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बोले काशी- कुओं से सबमर्सिबल तक के सफर के बीच दर्द की दास्तां

Varanasi News - वाराणसी में पेयजल संकट गहरा गया है, जहां पुराने कुएं और तालाब उपेक्षित हैं। नागरिकों ने बताया कि जलनिकासी, सफाई और पाइपलाइन की समस्याएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोग पुराने जल स्रोतों के जीर्णोद्धार की...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीWed, 28 May 2025 12:08 AM
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बोले काशी- कुओं से सबमर्सिबल तक के सफर के बीच दर्द की दास्तां

वाराणसी। गंगा किनारे बसी काशी में पुरखों का पेयजल के प्राकृतिक स्रोत के रूप में कुंओं-तालाबों पर बहुत जोर था। शहर में कभी कुंओं की संख्या दो हजार के आसपास थी। मीठे जल वाले कुएं राहगीरों, तीर्थयात्रियों के लिए उपयोगी रहे हैं। हैंडपंप, सरकारी पाइप और सबमर्सिबल तक के सफर में उनकी उपेक्षा बढ़ी है। वहां भी उपेक्षित हैं जहां पेयजल के समुचित साधन नहीं हैं। मंडुवाडीह त्रिमुहानी के पास मौजूद दो कुएं भी दर्जनों परिवारों को अपनी करुण गाथा सुना रहे हैं। इस उम्मीद में कि शायद उनके दिन लौट आएं। मंडुवाडीह चौराहा या तिराहा ही नहीं, पूरा मार्केट कायाकल्प के दौरे से गुजर रहा है।

इसके चलते स्थानीय ही नहीं, आसपास की कॉलोनियों के लोग तक प्रभावित हैं। तिराहा के पीछे पांच सौ से अधिक घरों के बाशिंदे भी हर दिन जाम, गंदगी और धूल के गुबार से जूझते हैं। मगर इस भीषण गर्मी में उनकी चिंता कुछ अलग है। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान नागरिकों की जुबानी पेयजल की किल्लत प्रमुखता से उभरी। बावजूद इसके कि आधे से अधिक घरों में सबमर्सिबल भी हैं। अजय जायसवाल, रघुवरदास विश्वकर्मा ने कहा कि ये जलस्रोत सौ वर्ष से अधिक पुराने हैं। हाल के दिनों तक इनमें पर्याप्त जल रहता था। लेकिन सफाई न होने और देखरेख के अभाव में वे सूखते जल गए। अब पानी तलहटी में दिखता है। बताया कि काशी की अन्तरगृही परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु अपनी तीर्थयात्रा के दौरान इन कुंओं पर पड़ाव डालते थे। गले की प्यास बुझती और थकान दूर होती थी। मोहल्ले के जरूरतमंद भी उन पर निर्भर थे। अब क्यों जरूरत महसूस हो रही है इनकी? विपिन पाल, सुरेश मौर्या के मुताबिक रोड चौड़ीकरण के दौरान पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से पानी की गंभीर समस्या पैदा हो गई। पाइप लाइन सुधारी गई मगर लीकेज के चलते प्रदूषित जलापूर्ति की शिकायतें बनी हुई हैं। हैंडपंप हैं नहीं, सबमर्सिबल सभी घरों में नहीं लगे हैं। उन्होंने कहा, तब लोगों का ध्यान मोहल्ले में मौजूद दो कुंओं की ओर गया। महससू हुआ कि इनका जीर्णोद्धार हो जाए तो वे जरूरत के समय काम आएंगे। ओंकारनाथ गुप्ता ने बताया कि स्थानीय लोगों ने एकबारगी इनकी सफाई की पहल की मगर सफल नहीं हुए। नगर निगम की मदद के बिना उनसे कचरा-मलबा निकालना संभव नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि जलकल चाहे तो इन कुंओं को वाटर के लोकल रिजरवायर रूप में डेवलप कर सकता है। रामदास गुप्ता ने कहा कि दोनों कुंओं के आसपास जगह है। वहां चबूतरा बनवा देना चाहिए। मीना देवी, विजय आदि ने ध्यान दिलाया कि त्रिमुहानी के पास बनी पानी टंकी भी मुद्दत से जल निगम और नगर निगम की नजरों से उपेक्षित है। उसकी कई माह से सफाई नहीं हुई है। उससे समय-समय पर गदला और बदबूदार पानी आता है। कटघरे में स्वच्छता अभियान अजय जायसवाल और रघुवरदास विश्वकर्मा बोले, नगर निगम में शामिल होने के बाद सुविधाएं बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन समस्याओं का ग्राफ ऊपर ही टिका है। बताया कि स्वच्छता अभियान के तहत केवल सड़कों पर झाड़ू लगती है। कॉलोनी और गलियों में सफाई की व्यवस्था नहीं है। न कूड़ा उठान होता है न ही कूड़े का कंटेनर रखा गया है। बाजार में भी कूड़े का कंटेनर नहीं है। गंदगी बनी रहती है। उससे बीमारियां भी पैर पसारती हैं। लोग खाली प्लॉटों और सड़कों पर कूड़ा फेंकते हैं। इससे स्वच्छ काशी का सपना कैसे साकार होगा। रघुवरदास विश्वकर्मा, बिपिन पाल, विजय ने कहा कि पानी टंकी की समय-समय पर सफाई हो तो लोगों को स्वच्छ जल मिले। इससे बीमारियों का खतरा कम होगा। , रमेश ने बताया कि मोहल्ले में जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। जलजमाव से व्यापार प्रभावित सुरेश कुमार मौर्या, विपिन पाल ने कहा कि मंडुवाडीह त्रिमुहानी के आसपास जलनिकासी का इंतजाम नहीं है। बरसात के दिनों में जलजमाव हो जाता है। तब आवागमन में परेशानी होती है। रामदास गुप्ता, संजय कुमार ने ध्यान दिलाया कि क्षेत्र में बड़ा मार्केट है। जलजमाव से दुकानदारों और ग्राहकों को परेशानी होती है। व्यापार पर असर पड़ता है। सुमित ने बताया कि मुड़ौला रोड के पास सीवरलाइन नहीं गई है। इससे समस्या गंभीर हो जाती है। जोर दिया कि बारिश शुरू होने से पहले जल निकासी की व्यवस्था हो जाए तो बहुत राहत होगी। टेढ़ा पोल बना खतरनाक नितिन मौर्या, शिवम जायसवाल ने बताया कि मंडुवाडीह त्रिमुहानी के पास कई पुराने पोल हटाए बिना ही नए पोल लगा दिए गए हैं। एक पुराना पोल टेढ़ा हो गया है। वह कभी भी गिर सकता है। मिथिलेश कुमार, आशुतोष दीक्षित ने जोर दिया कि पुराने पोल को हटा देना चाहिए। इससे लोगों को सड़क किनारे वाहन खड़ा करने की जगह मिलेगी। मांडवी तालाब में बने तीन द्वार संजय कुमार ने कहा कि मांडवी तालाब काफी बड़ा है। सुंदरीकरण से उसका स्वरूप निखरेगा। तब छठ के समय स्थानीय के साथ ही आसपास के लोग भी पूजा करेंगे। इससे भीड़ होगी। बताया कि यहां निकासी के लिए एक गेट बनाया जा रहा है। जबकि कम से कम तीन द्वार बनना चाहिए। उससे भीड़ नियंत्रण में आसानी होगी। किशन, कुलदीप, नितिन मौर्या ने कहा कि तालाब बनने के बाद मॉर्निंग वॉक के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत, छठ आदि पर्वों पर पूजन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि तालाब परिसर में सफाई का स्थायी इंतजाम होना चाहिए। प्रतिदिन झाड़ू लगे और कूड़ा उठान हो। कूड़े के कंटेनरों की दरकार रामदास गुप्ता, रमेश, संजय कुमार ने कहा कि कॉलोनी, गलियों और बाजार में कूड़े के लिए कंटेनर नहीं रखा गया है। लोग सड़कों पर कचरा फेंक देते हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए जगह-जगह कूड़े का कंटेनर रखा जाए। कहा कि खुले में कचरा फेंकने से गंदगी के साथ ही मच्छर पनपते हैं। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। नगर निगम फॉगिंग भी नहीं कराता। दुकानदारों से होती है अवैध वसूली मंडुवाडीह क्षेत्र में कपड़ों से लेकर खाद्य सामग्री आदि की बिक्री होती है। दुकानदारों का आरोप है कि छापे के नाम पर उनसे अवैध वसूली होती है। अधिकारी आते हैं और लाखों के चालान के नाम पर हजारों रुपये लेकर चले जाते हैं। ऐसा किसी एक दिन नहीं बल्कि हर माह होता है। पैसे की कोई रसीद भी नहीं मिलती है। रामदास गुप्ता, कृष्णा ने कहा कि दुकानदार अगर नियम कानून के विरुद्ध काम करते हैं जो निश्चित जुर्माना लगे लेकिन उत्पीड़न न हो। विजय जायसवाल ने कहा कि अधिकरियों को नियमानुसार कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध वसूली पर रोक लगनी चाहिए। हमें भी सुनें मंडुवाडीह त्रिमुहानी के पास की पानी टंकी की सफाई कई माह से नहीं हुई है। इससे घरों में गंदा पानी आता है। - अजय जायसवाल स्वच्छता अभियान के तहत केवल सड़कों पर झाड़ू लगती है। हमारी गलियों में गंदगी बनी रहती है। - मीना देवी कॉलोनी और गलियों में कूड़े का कंटेनर नहीं है। इस वजह से लोग सड़कों पर कूड़ा फेंकते हैं। -रघुवरदास विश्वकर्मा मंडुवाडीह त्रिमुहानी के पीछे की आबादी में बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या होती है। -विपिन पाल मंडुवाडीह त्रिमुहानी के आसपास कई पुराने पोल हटाए नहीं गए हैं। वे हट जाएं तो लोग वाहन खड़ा कर सकेंगे। - विजय जायसवाल बिजली का एक पोल टेढ़ा हो गया है। यह कभी भी गिर सकता है। इस पर तार लगे हुए हैं। - सुरेश कुमार मौर्या मांडवी तालाब परिसर में एक ही गेट बन रहा है। आगे भीड़ को देखते हुए तीन द्वार बनने चाहिए। - ओंकारनाथ गुप्ता मार्केट में दुकान खोलने के समय 10 बजे झाड़ू लगती है। इससे परेशानी होती है। सुबह ही झाड़ू लगनी चाहिए। - रामदास गुप्ता क्षेत्र के दो खस्ता हाल कुंओं का जीर्णोद्धार होने से पेयजल समस्या में कमी आ सकती है। - रमेश दुकानदारों से अवैध वसूली पर रोक लगे। इसके लिए सख्त नियम बने। जुर्माने की रसीद मिलनी चाहिए। - संजय कुमार ................................. सुझाव 1- समय-समय पर पानी टंकी की सफाई हो ताकि लोगों को शुद्ध जल मिल सके। लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। 2- दोनों कुंओं का जीर्णोद्धार कराया जाए ताकि उनका उपयोग किया जा सके। उनसे जल संचयन भी होगा। 3- बारिश से पहले जलनिकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। इससे आम लोगों के साथ ही दुकानदारी में भी परेशानी नहीं होगी। 4- बिजली के पुराने पोल हटाए जाएं। इससे जगह का सही उपयोग होगा। जो पोल टेढ़ा हो गया है, उसे पहले हटाया जाए। 5- कॉलोनी, गलियों में भी रोज झाड़ू लगनी चाहिए। कूड़े का कंटेनर भी रखा जाए ताकि लोग खुले में कूड़ा न फेंकें। शिकायतें 1- पानी टंकी की सफाई नहीं होती है। इससे घरों में गंदा पानी आ रहा है। बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। 2- क्षेत्र में दो कुएं हैं। उनके चारो तरफ गंदगी है। जल के प्राकृतिक स्रोत का संरक्षण नहीं किया जा रहा है। 3- बारिश का पानी निकलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इससे आम लोगों के साथ ही दुकानदारों को परेशानी होती है। 4- बिजली के पुराने पोल नहीं हटाए गए हैं। वहीं एक पोल टेढ़ा हो गया है। इससे बड़े हादसे का डर बना रहता है। 5- सड़कों पर ही सफाई होती है। गलियों और कॉलोनियों में झाड़ू नहीं लगती। कूड़े का कंटेनर भी नहीं रखा गया है। लोग खुले में कूड़ा फेंकते हैं।

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