिंगों पर ओवरब्रिज बने। प्रस्तुति - अविनाश दीक्षित
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