साहित्य की नई पौध का हो रहा अंकुरण
Varanasi News - वाराणसी में बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में 'साखी संवाद 2025' उत्सव की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो. बिंदा परांजपे ने किया। पहले दिन नवोदित कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इस आयोजन...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में साखी की ओर से कविता और साहित्य का दो दिवसीय उत्सव ‘साखी संवाद 2025: परिसर की कविता, बनारस और पुस्तक प्रदर्शनी रविवार को आरंभ हुई। उत्सव का उद्घाटन संबोधि सभागार में सामाजिक विज्ञान संकाय की प्रमुख प्रो. बिंदा परांजपे ने किया।
पहले दिन काव्य सत्र में परिसर से चयनित नवोदित कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। युवा कवि विहाग वैभव ने अपनी कविता लोकगीतों की दुनिया का पाठ किया। सत्र की अध्यक्षता करते हुए नीरज खरे ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि विश्वविद्यालय में एक सिरा इतना रचनात्मक बना हुआ है। साहित्य की नई पौध का अंकुरण हो रहा है। संयोजक सदानंद शाही ने हर तीन महीने यह आयोजन करने की घोषणा की। 28 अप्रैल को विचार सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसमें ‘उतर सत्य विषय पर संवाद और ‘पाश्चात्य साहित्यालोचन परिभाषावली पुस्तक का लोकार्पण होगा। कार्यक्रम में प्रकाश उदय, वंदना मिश्रा, विहाग वैभव, और प्रभाकर सिंह विशेष अतिथि रहे। इस अवसर पर प्रो. अवधेश प्रधान, प्रकाश उदय, प्रो. नीरज खरे, प्रभाकर सिंह और प्रियंका सोनकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। पुस्तक प्रदर्शनी में लोकायत प्रकाशन, प्रेमचंद साहित्य संस्थान, नेशनल बुक ट्रस्ट और साहित्य अकादमी से प्रकाशित पुस्तकें प्रदर्शित की गई हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।