मुझे भी गुस्सा आता लेकिन मायावती की क्या मजबूरी, बरसाती मेंढक पर सांसद चंद्रशेखर का पलटवार
आकाश आनंद को लेकर मायावती पर निशाना साधने के बाद बसपा प्रमुख ने सांसद चंद्रशेखर आजाद को बरसाती मेंढक कह दिया। इस पर चंद्रशेखर ने पलटवार किया है। पूछा कि मायावती की क्या मजबूरी है कि इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

यूपी में दलित वोटों पर कब्जे की लड़ाई नए मोड़ पर आ चुकी है। आजाद समाज पाार्टी के अध्यक्ष और नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद को मायावती ने बरसाती मेंढक तक कह दिया। इसे लेकर सोमवार को चंद्रशेखर दोबारा हमलावर हुए। यहां तक कहा कि बहन जी का सम्मान करता हूं लेकिन जब गैरजिम्मेदाराना बातें करती हैं तो गुस्सा आता है। यह देखना होगा कि इस तरह की बातें आखिर बहन जी ने किस मजबूरी में कहीं हैं। गौरतलब है कि चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को लखनऊ में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया था। इस दौरान मायावती के भतीजे आकाश आनंद के साथ बसपा में हुए व्यहार का भी उन्होंने जिक्र कर दिया। इसी के बाद मायावती ने बिना नाम लिए चंद्रशेखर को बरसाती मेंढक कह दिया।
सोमवार को भारत समाचार से बातचीत में चंद्रशेखर आजाद ने इसी पर पलटवार किया। चंद्रशेखर ने कहा कि बहन जी हमारी नेता हैं। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। उनका सम्मान हमेशा करता रहूंगा यह मिली दिली इच्छा है। हमने उनकों सघर्ष करते हुए देखा है। बहन जी ने यह सब (बरसाती मेंढक) क्यों कहा, उनकी क्या ऐसी मजबूरी रही कि यह सब कहना पड़ा है और इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ा। किसके लिए किया गया है, उस पर कुछ नहीं कहना।
चंद्रशेखर ने कहा कि जैसा कहा गया है कि बेचैनी है। इस पर जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि आकाश आनंद पहले भी बसपा में थे, कहीं गए नहीं थे। 2022, 2024 में भी वहीं थे। उनके नेतृत्व में पार्टी कितनी आगे बढ़ी, कितना फायदा हुआ, किसी से छिपा नहीं है। घर की बात घर में रहती तो अच्छा रहता। लेकिन जिस तरह से बहन जी ने उनको जलील किया, यह भी किसी से छिपा नहीं है। अपनी पत्नी की मानता है, अपने ससुर की मानता है, स्वार्थी है, अपरिपक्व है, एक तरह के लिए इस तरह की बातें सार्वजनिक रूप से कहकर उसकी राजनीतिक हत्या का भी प्रयास किया गया।
चंद्रशेखर ने कहा कि फिर भी यह उनके घर का मामला है, मैं इसमें ज्यादा नहीं घुसना चाहता। बहन जी से मेरी को ईष्या नहीं है। मैं बुद्ध को मानने वाला हूं। हालांकि कई बार कोई गैरजिम्मेदाराना बातें करता है तो गुस्सा आता है। इसके बाद भी मायावती का मैं पूरा सम्मान करता हूं।
चंद्रशेखर ने कहा कि हमारे समाज ने पहले बहन जी को मौका दिया। अब लोग आजाद समाज पार्टी के साथ हैं। राजनीति में वोट ही पैमाना होता है। हम दो सीटों पर लड़े और एक सीट जीती। दूसरी सीट पर 80 हजार वोट हासिल किए। जनता ने आजाद समाज पार्टी को विकल्प के रूप में स्वीकार किया है। तीसरा ऐसा दल है जिसके जरिए यूपी की सत्ता में स्थापित हो सकते हैं।
चंद्रशेख ने कहा कि 2012 से 2027 तक 15 साल हो जाएंगे। इन 15 सालों में दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों, जैनों, सिखों, बौद्धों को उनके विचार की सत्ता नहीं मिली है। ऐसी सत्ता नहीं मिली जिससे उनका भला हो पाता। अगर भला हो पाता तो उनके साथ इतना जुल्म नहीं होता। अलीगढ़ का मामला देख लीजिए, किस तरह से सरेआम बेकसूरों की खाल खींची गई। यूपी में कोई ऐसा जिला नहीं है जहां दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों की खाल नहीं खींची जा रही हो। उनकी बहन-बेटियों को अपमानित नहीं किया जा रहा हो। तमाम लोग परेशान हैं और कोई सुनने वाला नहीं है। चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि हम लोगों को अब बसपा की चर्चा नहीं करनी चाहिए, हमें दलित समाज की चर्चा करनी चाहिए।