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विद्यापीठ में सभी गेट बंद कर तलाशी, बैग भी खुलवाए गए

Varanasi News - काशी विद्यापीठ में मेरिट के आधार पर प्रवेश के खिलाफ छात्रों का आंदोलन जारी है। छात्रों पर पुलिस ने कार्रवाई की, जिससे परिसर में तनाव बढ़ गया। 29 दिनों से धरना दे रहे छात्रों को बुधवार को गिरफ्तार कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 12 June 2025 05:36 AM
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विद्यापीठ में सभी गेट बंद कर तलाशी, बैग भी खुलवाए गए

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी विद्यापीठ में मेरिट के आधार पर प्रवेश के विरोध में आंदोलनरत छात्रों पर देररात पुलिसिया कार्रवाई के बाद बुधवार की सुबह तनाव भरी रही। परिसर में भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती रही। विद्यापीठ के सभी गेट सुबह से ही बंद करा दिए गए। छात्रों, कर्मचारियों और शिक्षकों के अलावा काउंसिलिंग के लिए आने वाले अभ्यर्थियों की आईडी देखकर ही परिसर में प्रवेश दिया गया। साढ़े दस बजे डीसीपी काशी, एडीएम सिटी ने फोर्स के साथ पूरे परिसर का भ्रमण किया और छात्रों के बैग तक खुलवाकर तलाशी ली गई। बुधवार को सभी गेट के साथ संकाय और विभागों के सामने भी फोर्स तैनात रही।

मनोविज्ञान विभाग में मंगलवार को शुरू हुई काउंसिलिंग को छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सूचना न देने का आरोप लगाकर रुकवा दिया था। डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने एडीएम सिटी आलोक वर्मा और सिगरा पुलिस के साथ पूरे परिसर में चक्रमण किया। इस दौरान परिसर में बेतरतीब खड़े वाहनों और बिना हेलमेट जा रहे सवारों का चालान भी किया गया। छात्रों की आईडी चेक की गई और बैग खुलवाकर तलाशी हुई। डीसीपी ने कहा कि परिसर में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन या विरोध पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान विश्वविद्यालय सुरक्षा तंत्र भी मुस्तैद रहा। चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर धरनारत नौ छात्रों केस, जेल काशी विद्यापीठ में 29 दिनों से धरनारत छात्रों के खिलाफ सिगरा पुलिस ने शांति भंग में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया। विद्यापीठ के चीफ प्रॉक्टर प्रो. केके सिंह की शिकायत पर सिगरा पुलिस ने मंगलवार देर रात उन्हें जबरिया उठा लिया था। भारी फोर्स के बीच मंडलीय अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद उन्हें रात भर सिगरा थाने में रखा गया। सिगरा पुलिस ने धरने पर बैठे छात्र रवींद्र पटेल, आशीष कुमार मौर्य, करम प्रजापति, शिवम यादव, जतिन पटेल, विनोद यादव, अभिषेक यादव, गणेश राय, आशुतोष गौतम के खिलाफ शांति भंग में चालान की कार्रवाई की। सिगरा थाना प्रभारी निरीक्षक संजय मिश्रा ने बताया कि विद्यापीठ के चीफ प्रॉक्टर प्रो. केके सिंह ने मंगलवार दिन में शिकायत की थी। कहा था कि वे प्रवेश प्रक्रिया के तहत चल रही कांउसिंलिंग प्रभावित कर रहे हैं। सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं। परिसर में अशांति फैला रहे हैं। ये था घटनाक्रम काशी विद्यापीठ में मेरिट के आधार पर प्रवेश के खिलाफ 29 दिन से छात्र आंदोलनरत थे। प्रशासनिक भवन परिसर में चल रहा धरना पांच दिन से भूख हड़ताल में तब्दील हो गया था। मंगलवार को चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर कार्यवाहक एसीपी चेतगंज डॉ. ईशान सोनी फोर्स के साथ देर रात छात्रों को धरने से उठा लिया गया। सीसीटीवी कैमरा मैकेनिक को बंधक बनाने का भी केस छात्रों पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। शिवपुर के अयोध्याधाम कॉलोनी निवासी राज चौबे ने तहरीर में बताया है कि वह विद्यापीठ में सीसीटीवी कैमरे का मैकेनिक है। मंगलवार देर रात चीफ प्राक्टर ने बताया कि रवीन्द्र पटेल, करन प्रजापति और शिवम यादव की अगुवाई में धरना दे रहे छात्रों ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट से घुसकर कैमरे का तार तोड़ दिया है। चीफ प्राक्टर ने उसे तत्काल ठीक करने का आदेश दिया। जब कैमरे ठीक करने गया तो धरनारत रवींद्र, पटेल, करन प्रजापति, शिवम यादव और उनके छह साथियों ने उसे बंधक बना लिया। गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। शोर मचाने पर फोर्स पहुंची और मुक्त कराया। सीपी से मिलकर सांसद ने जताई आपत्ति काशी विद्यापीठ में 29 दिन से आंदोलनरत छात्रों को जबरन जेल भेजने के मामले में राजनीतिक हलचल भी शुरू हो गई है। बुधवार को चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मिलकर छात्रों के खिलाफ अपराधियों जैसी कार्रवाई को अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले पर प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री से भी बात करेंगे। सांसद ने पुलिस कमिश्नर से कहा कि रात 2 बजे छात्रों को उठाकर गिरफ्तार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर छात्र अपने विश्वविद्यालय में सुरक्षित नहीं तो कहां सुरक्षित होंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कुलपति से भी बात की है। वह प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री से मिलकर छात्रहित में समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। दूसरी तरफ, सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ‘लक्कड़ की अगुवाई में छात्र सभा के प्रतिनिधिमंडल ने भी पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने छात्रों की गिरफ्तारी को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की। छात्र सभा के सदस्यों ने कहा कि छात्रों के साथ न्याय नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे।

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