यूपी कॉलेज में छात्र कर सकेंगे पीएचडी
Varanasi News - यूपी कॉलेज में नए सत्र से पीएचडी ऑर्डिनेंस लागू किया गया है, जिससे कॉलेज शोध प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकेगा और शोध उपाधियां दे सकेगा। इसके साथ ही, बीएससी (ऑनर्स) कृषि कार्यक्रम के नए पाठ्यक्रम को भी...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। यूपी कॉलेज में नए सत्र से पीएचडी ऑर्डिनेंस लागू कर दिया गया है। यानी अब यूपी कॉलेज शोध प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकेगा और शोध उपाधियां दे सकेगा। बुधवार को हुई विद्या परिषद की बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की छठी डीन कमेटी की सिफारिशें भी लागू कर दी गईं।
प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सत्र 2025-26 से बीएससी (ऑनर्स) कृषि कार्यक्रम के नए पाठ्यक्रम को लागू करने की मंजूरी दी गई। स्वायत्तता के विस्तार के बाद कॉलेज में एक स्वतंत्र शोध प्रकोष्ठ की स्थापना और पीएचडी कराने का रास्ता भी साफ हो गया। परास्नातक स्तर पर शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी कार्सों में संशोधन को स्वीकृति दी गई। स्नातक स्तर पर चार नए वोकेशनल का पाठ्यक्रम ऑर्गेनिक फार्मिंग, मशरूम कल्टीवेशन, क्रिएटिव राइटिंग इन इंग्लिश और इलेक्ट्रिकल सर्किट ऐंड नेटवर्किंग को भी मंजूरी मिली।
विद्या परिषद ने राजर्षि उदय प्रताप सिंह जूदेव के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित सह-पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दी। महाविद्यालय में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड विधि (लॉ) और तीन वर्षीय विधि (लॉ), बीबीए, बीसीए कोर्स से संबंधित कोर्सों के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। बैठक में विद्या परिषद के विशिष्ट सदस्य नैक के पूर्व निदेशक प्रो. एएन राय, पूर्व कुलपति मणिपुर विवि प्रो. आद्या प्रसाद पांडेय, बीएचयू जन्तु विज्ञान विभाग की प्रो. रश्मि सिंह, आईआईटी बीएचयू के प्रो. प्रभाकर, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. नरेंद्र कुमार, यूजीसी सेल इंचार्ज प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह के साथ विद्या परिषद के सभी सदस्य और विभागाध्यक्ष रहे।
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