' शांति आंदोलन' कबूल नहीं, न ही मांगें
Varanasi News - वाराणसी के बीएचयू में डीन पद का विवाद बढ़ता जा रहा है। मानसिक रोग विभाग के प्रो. संजय गुप्ता 3 जून से शांति आंदोलन कर रहे हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार ने उन्हें सलाह दी है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है,...

वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में डीन पद का विवाद गहराता जा रहा है। मानसिक रोग विभाग के प्रो. संजय गुप्ता के शांति आंदोलन के आठवें दिन मंगलवार को डिप्टी रजिस्ट्रार ने सलाहनामा भेजा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि डीनशिप का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में शांति आंदोलन उचित नहीं है। डीन पद पर वरिष्ठता और यूजीसी की गाइड लाइन के आधार पर अपना दावा करने वाले प्रो. संजय गुप्ता 3 जून से आईएमएस भवन में शांति आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि यूजीसी ने सीनियर प्रोफेसर को वरिष्ठता का पैमाना नहीं माना है।
ऐसे में मैं डीन का हकदार हूं। आंदोलन के सप्ताहभर बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने उन्हें सलाहनामा जारी किया है। लिखा है कि 19 मई 2025 को यूजीसी और कुलपति को पत्र लिखकर आपने डीन के लिए दावेदारी की है। जबकि आप पहले से ही कोर्ट में याचिका दाखिल किए हैं। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। आपको उक्त याचिका और यूजीसी के जवाब की प्रतीक्षा की सलाह दी जाती है। जब तक मामला न्यायालय में विचाराधीन है, धरना या शांति आंदोलन सहित किसी भी प्रकार के सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन उचित नहीं होगा। मेरे पत्र पर सब रहे मौन: प्रो.गुप्ता उधर प्रो. संजय गुप्ता का कहना है कि दर्जनों बार विवि प्रशासन से आग्रह किया कि स्थिति स्पष्ट किया जाय, तब तो वह प्रशासन मौन रहा। शांति आंदोलन शुरू करने से पहले भी कुलपति, रजिस्ट्रार, आईएमएस बीएचयू के निदेशक, चीफ प्रॉक्टर को पत्र लिखा था। याद दिलाया कि जब यूजीसी ने स्पष्ट गाइडलाइन दे दी है तो फिर मुझे मेरा अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति आंदोलन रुकेगा नहीं, जारी रहेगा।
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