कत्ल की जब उसने दी धमकी मुझे...शायराना अंदाज़ में बोले सपा सांसद रामजी लाल सुमन
सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने मिली धमकियों को लेकर शायराना जवाब दिया। उन्होंने बेखुद देहलवी का एक शेर पढ़ते हुए कहा कि कत्ल की जब उसने दी धमकी मुझे, कह दिया मैंने कि देखा जाएगा। दरअसल आगरा में करणी सेना ने उनके आवास पर कूच करने का ऐलान किया था।

अनिश्चितता भरा चेहरा, समर्थकों की भीड़, पुलिस का सुरक्षा चक्र और शाम पांच बजे का इंतजार। ऐसे माहौल में जब सपा सांसद रामजीलाल सुमन से उन्हें मिलीं धमकियों की बाबत पूछा गया तो जवाब में 'बेखुद देहलवी' का एक शेर पढ़ दिया। बोले-'मय पिलाकर आपका क्या जाएगा, जाएगा ईमान जिसका जाएगा। कत्ल की जब उसने दी धमकी मुझे, कह दिया मैंने कि देखा जाएगा...।'
74 साल की उम्र और 55 साल का राजनीतिक करियर। एक बार केंद्रीय मंत्री समेत तीन बार लोकसभा सांसद और अब राज्यसभा सांसद के रूप में लंबी पारी खेलने वाले सुमन संभवत: पहली बार इतने बड़े विवाद का सामना कर रहे हैं। राज्यसभा में विवादित बयान के बाद 26 मार्च को उनके आवास पर हमला और 12 अप्रैल को दोबारा अनहोनी की आशंका के बीच सांसद सुमन अपने आवास पर समर्थकों के बीच घिरे रहे।
सोशल मीडिया पर उन्हें धमकियां देने वाले वीडियो की भरमार रही। ऐसे में आशंकित होना स्वाभाविक है। लेकिन लंबे राजनीतिक करियर को जी चुके सुमन आसानी से शिकस्त मानने वाले नेता नहीं रहे हैं। इसकी मिसाल शनिवार को साफ नजर आई। बेशक उन्होंने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। अपनी सुरक्षा के लिए राज्यसभा सभापति से अनुरोध भी कर चुके हैं। करणी सेना के प्रदर्शन और शाम पांच बजे के बाद उनके आवास की ओर कूच करने के ऐलान के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने पुराने अंदाज में शायराना अंदाज में जवाब दिया। बेखुद देहलवी के चर्चित शेर के बहाने उन्होंने इरादे जाहिर कर दिए। यानी जो होगा सो देखा जाएगा।
यह प्रदर्शन नहीं, बल्कि अराजकता
करणी सेना के प्रदर्शन पर सांसद सुमन ने कहा कि कोई भी विचार पूर्ण नहीं होता। किसी की बात से असहमति हो सकती है। ऐसे में संविधान और कानून के दायरे में रहकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रकट किया जा सकता है। धरना-प्रदर्शन कर सकते हैं। अदालत भी जा सकते हैं। किसी के घर पर हमला या इस तरह का प्रदर्शन अराजकता की स्थिति है। यह लोकतंत्र की सेहत के लिए ठीक नहीं है।
अभी मौजूद है सामंती मानसिकता
सांसद ने कहा कि समाज में सामंती मानसिकता अभी मौजूद है। राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष के जाने पर मंदिर को गंगाजल से धोया गया। खुद अखिलेश यादव ने जब अपना आवास छोड़ा तो उसे भी गंगाजल से धोया गया। अब यह खुदाई पर उतर आए हैं। धर्मस्थलों की ज्यादा खुदाई की गई तो बौद्ध मठ निकल सकते हैं। बौद्ध अवशेष मिल सकते हैं। अब यह गतिरोध बंद हो जाना चाहिए।
कुछ भी कर सकता है सिरफिरा
सांसद सुमन ने अपनी सुरक्षा को लेकर कहा कि उन्हें और परिवार को जान का खतरा है। इसके लिए उपराष्ट्रपति, डीजीपी, गृह सचिव से सुरक्षा की मांग की गई है। लेकिन कहीं से कुछ हुआ नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट की शरण ली गई है। कोई सिरफिरा कुछ भी कर सकता है। पुलिस को भी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इसकी जानकारी मिल रही है। इसलिए पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ाई है।