भीषण गर्मी में कर रहे रिकार्ड बिजली आपूर्ति
Sonbhadra News - अनपरा, संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के निजीकरण के पक्ष में दिए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। समिति ने आरोप लगाया कि टोरेंट पॉवर कम्पनी 2200 करोड़ रुपये का...

अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री द्वारा निजीकरण के पक्ष में गुरुवार को दिये बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकारी क्षेत्र में घाटे की परवाह न करते हुए किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में इस भीषण गर्मी में बिजली कर्मी रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री आये दिन इसका श्रेय भी ले रहे हैं किन्तु पक्ष निजी घरानों का ले रहे हैं।संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि आगरा में 01 अप्रैल 2010 को जब बिजली व्यवस्था टोरेंट पॉवर कम्पनी को सौंपी गयी थी तब पावर कारपोरेशन का 2200 करोड़ रूपये का उपभोक्ताओं पर बकाया था।
इस 2200 करोड़ रूपये को टोरेंट पॉवर कम्पनी को एकत्र कर पॉवर कारपोरेशन को देना था। पॉवर कारपोरेशन इसके एवज में टोरेंट पॉवर कम्पनी को 10 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि देती। आज 15 वर्ष से अधिक व्यतीत हो गया है किन्तु टोरेंट पॉवर कम्पनी ने इस 2200 करोड़ रूपये के बकाये का एक पैसा भी पॉवर कारपोरेशन को नहीं दिया है। पॉवर कारपोरेशन रूपये 5.55 प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीद कर रूपये 4.36 प्रति यूनिट की दर पर टोरेंट पॉवर कम्पनी को देता है। इस प्रकार प्रति वर्ष लगभग 2300 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति करने में पॉवर कारपोरेशन को सालाना 274 करोड़ रूपये का घाटा हो रहा है। विगत 15 वर्ष में यह घाटा 2500 करोड़ रूपये से अधिक का हो चुका है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री इसे उपलब्धि मानते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि पूर्वांचल विद्युत वितनण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण से और कितना घाटा होने वाला है।
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