सूखने की कगार पर बरकोता ड्रेन, दर्जनों गांवों के किसान परेशान
Unnao News - भदनी नदी सूखने की कगार पर है, जिससे किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं और मवेशियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। पिछले 15 वर्षों से नदी का पानी कम होता जा रहा है, और गर्मी बढ़ने के साथ ही नदी...

चकलवंशी, संवाददाता। क्षेत्र के कई गांवों से गुजरने वाली भदनी नदी सूखने की कगार पर है। नदी में पानी कम होने से किसान अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, मवेशियों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। दशकों पुरानी बरकोता ड्रेन पश्चिम से निकलकर महमूदपुर, शाहाबाद, सकतपुर, औराई, भदनी, बदनखेड़ा, भवानी खेड़ा, बेलंदखेड़ा, नूरुदी नगर, खटौली, कलंदरखेडा, नगवा, किन्ना, प्यारेपुर, अतरी सहित कई गांवों से होते हुए बसधना गांव के पास गंगा में मिल जाती है। पिछले एक दशक से गर्मी के मौसम में नदी का पानी कम होता जा रहा है। जिससे अब किसान अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।
नदी का पानी कम होने से गांवों का भूगर्भ जलस्तर भी तेजी से कम हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि डेढ दशक पहले सिंचाई विभाग ने जेसीबी से सफाई कराई गई थी। तब से पानी का स्तर कम होता जा रहा है। फसलों की सिंचाई के अलावा जंगली और पालतू मवेशियों के लिए पीने के लिए पानी नहीं रहता है। गर्मी बढ़ने के साथ ही पूरी तरह सूख जाएगी नदी ग्रामीणों के मुताबिक गर्मी बढ़ने के साथ ही नदी का पानी धीरे.धीरे कम होता जा रहा है। जून महीने तक नदी पूरी तरह सूख जाएगी। जिससे सबसे ज्यादा दिक्कत जीव.जंतुओं को होती है। गांव के पास से नदी निकली है। सालों से नदी के पानी से फसलों की सिंचाई की जाती है। मगर 15 साल से नदी सूख जाती है। जिससे सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता। विजय सिंह, पारा जो थोड़ा बहुत पानी नदी में दिख रहा है। वह जब शारदा नहर में पानी आता है। तब कोरारी कला गांव के पास स्थित नहर पर बने पुल से पानी रिसता है। वह नदी में आता है, जिससे पानी दिख रहा है। कैलाश, पारा इस नदी के किनारे स्थित बड़ी संख्या में खेतों की सिंचाई नदी के पानी से होती है। मगर अब नदी में पानी नहीं रहता। जिससे निजी संसाधनों से सिंचाई करनी पड़ती है। राजपाल, पारा बहुत पुरानी नदी है। बीस साल पहले तक नदी में हर समय पानी रहता था। खेतों की सिंचाई के साथ मवेशियों के लिए पानी पीने का साधन था। मगर अब तो मई में ही नदी सूख रही है। जिससे पानी की समस्या हो जाती है। शिवराम, भदनी पंद्रह साल पहले नदी की सफाई कराई गई थी। जेसीबी से तबसे नदी सूखने लगी, जबकि पहले ऐसा नहीं था। नदी बहती रहती थी। मई जून में पानी का बहाव कम होता था। मगर पानी हर समय रहता था। रामदास, भदनी जब नदी में पानी बहता रहता था तब गांव में लगे हैंडपंप में पानी पर्याप्त मात्रा में निकलता था। लेकिन जब से नदी सूखने लगी जलस्तर मे काफी कमी आ गई है। राजेंद्र सिंह, भदनी
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