महिला चिकित्सक से 1.88 करोड़ की साइबर ठगी
Varanasi News - वाराणसी में एक महिला चिकित्सक को शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 1.88 करोड़ रुपये ठग लिए गए। इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देखकर उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप जॉइन किया और एक ऐप के जरिए पैसे भेज दिए। अब...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर ठगों ने सिगरा निवासी महिला चिकित्सक को शेयर मार्केट में निवेश पर मोटे मुनाफे का झांसा देकर 1.88 करोड़ की ठगी कर ली। साइबर थाना में गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया गया। डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि जालसाजों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें लगीं हैं।
चिकित्सिका ने पुलिस को बताया कि बीते 2 मार्च को इंस्टाग्राम पर आस्क इनवेस्टमेंट का विज्ञापन देखा। उसके लिंक पर जाकर उन्होंने आस्क हेल्प डेस्क नामक व्हाट्सएप ग्रुप जॉइन किया। उस ग्रुप पर शेयर ट्रेडिंग से संबंधित व्याख्यान के वीडियो क्लिप शेयर किए गए थे। इसके बाद ग्रुप एडमिन ने एएसके नामक ऐप प्ले-स्टोर से डाउनलोड करने को कहा। बताया कि उसी ऐप के जरिये शेयर ट्रेडिंग कराते हैं। ग्रुप की कोआर्डिनेटर प्रिया शर्मा नामक लड़की थी, जिससे बात होती थी। चिकित्सक ने बताया कि ऐप पर उनके निवेश की राशि का लाभांश दिखता था। एक बार प्रॉफिट के कुछ पैसे भी उन्होंने निकाले। इसके बाद उन्हें विश्वास हो गया कि निवेश के लिए यह ऐप सही है। ऐप पर भरोसा कर को-आर्डिनेटर प्रिया शर्मा के बताए गए अलग-अलग खातों में 1 करोड़ 88 लाख 32 हजार रुपये भेज दिए। इसके बाद वे अपने रुपये नहीं निकाल सकीं। तब उन्हें ठगी की जानकारी हुई। बताया कि पूरी रकम 25 मार्च से 17 अप्रैल के बीच ठगों के खाते में भेजे।
चिकित्सिका की गुहार- पैसे दिलवा दें, दिवालिया हो गई हूं
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता।
महिला चिकित्सक ने साइबर पुलिस को बताया कि किस तरह से उनको झांसे में लिया गया, कैसे 1.88 करोड़ की ठगी की गई। जब भी अपने पैसे वापस पाने की कोशिश करतीं, उनसे कहा जाता था कि आईपीओ में और निवेश करने पर ही रुपये वापस मिलेंगे। अपने पैसे वापस पाने की उम्मीद में वह जालसाजों के चंगुल में फंसती चली गईं।
चिकित्सिका ने बताया कि जिस आस्क हेल्प डेस्क ग्रुप से उनको जोड़ा गया था, उसमे जितने भी सदस्य थे, वे अपने मुनाफे का मैसेज सांझा करते थे। दो से तीन गुना फायदा होने की बात कहते थे। उसका स्क्रीन शॉट भी शेयर करते थे। इस कारण चिकित्सिका को भरोसा बढ़ता गया। ग्रुप कोआर्डिनेटर के कहने पर पहली बार जब निवेश किया तो दोगुना फायदा हुआ था। एक बार उन्होंने ने लाभांश से कुछ पैसे निकाले भी थे। निवेश के नाम लिए गए रुपये का प्रॉफिट ऐप पर तीन से चार गुना दिखता था। इसी लालच में आकर महीने भर से भी कम समय में उन्होंने 1.88 करोड़ रुपये भेज दिये।
अलग-अलग प्रदेशों के बैंक खातों में मंगाए पैसे
चिकित्सिका से मुंबई, गुजरात, दिल्ली के अलग-अलग बैंकों के खाते में रुपये मंगाये गये। बैंक आफ महाराष्ट्रा के एमएसीई ट्रेडिंग नामक खाते में 15.50 लाख, टेक्समेक्स नामक खाते में 3.60 लाख, नालको ट्रेडिंग में 10 लाख, बंधन बैंक के मां मोबाइल ऐंड एसेसीरीज में 50 हजार, एसके इंटरप्राइजेज खाते में 56.72 लाख, कोटक महिंद्रा बैंक के मेट्रो ट्रेडिंग नामक खाते में 30 लाख, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के लाइफ हेल्थ केयर में 72 लाख रुपये भेजे थे।
सभी खाते फर्जी नाम-पते पर थे
जिन-जिन खातों में रुपये गए, सभी फर्जी नाम और पते पर खोले गये हैं। साथ ही हर खाता करंट अकाउंट हैं। पुलिस की आरंभिक जांच में सामने आया है कि खातों से रुपये 1200 से अधिक खातों में ट्रांसफर किये गए हैं।
बेटिंग ऐप के विजेताओं को भेजे पैसे!
ठगी के रुपये विभिन्न बेटिंग ऐप में निवेश करने वाले विजेताओं को भेजने की आशंका है। इस समय आईपीएल के दौर में कई बेटिंग और गेमिंग ऐप की भरमार है, जिसमें लोग रुपये लगाकर इनामी राशि जीत रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि ठगी के रुपये इनामी राशि के तौर पर भेजी गई होगी। पुलिस इस एंगल पर छानबीन में जुटी है।
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24 घंटे के भीतर 1930 पर करें शिकायत
अगर साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो 24 घंटे में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें। या फिर https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा नजदीकी थाने या साइबर थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराएं।
इन बातों का ध्यान दें
- निवेश संबंधी ऐप या लिंक पर जाने से पहले किसी आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ से सलाह लें
- ऐप पर निवेश के दौरान पहले लाभ देकर झांसे में लेते हैं साइबर ठग
- किसी भी शेयर ट्रेडिंग के विज्ञापन में मोटा मुनाफा की बात पर झांसे में न आएं
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