Energy Task Force Meeting Union Accuses Privatization of Power Corporations of Favoring Private Firms बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपना चाह रहा प्रबन्धन, Sonbhadra Hindi News - Hindustan
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बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपना चाह रहा प्रबन्धन

Sonbhadra News - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में निजीकरण के खिलाफ विरोध जताया। समिति ने आरोप लगाया कि ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 में संशोधन निजी घरानों को लाभ...

Newswrap हिन्दुस्तान, सोनभद्रFri, 16 May 2025 05:12 PM
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बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपना चाह रहा प्रबन्धन

अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शुक्रवार को हुई एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 में संशोधन करने का आरोप लगाया है। निजीकरण के विरोध में वर्क टू रूल आंदोलन कर रही संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के प्रबंधन पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने और शांतिपूर्वक आंदोलनरत बिजली कर्मियों पर जबरदस्ती हड़ताल जैसी स्थिति थोपने का आरोप भी लगाया है। संघर्ष समिति ने कहा कि ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ना पूर्णतया असंवैधानिक है।

कहा कि पावर कारपोरेशन चेयरमैन ने जिला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को भेजे गए पत्र में शांतिपूर्वक आंदोलन को हड़ताल बताते हुए हड़ताल से निपटने की तैयारी के आदेश दिए हैं। समिति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली की अधिकतम दरें रुपए 6.50 प्रति यूनिट है। जबकि निजी क्षेत्र में मुंबई में बिजली की दरें 17 से 18 रुपए प्रति यूनिट, कोलकाता में निजी क्षेत्र में 12 से 15 रुपए प्रति यूनिट और दिल्ली में निजी क्षेत्र में 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट तक है। सरकारी क्षेत्र के लिए बिजली एक सेवा है और निजी क्षेत्र के लिए बिजली एक व्यवसाय है। स्वाभाविक है कि निजीकरण के बाद बिजली की दरों में भारी वृद्धि होनी ही है। संघर्ष समिति ने बताया कि वर्क टू रूल आंदोलन के तीसरे दिन बिजली कर्मचारियों ने कार्यालय समय के दौरान ही कार्य किया। कार्यालय समय के बाद बिजली कर्मचारियों ने प्रबंधन का पूरी तरह से बहिष्कार किया किंतु यह ध्यान रखा कि बिजली आपूर्ति बाधित न हो और उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की तकलीफ न हो।

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