यूपी में 44 साल बाद निपटाया केस; न तुम जीते, न हम हारे की आधार पर किया समझौता
यूपी के आगरा में एक अजब मामला देखने को मिला। 44 साल पुराने केस का ऐसा अंत हुआ कि हर कोई हैरान रह गया। 44 साल से लंबित मुकदमे में न तुम जीते न हम हारे की तर्ज पर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से समझौता कर अदालत में प्रस्तुत किया।

यूपी के आगरा में एक अजब मामला देखने को मिला। 44 साल पुराने केस का ऐसा अंत हुआ कि हर कोई हैरान रह गया। 44 साल से लंबित मुकदमे में न तुम जीते न हम हारे की तर्ज पर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से समझौता कर अदालत में प्रस्तुत किया। अपर जिला जज महेश चंद वर्मा ने समझौता स्वीकार कर पत्रावली दाखिल दफ्तर करने के आदेश दिए। एक पक्ष के गीतम सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र सिंह धाकरे एवं दूसरे पक्ष के भरत सिंह की ओर से अधिवक्ता आदर्श कृष्ण भारद्वाज ने सकारात्मक पहल की।
जानकारी के अनुसार ग्राम घिलोय फतेहपुर सीकरी निवासी भरत सिंह, विजय सिंह, कप्तान सिंह एवं भूपेंद्र सिंह एवं गीतम सिंह निवासी चोमा शहापुर के मध्य वर्ष 1981 से जमीन विवाद के बाबत अदालत में सिविल वाद लंबित चल रहा था। दोनों पक्ष विगत 44 वर्ष से तारीख पर तारीख लेकर कोर्ट से चले जाते थे। लंबे चले मामले से परेशान होने एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ता द्वारा आपसी वैमनस्य समाप्त कर उनके समक्ष आपसी सहमति एवं सुलह समझौते के आधार पर मुकदमा समाप्त कराने की सकारात्मक पहल की। इसे दोनों पक्षों ने भी सहर्ष स्वीकार कर सहमति प्रदान कर दी।
इस पर गीतम सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र सिंह धाकरे एवं भरत सिंह आदि की ओर से अधिवक्ता आदर्श कृष्ण भारद्वाज ने दोनों पक्षों के मध्य न तुम जीते न हम हारे की तर्ज पर समझौता तैयार कराकर अदालत से मुकदमा समाप्त करने का आग्रह किया। अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से दाखिल समझौते को मानते हुए दोनों पक्षों के मध्य लंबित मुकदमे को समाप्त कर पत्रावली दाखिल दफ्तर करने के आदेश दिए। अब कागजी कार्रवाई के बाद 44 साल बाद ये मुकदमा खत्म हो रहा है। इस पर दोनों पक्षों का कहना है कि हमने आपसी समझौता कर लिया है।