ओबरा सी की 660 मेवा की पहली इकाई का हुआ लोकार्पण
Sonbhadra News - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओबरा सी परियोजना की पहली इकाई का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस परियोजना की लागत लगभग 6502 करोड़ रुपये है और यह 660 मेगावाट बिजली उत्पादन करने में सक्षम है। इससे चार लाख घरों...

ओबरा, हिन्दुस्तान संवाद। ओबरा सी परियोजना की लगभग 6502 करोड़ की लागत से बनी 660 मेगावाट की दो इकाईयों में पहली इकाई का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बटन दबाकर कानपुर से वर्चुअल लोकार्पण किया। ओबरा के गांधी मैदान में भव्य आयोजन के बीच इसका सीधा प्रसारण दिखाया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए पूरा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के हजारों स्त्री पुरुष मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में ऊर्जा क्षेत्र के आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने तथा सभी को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने इस उन्नत संयंत्र को चालू करने में लगे अभियंताओं, श्रमिकों और सभी हितधारकों की सराहना की।
कहा कि यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश की बढ़ती बिजली आवश्यकताओं को पूरा करेगी, बल्कि रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारी इस वर्चुअल समारोह में शामिल रहे। उधर गांधी मैदान ओबरा में वर्चुअल लोकार्पण का सीधा प्रसारण कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ रही। प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोड़ साक्षी बने। ओबरा परियोजना के महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने कहा कि इस परियोजना से जनपद सोनभद्र को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और अग्रणी बनाने का संकल्प छिपा है। उन्होंने बताया कि आज का दिन ओबरा अथवा प्रदेश के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना के निर्माण के दौरान परियोजना में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है। ओबरा सी परियोजना सिर्फ ईट और सीमेंट से बनी एक संरचना नहीं है, बल्कि यह हमारे राज्य की ऊर्जा क्रांति का प्रतीक है। इस इकाई से प्रतिदिन लगभग 158 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमे उत्पादित बिजली लगभग 5 रुपया प्रति यूनिट है, जो आर्थिक रूप से लाभकारी है। इस परियोजना को अथक परिश्रम, अटूट संकल्प और उत्कृष्ट समर्पण भावना के साथ मूर्तरूप दिया गया है। उन्होंने परियोजना के निर्माण में लगे मजदूरों, इंजीनियरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी के अथक मेहनत, तकनीकी दक्षता और समर्पण से ही महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार किया गया है। समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड ने कहा कि अब डबल इंजन की सरकार के कड़ी मेहनत के बाद विकसित भारत का संकल्प आज दिखाई दे रहा है। उन्होंने डबल सरकार के विकास कार्यों विशेषकर प्रदेश के कई बनाए गए एक्सप्रेस वे का जिक्र करते हुए बिजली व्यवस्था में सुधार की बातें कही। अंत में उन्होंने सभी आए लोगों का आभार प्रकट किया। इस मौके पर जिलाधिकारी बीएन सिंह, एडीएम सहदेव मिश्र, एएसपी आपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, निदेशक तकनीकी अश्वनी त्रिपाठी, एसएन मिश्रा, एसके सिंघल, राजकुमार, वाईके गुप्ता, दिवाकर स्वरूप, एके राय, सदानंद यादव, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के समादेष्टा नीतिश तोमर आदि मौजूद रहे। संचालन संदीप मिश्रा और कार्यक्रम का कुशल मार्गदर्शन अनुराग मिश्रा ने किया। लगभग 6502 करोड़ की लागत से बनी ओबरा सी परियोजना की 660 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई से लगभग चार लाख घरों की बिजली प्रतिदिन मिलेगी। इससे प्रदेश बिजली उत्पादन में आत्म निर्भर बनने की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है। इस इकाई से बहुत ही सस्ती दर पर बिजली उत्पादन किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। वही 660 मेगावाट क्षमता की दूसरी इकाई को भी लगभग तैयार कर सभी पहलुओं की जांच करते हुए टेस्टिंग प्रक्रिया से गुजर रही है। दूसरी इकाई को भी पूरी लोड पर चलाकर संचालन किया जा चुका है। दूसरी इकाई को कुछ परीक्षणों से गुजरने के बाद कमर्शियल लोड से जोड़ने के लिए परियोजना प्रशासन युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। इसके अतिरिक्त ओबरा में ही डी बिजली परियोजना के अंतर्गत 800 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयों को लगाने की कवायद तेज कर दी गई है, जिसमे भूमि परीक्षण भी किया जा चुका। इस परियोजना को लगाने का लक्ष्य वर्ष 2030 रखा गया है। इस परियोजना के लग जाने के बाद बिजली के क्षेत्र में भारत आत्म निर्भर हो जाएगा।
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