कार्डियक अरेस्ट से गई थी चिकित्सक की जान
Varanasi News - बांसडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वेंकटेश मौआर की जेल में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही की और धन की मांग की। डॉ....

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। रिश्वत लेने के आरोप में जेल में बंद बांसडीह (बलिया) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 43 वर्षीय चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. वेंकटेश मौआर की सोमवार को कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौत हुई थी। मंगलवार को लालपुर-पांडेयपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पीएम रिपोर्ट से मौत की वजह स्पष्ट हुई। जिला प्रशासन के आदेश पर तीन चिकित्सकों की टीम ने मंगलवार शाम पोस्टमार्टम किया। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि चिकित्सा अधीक्षक को हाइपरटेंशन, माइग्रेन की बीमारी थी। इस दौरान भीषण गर्मी के बीच रहने से उनकी तबीयत और बिगड़ती गई। इसी वजह से कार्डियक अरेस्ट हुआ।
शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर चिकित्सा अधीक्षक के परिजन मौजूद रहे। उन्होंने पोस्टमार्टम कराने में देरी करने का आरोप लगाया। डॉ. वेंकटेश मौआर बिहार के औरंगाबाद जिले के मौआर खैरा (बारुड़) के निवासी थे। ‘जेल प्रशासन ने नहीं सुनी तो कानूनी प्रक्रिया में जुटे थे वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर मंगलवार को डॉ. वेंकटेश मौआर के भाई रंकटेश समेत अन्य परिजन भी मौजूद थे। सभी का आरोप था कि जेल प्रशासन की भ्रष्ट प्रणाली से उनकी जान गई। बताया कि वेंकटेश पैसे देने के लिए भी तैयार हो गए थे। इसके साथ ही अस्पताल ले जाने के लिए न्यायालीय प्रक्रिया में जुटे थे, इस बीच तबीयत काफी बिगड़ जाने से उनकी मौत हो गई। रंकटेश ने बताया कि जेल के अंदर भाई को बुखार आ रहा था। बावजूद चार दिनों से इलाज नहीं हो रहा था। चार दिनों से उन्होंने कुछ खाया भी नहीं था। उनको माइग्रेन, शुगर, बीपी की बीमारी थी। पहले से जो दवा चल रही थी, उसको भी जेल जाते समय बाहर रखवा दिया गया था। जेल में उनकी कोई दवा, इलाज नहीं चल रहा था। भीषण गर्मी में एक पंख के नीचे रखा गया था। सोमवार सुबह करीब 11 बजे वह भाई मिलने के लिए, डॉ. वेंकटेश की पत्नी और एक दोस्त के साथ गए थे। तब डॉ. वेंकटेश ने कहा था कि ‘उन्हें यहां से ले चलो। कहीं बाहर इलाज करवाओ। नहीं तो मैं मर जाऊंगा। उसी वक्त जेल अधिकारियों से मिलकर डॉ. वेंकटेश की पत्नी प्रियंका ने इलाज कराने की गुहार लगाई। जेल अधिकारियों ने जवाब में कहा कि ‘यहां जो आते हैं, सब ड्रामा करते हैं। जेल में बेहतर इलाज के लिए 25000 रुपये प्रति सप्ताह और बाहर के अस्पताल में भर्ती कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये की मांग की। बताया कि भाई के लिए बाहर से पानी की पांच बोतलें भेजते थे। जबकि उन्हें केवल एक बोतल पानी मिलता था। डॉ. वेंकटेश चार बहन, तीन भाइयों में चौथे नंबर पर थे। उनके दो पुत्र विनायक और वेदांत हैं। मां कृष्णा देवी, पिता राम नरेश घटना से सदमे में हैं। पत्नी ने कारागार मंत्री, डीजी जेल से की शिकायत डॉ. वेंकटेश की पत्नी प्रियंका ने कारागार मंत्री और डीजी जेल से शिकायत की है। शिकायत में बताया कि जेल अधीक्षक के इशारे पर उनके पति की पैंट फाड़कर अभद्रता की गई। बाहर इलाज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये मांगे गए। पति की मौत के लिए जेल अधीक्षक, जेल के चिकित्सक जिम्मेदार हैं। सभी की बर्खास्तगी और निष्पक्ष जांच की मांग की है। अमिताभ ठाकुर ने की जांच की मांग आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मुख्य सचिव और डीजीपी से चिकित्सक की मौत की जांच की मांग की है। कहा है कि डॉ. वेंकटेश के नजदीकियों की जानकारी के अनुसार अवैध वसूली के लिए जेल प्रशासन द्वारा डॉ. वेंकटेश के साथ घोर दुर्व्यवहार किया गया। इन कारणों से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। यही नहीं इलाज में लापरवाही की गई।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।