Residents of Kakaramatta Demand Basic Amenities and Improvements in Varanasi बोले काशी : गलियों का ऊबड़-खाबड़ चेहरा, रात में गहन अंधेरा, Varanasi Hindi News - Hindustan
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बोले काशी : गलियों का ऊबड़-खाबड़ चेहरा, रात में गहन अंधेरा

Varanasi News - वाराणसी के ककरमत्ता दक्षिणी इलाके के निवासी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से परेशान हैं। यहाँ की सीवर सफाई, जलनिकासी, और बिजली की स्थिति खराब है। लोग स्ट्रीट लाइट, पार्किंग, और कूड़े के प्रबंधन की मांग कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 8 May 2025 02:32 AM
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बोले काशी : गलियों का ऊबड़-खाबड़ चेहरा, रात में गहन अंधेरा

वाराणसी। हर नींव में दबी होती है सुकून भरे जीवन की आस। जब नींव पर दीवारें खड़ी होने लगती हैं तो दूसरी बुनियादी सुविधाओं की तमन्ना भी इसी आस में जैसे स्वत: गुंथ जाती है। जब सुविधाएं नहीं मिलतीं तो सुकून के पल को कौन कहे, सामान्य जिंदगी भी दूभर महसूस होने लगती है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के दर्द के साथ लंबे समय से गुजर-बसर कर रहे हैं ककरमत्ता दक्षिणी इलाके के लोग। वे इस भरोसे में जीवन काट रहे हैं कि आज नहीं तो कल, उनकी समस्याओं का समाधान मिलेगा। ककरमत्ता ओवरब्रिज के पास बसे इस मोहल्ले में कुछ बुनियादी सुविधाएं हैं लेकिन वे भी अब नया जीवन, मरम्मत-बदलाव और पुनरोद्धार मांग रही हैं।

आबादी 15 हजार से अधिक है। यहां के बाशिंदों की चाह है कि संबंधित विभाग इस मोहल्ले की भी खोज खबर लेता रहे। यह कभी गांव का हिस्सा था लेकिन अब नगर निगम का हिस्सा बन चुका है। नगर निगम की परिधि में आने के बाद यहां के निवासियों को लगा कि अब उनके दिन फिरेंगे, सुविधाएं मिलेंगी। खुशी छा गई थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मोहल्ले में जुटे निवासियों ने ‘हिन्दुस्तान को अपनी पीड़ा सुनाई। घूम-घूमकर उपलब्ध सुविधाओं की दुर्दशा भी दिखाई। कहा कि यहां की समस्याओं से कई बार स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। घर से बाहर निकलते ही समस्याओं से जूझना पड़ता है। मुख्य मार्ग पर अक्सर जाम का दंश झेलना जैसे मजबूरी हो गई है। कभी-कभी तो पैदल सड़क पार करने में भी कठिनाई होती है। वाहनों के दबाव के कारण काफी देर तक रुकना पड़ जाता है। प्रो. असगर अली अंसारी, केएम सिंह ने कहा कि मुख्य सड़क पर आने के बाद अगर आपको दाहिनी ओर जाना है तो पहले बाईं ओर घूमकर पुल के नीचे से होते हुए निकलना होगा। इससे हमारी दूरी बढ़ती है। इमरजेंसी में तो बहुत परेशानी होती है। कहा, डिवाइडर इस तरह व्यवस्थित किया जाए जिससे आवागमन बाधित न हो, मोहल्ले के लोगों को भी आने-जाने में सुगमता रहे। अगर ओवरब्रिज के पास फुट ओवरब्रिज या अंडरपास बना दिया जाए तो आवागमन में काफी राहत हो जाएगी। पुल के पास खाली स्थान पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था हो जाए तो यहां अक्सर लगने वाले जाम से भी कुछ राहत मिल जाएगी। ओवरब्रिज के पास बस स्टाप भी बनाने की जरूरत है। स्ट्रीट लाइट की दरकार मोहम्मद वकील अंसारी, इमरान अंसारी ने कहा कि दिन में पैदल या वाहन से आते समय लोग गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ चौके-ईंटों से बचकर निकल लेते हैं लेकिन रात में ये दिखते नहीं और वाहन हिचकोले खाने लगते हैं। कई बार गिरने की नौबत आ जाती है। अगर स्ट्रीट लाइटें लगा दी जाएं तो रात में आवागमन में काफी सहूलियत हो जाएगी। मार्ग की मरम्मत जरूरी है। जिला प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए। यह मोहल्ला बीएलड्ब्ल्यू और मंडुवाडीह को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग के पास है। 24 घंटे आवागमन होता रहता है। बांस के सहारे बिजली के तार मोहल्ले में कई स्थानों पर बिजली के तार बांस के खंभों के सहारे ले जाए गए हैं। पोल नहीं लगाया गया है। कहीं-कहीं बिजली के तारों का जाल है। हर समय दुर्घटना का अंदेशा रहता है। बिजली कटौती का भी दर्द सालता है। कब बिजली आएगी, कब जाएगी-इसका पता नहीं चलता। इस मोहल्ले में अनेक पावरलूम चलते हैं। दिन-भर खटर-पटर सुनी जा सकती है। मोहम्मद हासिम, मो. सरफराज ने कहा कि बिजली समस्या का समाधान कैसे मिलेगा, यह समझ में नहीं आता। शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं। यह समस्या एक दिन की नहीं, बल्कि वर्षों की है। ओवरफ्लो करता है सीवर अबरार अहमद, सलाउद्दीन अंसारी ने दिखाया कि इस मोहल्ले में सीवर की सफाई नहीं होती। अक्सर ओवरफ्लो करता रहता है। कभी-कभी इसी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। जलनिकासी का उचित प्रबंध नहीं है। प्राय: जलजमाव की दिक्कत झेलनी पड़ती है। थोड़ी भी बारिश में पानी लग जाता है। अभी गर्मी है। बरसात आएगी तो मोहल्ले में हर ओर पानी दिखेगा। पिछली बरसात में तो बहुत परेशानी हुई थी। सीवर की सफाई और जलनिकासी के लिए बेहतर प्रबंध होना चाहिए। कब तक ऐसे ही जीते रहेंगे, समझ में नहीं आता। खाली प्लाट बने कूड़ाघर मोहल्ले के खाली प्लाट में कूड़़ा-कचरा भरा हुआ है। इससे दुर्गंध उठती है। बारिश में कूड़ा बजबजाने लगता है। आसपास के लोगों का जीवन दुश्वार हो जाता है। यहां डस्टबिन भी नहीं है जहां लोग कूड़ा फेंक सकें। इसका परिणाम, जहां खाली प्लाट दिखा, वहीं कूड़ा फेंक दिया। बीडी खान, मो. शाहिद ने कहा कि यहां कूड़ा फेंकने का स्थान तय नहीं है। कूड़ा इधर-उधर बिखरा रहता है। अगर यहां डस्टबिन रखवा दी जाय तो काफी हद तक इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दूषित पानी की आपूर्ति श्याम लाल, प्रो. असगर अली अंसारी, केएम सिंह ने कहा कि मोहल्ला पेयजल का भी संकट झेलता है। ट्यूबवेल के पानी का रंग बताने लगता है कि यह दूषित है। जिनके घरों में आरओ आदि हैं, उन्हें राहत है। पड़ोस के लोगों को शुद्ध पानी मांगने की नौबत भी आ जाती है। इस स्थिति से मुक्ति दिलाने के उपाय होने चाहिए। यह भी बताया कि मोहल्ले में ज्यादातर लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। बीमार होने पर इलाज कराना कठिन हो जाता है। अगर आयुष्मान कार्ड बन जाए तो राहत हो जाएगी। बाशिंदों ने मोहल्ले में पार्क के इंतजाम के साथ ही गलियों से अतिक्रमण हटवाने पर जोर दिया। हमारी भी सुनें डिवाइडर इस तरह व्यवस्थित किया जाए जिससे अवागमन बाधित न हो। ओवरब्रिज के पास बस स्टापेज बने। -केएम सिंह मुख्य सड़क पर आने के बाद अगर दाहिनी ओर जाने के लिए बाईं ओर लंबा घूमना पड़ता है। -प्रो. असगर अली अंसारी दिन में गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ चौके-ईंटों से बचकर निकल लेते हैं लेकिन रात में दिखते नहीं। -मो. वकील अंसारी अगर स्ट्रीट लाइट लगा दी जाए तो रात में आवागमन में सहूलियत हो जाएगी। मार्ग की मरम्मत जरूरी है। -इमरान अंसारी कई स्थानों पर तार बांस के खंभों के सहारे ले जाए गए हैं। पोल नहीं लगाया गया है। दुर्घटना का अंदेशा रहता है। -मोहम्मद हासिम बिजली कटौती का भी दर्द हम लोगों को सालता है। कब आएगी, कब जाएगी पता नहीं। -मो. सरफराज सीवर की सफाई नहीं होती। प्राय: ओवरफ्लो करता रहता है। कभी-कभी इसी के बीच से गुजरना पड़ता है। -अबरार अहमद जलनिकासी का उचित प्रबंध नहीं है। जलजमाव की दिक्कत झेलनी पड़ती है। थोड़ी भी बारिश में पानी लग जाता है। -सलाउद्दीन अंसारी मोहल्ले के खाली प्लाट में कूड़़ा-कचरा भरा है। इससे दुर्गंध आती रहती है। बारिश में कूड़ा बजबजाने लगता है। -बीडी खान कूड़ा फेंकने का स्थान तय नहीं है। अगर यहां डस्टबिन रखवा दिया जाय तो कुछ राहत हो सकती है। -मो. शाहिद सुझाव -ओवरब्रिज के पास वाहनों के लिए पार्किंग बनाने के साथ ही लोगों की सुविधा के लिए बस स्टाप बनाया जाए। -मोहल्ले की गलियों में स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत है, ताकि रात में आने-जाने में दिक्कत का सामना न करना पड़े। -कूड़ा फेंकने का स्थान तय किया जाए। मोहल्ले में एक बड़ा डस्टबिन रखवाने की जरूरत है। कूड़ा उठान भी रोज हो। -सीवर की सफाई के साथ ही जलनिकासी का उचित प्रबंध किया जाए ताकि बरसात में परेशानी न हो। -कई स्थानों पर बिजली के तार बांस के सहारे ले जाए गए हैं। इसे व्यवस्थित किया जाय ताकि दुर्घटना की आशंका न रहे। शिकायतें -ओवरब्रिज के पास वाहनों की पार्किंग का इंतजाम नहीं किया गया है। इसके चलते जाम का दर्द बना रहता है। -मोहल्ले की गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं। इससे रात में लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। -कूड़ा फेंकने का स्थान तय नहीं है। मोहल्ले में एक भी डस्टबिन नहीं है। कूड़ा-कचरा इधर उधर फैला रहता है। -सीवर की सफाई नहीं होती। जलनिकासी का प्रबंध नहीं किया गया है। बरसात में जलजमाव से बहुत परेशानी होती है। -कई स्थानों पर बिजली तार के लिए पोल नहीं लगा है। बांस के सहारे ले जाए गए तारों से दुर्घटना हो सकती है।

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